farz par shayari
हर फर्ज़ में अहम होता है !!
इंसानियत का फर्ज़ !!
क्योंकि इस दुनिया में हमें !!
चुकाना है उसी का कर्ज़ !!
अपनों की जान से बढ़कर !!
मेरा और कोई फर्ज़ नहीं हैं !!
तेरी मोहब्बत का मुझपर !!
ऐसा कोई कर्ज़ नहीं हैं !!
चाहे खुद के लिए तुम !!
सपनों के बगैर जीना !!
संतान की अच्छी परवरिश का !!
दुनिया में ,फर्ज मगर निभाना !!
बुरे वक्त में एक दूसरे की !!
मदद करना जरूरी होता है !!
इंसानियत के फर्ज को !!
अदा करना जरूरी होता है !!
खुशियां हो चाहें,दिल में !!
फिर भी गम होते हैं !!
दोस्ती का फर्ज निभाने वाले !!
दोस्त कम होते हैं !!
भले चाहे अपनों की !!
तुम राह तकना !!
जिंदगी में फर्ज मगर !!
जरूर याद रखना !!
जिंदगी में खुशियों के !!
फूल खिलने चाहिए !!
दोस्त जरूर फर्ज निभाने !!
वाले मिलने चाहिए !!
अपने दिल से अक्स !!
उनके मिटा नहीं सकते !!
अपनों का फर्ज़ हम !!
कभी चुका नहीं सकते !!
किसी को एहसान से !!
कोई झुका ना पाया !!
सच्चे रिश्ते में फर्ज !!
कोई चुका ना पाया !!
तहे दिल से निभाया !!
प्यार में जो वादा किया !!
दूर रहकर भी इश्क का !!
फर्ज मैंने अदा किया !!
रिश्ते में शिकायत से !!
दिल पर कर्ज होता है !!
अपनों को समझ लेना !!
हमारा फर्ज होता है !!
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