Fikar mat kar bande shayari
फिक्र ना करो हम !!
कोई जंजीर नहीं हैं !!
कि पाँव से लिपट जायेंगे !!
हम तो मोहब्बत हैं !!
राख बन के तेरी !!
राहों में बिखर जाएंगे !!
जी चाहे की दुनिया की हर एक फ़िक्र भुला कर !!
दिल की बातें सुनाऊँ तुझे मैं पास बिठा कर !!
दूर कहीं जहां कोई न हो हमारे अलावा !!
टूट कर प्यार करूँ मैं तुम्हें सीने से लगा कर !!
जी भर के देखू तुझे अगर गवारा हो !!
बेताब मेरी नज़रे हो और चेहरा तुम्हारा हो !!
जान की फ़िक्र हो न जमाने की परवाह !!
एक तेरा प्यार हो,जो बस हमारा हो !!
चोट लगी तो अपने अन्दर चुपके चुपके रो लेते हो !!
अच्छी बात है आसानी से जख्मों को तुम धो लेते हो !!
दिन भर कोशिश करते हो सबको गम का दरमाँ मिल जाये !!
नींद की गोली खाकर शब भर बेफ़िक्री में सो लेते हो !!
कभी तुम पूछ लिया करना !!
कभी हम भी ज़िक्र कर लिया करेंगे !!
छुपाकर दिल के दर्द को !!
एक दूसरे की फ़िक्र कर लिया करेंगे !!
चेहरों की इतनी फ़िक्र क्यूँ है !!
रंगों की इतनी क़द्र क्यूँ है !!
हुस्न अस्ल किरदार का है !!
गोरा काले से बेहतर क्यूँ है !!
हमको तो अपने सर को छुपाने की फ़िक्र है !!
उनको नया मकान बनाने की फ़िक्र है !!
उसने लगा दी आग की बाकी कुछ ना रहे !!
मुझको हर एक चीज बचाने की फ़िक्र है !!
ज़िन्दगी !!अजीब है गालिब !!
वक़्त की कदर खो जाने के बाद होती है !!
अपनों की फ़िक्र रूठ जाने के बाद होती है !!
और साथ की ज़रूरत अकसर दूर जाने के बाद होती है !!
दूर होते नहीं जो दिल मे रहा करते हैं !!
हम रहें आपके पास यही दुआ करते हैं !!
ना रास्ते की फिकर ना मंज़िल का गिला !!
हम तो मुसाफिर हैं मुश्किल से मिला करते हैं !!
मौका मिले कभी तो ये जरुर सोचना !!
एक लापरवाह सा लड़का !!
तेरी अपने आप से ज्यादा !!
फ़िक्र क्यू करता है !!
फ़िक्र तो तेरी आज भी करते है !!
बस जिक्र करने का हक नही रहा !!
दो आँखो मे दो ही आँसू !!
एक तेरे लिए एक तेरी खातिर !!
हम आईना हैं आईना ही रहेंगे !!
फ़िक्र वो करें !!
जिनकी शक्लो में कुछ और !!
दिल में कुछ और है !!
अब तेरा ज़िक्र नही,अब तेरी फ़िक्र नही !!
क्यू की तू वो नही रहा जिससे मैने मोहब्बत की थी !!
अब तू बन चुका है वो !!
जिसके बारे मैने कभी सोचा भी नही !!
उलझन में हूं या दुख में हूं !!
दोस्त है मेरा फिक्र करेगा !!
दूर है फिरभी भूलेगा नही !!
कभी तो मेरा जिक्र करेगा !!
इसे भी पढ़े:-