बड़े अजीब से हो गए हैं रिश्ते आजकल !!
सब फुरसत में हैं पर वक्त किसी के पास नहीं !!
फुरसत में ही याद कर लिया करो हमें !!
दो पल मांगते है पूरी जिंदगी तो नहीं !!
गुज़र गया आज का दिन पहले की तरह !!
ना हम को फुर्सत मिली ना उनको ख्याल आया !!
हमें फुरसत नहीं मिलती कभी आंसू बहाने से !!
कई ग़म पास आ बैठे तेरे एक दूर जाने से !!
काश तुझे कभी फुरसत में ये खयाल आ जाए !!
की कोई याद करता है तुम्हें जिन्दगी समझकर !!
वो इश्क नहीं हम से कारोबार कर रहे थे !!
कि जब फुर्सत में थे तभी प्यार कर रहे थे !!
कभी मिले तुम्हे फुरसत तो इतना जरुर बताना !!
वो कौन सी मौहब्बत थी जो हम तुम्हे दे ना सके !!
मंहगीं तो फुर्सत है जनाब सुकुन तो आज भी !!
सस्ता है,चाय की प्याली में भी मिल जाता है !!
कभी फुर्सत मिले तो आना मेरी गली में !!
कोई आज भी तेरा नाम ले-ले कर रो रहा है !!
मोहब्बत करने से फुरसत नहीं मिली यारो !!
वरना हम करके बताते नफरत किसको कहते है !!
जब फुर्सत मिले मन की बात कह दीजिए !!
बहुत खामोश रिश्ते ज्यादा देर तक जिंदा नहीं रहते !!
मुझे फुर्सत ही कहा की मौसम सुहाना देखूं !!
आपकी याद से निकलूं तो ज़माना देखूं !!
तेज रफ़्तार ज़माने में फुरसत में बड़े हैं लोग !!
मेरी बातें करते हुए चौराहों पर खड़े हैं लोग !!
मुझे तेरे सिवा कुछ सोचने की फुरसत नहीं !!
ओर तुम कहते हो मैं भूल जाऊँ तुम्हें !!
बड़ी मशरूफ रहती है आशिको की जिंदगी !!
फुरसत में भी वो इश्क़ का ख्वाब बुनते रहते है !!
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