फर्ज शायरी स्टेटस
आप हमारे साथ नहीं !!
चलिए कोई बात नहीं !!
आप किसी के हो जाएँ !!
आप के बस की बात नहीं !!
अब हम को आवाज़ न दो !!
अब ऐसे हालात नहीं !!
इस दुनिया के नक़्शे में !!
शहर तो हैं देहात नहीं !!
सब है गवारा हम को मगर !!
तौहीन-ए-जज़्बात नहीं !!
हम को मिटाना मुश्किल है !!
सदियाँ हैं लम्हात नहीं !!
ज़ालिम से डरने वाले !!
क्या तेरे दो हाथ नहीं !!
कैसे आकाश में सूराख़ नहीं हो सकता !!
एक पत्थर तो तबीअत से उछालो यारो !!
देखकर जब बच्चे को माँ-बाप मुस्कुराते है !!
हर बच्चे को उनमे अपने भगवान नजर आते है !!
मा-बाप अपना दर्द भूल जाते है।मर्ज भूल जाते है !!
बच्चे बडे होकर फर्ज भूल जाते है कर्ज भूल जाते है !!
रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ !!
आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ !!
अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिलें !!
जिस तरह सूखे हुए फूल किताबों में मिलें !!
किस किस को बताएँगे जुदाई का सबब हम !!
तू मुझ से ख़फ़ा है तो ज़माने के लिए आ !!
हुआ है तुझ से बिछड़ने के बा’द ये मा लूम !!
कि तू नहीं था तिरे साथ एक दुनिया थी !!
तुम तकल्लुफ़ को भी इख़्लास समझते हो फ़राज़ !!
दोस्त होता नहीं हर हाथ मिलाने वाला !!
सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं !!
सो उस के शहर में कुछ दिन ठहर के देखते हैं !!
सुना है रब्त है उस को ख़राब-हालों से !!
सो अपने आप को बरबाद कर के देखते हैं !!
सुना है बोले तो बातों से फूल झड़ते हैं !!
ये बात है तो चलो बात कर के देखते हैं !!
सुना है दिन को उसे तितलियाँ सताती हैं !!
सुना है रात को जुगनू ठहर के देखते हैं !!
आप हमारे साथ नहीं !!
चलिए कोई बात नहीं !!
आप किसी के हो जाएँ !!
आप के बस की बात नहीं !!
अब हम को आवाज़ न दो !!
अब ऐसे हालात नहीं !!
इस दुनिया के नक़्शे में !!
शहर तो हैं देहात नहीं !!
सब है गवारा हम को मगर !!
तौहीन-ए-जज़्बात नहीं !!
हम को मिटाना मुश्किल है !!
सदियाँ हैं लम्हात नहीं !!
ज़ालिम से डरने वाले !!
क्या तेरे दो हाथ नहीं !!
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