Fikar karne wale shayari
नसीब में नही होते !!
फ़िक्र करने वाले लोग !!
जो फिकर करते है !!
अक्सर उन्हे ग़लत समजते है लोग !!
गुस्सा इतना है कि तुमसे !!
कभी बात भी ना करूँ !!
फिर भी दिल में तेरी फिक्र !!
खुद से ज्यादा है !!
बात बस इतनी सी है !!
हमें तुम्हारी फिकर !!
तुमसे थोड़ी ज़्यादा है !!
तुम्हारी फिक्र है मुझे !!
इसमे कोई शक नही !!
तुम्हे कोई और देखे !!
किसी को ये हक नही !!
किसी की चाहत और मोहब्बत पर !!
दिल से अमल करना !!
दिल टुटे न उसका इतनी सी फिक्र करना !!
हम आईना हैं आईना ही रहेंगे !!
फ़िक्र वो करें !!
जिनकी शक्लो में कुछ और !!
दिल में कुछ और है !!
करू क्यों फ़िक्र की !!
मौत के बाद जगह कहाँ मिलेगी !!
जहाँ होगी महफिल !!
मेरे यारो की मेरी रूह वहाँ मिलेगी !!
फ़िक्र ना होती तेरी !!
तो कब के ज़िंदगी से दर गये होते !!
तुम ना होते जो साथ हमारे !!
हम तो कब के मर गये होते !!
ये फिकर ये अदावतें !!
ये अंदाज़ ऐ गुफ्तगूं !!
संभल जाओ तुम !!
तुम्हें हमसे मोहब्बत हो रही है !!
कई बार हम किसी की !!
इतनी फ़िक्र कर लेते है !!
जितनी उनको हमारी !!
जरूरत भी नही होती !!
मौका मिले कभी तो ये जरुर सोचना !!
एक लापरवाह सा लड़का !!
तेरी अपने आप से ज्यादा !!
फ़िक्र क्यू करता है !!
उनकों ज़माने की फिक्र है !!
हमको उनकी !!
इन दो फ़िक्र कीं दिवार में !!
एक मुहब्बत है जलती !!
मुझे अपनी फ़िक्र कहाँ !!
मुझे तो फ़िक्र तुम्हारे इश्क कि है !!
जिसका क़त्ल करने कि इजाजत !!
मेरा जमीर मुझे नहीं देता !!
तेरा ज़िक्र तेरी फ़िक्र !!
तेरा एहसास तेरा ख्याल !!
तू खुदा तो नहीं !!
फिर हर जगह क्यों हैं !!
कितनी फ़िक्र है कुदरत को !!
मेरी तन्हाई की !!
जागते रहते हैं रात भर !!
सितारे मेरे लिए !!
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