farz shayari in hindi
सुना है बोले तो बातों से फूल झड़ते हैं !!
ये बात है तो चलो बात कर के देखते हैं !!
सुना है दिन को उसे तितलियाँ सताती हैं !!
सुना है रात को जुगनू ठहर के देखते हैं !!
महबूब के लिए कितना सुंदर श्रृंगार रस है !!
अहमद फ़राज़ की ग़ज़लें इस तरह की तमाम शायरी से भरी पड़ी हैं !!
ग़म-ए-दुनिया भी ग़म-ए-यार में शामिल कर लो !!
नशा बढ़ता है शराबें जो शराबों में मिलें !!
कुछ तो मिरे पिंदार-ए-मोहब्बत का भरम रख !!
तू भी तो कभी मुझ को मनाने के लिए आ !!
डूबते डूबते कश्ती को उछाला दे दूँ !!
मैं नहीं कोई तो साहिल पे उतर जाएगा !!
जुदाइयाँ तो मुक़द्दर हैं फिर भी जान-ए-सफ़र !!
कुछ और दूर ज़रा साथ चल के देखते हैं !!
इस ज़िंदगी में इतनी फ़राग़त किसे नसीब !!
इतना न याद आ कि तुझे भूल जाएँ हम !!
ज़िंदगी से यही गिला है मुझे !!
तू बहुत देर से मिला है मुझे !!
यूँही मौसम की अदा देख के याद आया है !!
किस क़दर जल्द बदल जाते हैं इंसाँ जानाँ !!
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