जो ज़ाहिर हो जाए वो दर्द कैसा !!
और जो खामोशी न समझ सके वो हमदर्द कैसा !!
सज़ा यह मिली कि आँखों से नींद छीन ली उन्होंने !!
जुर्म बस ये था कि उसके साथ रहने का ख्वाब देखा था मैंने !!
मत बनाओ मुझे फुर्सत के लम्हों का खिलौना !!
मैं भी इंसान हूँ मुझे भी दर्द होता है !!
आती तो होगी जहन में गुजरे हुये दिनों की याद !!
वो याद तो करता होगा मुझे कभी कभी !!
फुर्सत में जब किसी की याद आती है !!
कसम से बहुत रुलाती है !!
शहर ग़ैर हो चुका है !!
तुम ग़ैर हुये तो क्या हुए !!
बस यूँ उम्र कटी दो अल्फ़ाज़ में !!
एक आस में दूसरी काश में !!
तेरे बाद हमारा हमदर्द कौन बनेगा !!
हमने तो सब छोड़ दिया तुझे पाने की जिद में !!
यकीन मानो ये मोहब्बत इतनी भी आसान नही !!
हजारों दिल टूट जाते हैं एक दिल की हिफाज़त में !!
ना रहा करो उदास किसी वेबफा की याद में !!
वो खुश है अपनी दुनिया में तुम्हारी दुनिया उजाड़ के !!
इतना दर्द तो मौत भी नही देती !!
जितना दर्द तेरी ख़ामोशी मुझे दे रही है !!
वो सुना रहे थे अपनी वफाओ के किस्से !!
हम पर नज़र पड़ी तो खामोश हो गए !!
अंधेरे का सोदा था मेहबूब बेईमान हो गया !!
मोहब्बत की तलाश मे मुक्कदर नीलाम हो गया !!
मुद्दत हो गई है चुप रहते रहते !!
कोई सुनता तो हम भी कुछ कहते !!
जख्म कहां कहां से मिले है छोड़ इन बातों को !!
जिंदगी तु तो ये बता सफर कितना बाकी है !!
आज फिर याद आ रही है तुम्हारी !!
खुद को संभालें या अश्कों को !!
नफरत मत करना मुझसे बुरा लगेगा !!
बस एक बार प्यार से कह देना अब तेरी जरूरत !!
मतलब का वजन बहुत ज्यादा होता है !!
तभी तो मतलब निकलते ही रिश्ते हल्के हो जाते है !!
मोहब्बत हाथ में पहनी गयी चूड़ी की तरह होती है !!
खनकती है संवरती है और आखिर टूट जाती है !!
कुछ और कश लगा ले ऐ ज़िन्दगी !!
बुझ जाऊंगा किसी रोज़ सुलगते-सुलगते !!
मिला तो बहुत कुछ है इस जिंदगी से !!
मगर याद बहुत आते है !!
वो जिनको हासिल ना कर सके !!
तूम तो मेरे बाद हुये हो तन्हा !!
हम तो तेरे साथ भी अकेले थे !!
हर काम किया मैंने उसकी खुशी के लिए !!
तब भी जाने क्यों बेवफा कहलाता हूँ !!
सुना था दिल से देखो तो सपने सच होते हैं !!
फिर ख्वाबों में आने वाले क्यों अपने नही होते !!
वो अपनी जिन्दगी में मसरूक इतना हुये !!
कि वो किस-किस को भूल गये उन्हें यह भी याद नहीं !!
क्या लिखूँ दिल की हकीकत आरज़ू बेहोश है !!
ख़त पर हैं आँसू गिरे और कलम खामोश है !!
काग़ज़ पे तो अदालत चलती है !!
हमने तो तेरी आँखो के फैसले मंजूर किये !!
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अजीब खेल का मैदान है ये दुनिया भी !!
जिसको जीत चुके थे उसी से हार गए !!
दिल के रिश्तों कि नज़ाक़त वो क्या जाने !!
नर्म लफ़्ज़ों से भी लग जाती हैं चोटें अक्सर !!
हद से बढ़ जाये तालुक तो गम मिलते हैं !!
हम इसी वास्ते अब हर शख्स से कम मिलते है !!
बस एक भूलने का हुनर ही तो नहीं आता !!
वरना भूलना तो हम भी बहुत कुछ चाहते है !!
दर्द की शाम है आँखो मे नमी है !!
हर साँस कह रही है बस तेरी कमी है !!
काश वो हल्दी कहीं मिल जाये !!
जिसे पीने से वक्त का दिया हर ज़ख्म भर जाये !!
आज वही मुझे अकेला कर गया !!
जो कभी मुझे दुआओं में मांगता था !!
मेरी हज़ार उलझनों के बीच !!
तेरा इन्तजार करना इश्क़ है !!
जब-जब जहाँ-जहाँ मुझे तुम्हारी ज़रुरत पड़ी !!
तब-तब वहाँ-वहाँ मेरा साथ छोड़ने का शुक्रिया !!
कितनी ही शिद्दत से निभा लो तुम !!
ये रिश्ता बदलने वाले बदल ही जाते हैं !!
तुम्हारी तरह समझदार बन गया हूँ मैं !!
अब ये मत कहना बदल गया हूँ मैं !!
खुद को खोया था तुम्है पाने की चाह में !!
ना तुम मेरे हुए ना अब हम अपने ही रहे !!
इश्क करने के बाद कुछ यूँ हादसा हुआ !!
यादें तो साथ रह गयी ज़ज्बात का तमाशा हुआ !!
तेरी फुर्सतों को खबर कहाँ !!
मेरी धड़कने उदास हैं !!
गजल के रूप में ढल जाऊं काश मै भी कभी !!
उदास लम्हों में शायद तुम मुझे गुनगुनाया करो !!
काश वो आये और आ कर कहे !!
तेरे दर्द से मुझे भी तकलीफ होती हैं !!
हम उसके चेहरे को कभी कभी रुख से उतार देते है !!
कभी कभी तो हम खुद को ही मार देते है !!
जिंदगी में मैंने बेवजह बेवफाओं को याद किया है !!
मैंने गलत लोगों पे बहुत वक्त बरबाद किया है !!
रोज नयी परेशानी और रोज नयी कोशिश होती है !!
जिंदगी ऐसे ही चलती है इसी का नाम जिंदगी है !!
ज़िन्दगी को जो हर हालात में स्वीकार कर लेता है !!
ज़िन्दगी उसे के आगे ही सर झुकाती है !!
ऐसा खेल खेला ज़िन्दगी ने !!
न तो फिर हसी आई न ही कोई आंसू आया !!
कौन सीखा है सिर्फ बातो से !!
एक हादसा ज़रूरी है !!
शर्तों में कब बाँधा है !!
तुम्हें जिन्दगी ये तो उमीदों के धागे हैं !!
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सारे सबक़ किताबों में नहीं मिलते !!
कुछ सबक़ ज़िंदगी भी सिखाती है !!
कीमत दोनों की चुकानी पड़ती है !!
बोलने की भी और चुप रहने की भी !!
लोग कहते है कि त्यौहार फीके हो गए !!
सच यो ये है की व्यवहार फीके हो गए !!
हम जिंदगी में ज़रा मशरूफ क्या हुए !!
लोगो ने तो दिलो से निकाल दिया !!
ख़त जो लिखा मैनें वफादारी के पते पर !!
डाकिया ही चल बसा शहर ढूंढ़ते ढूंढ़ते !!
तकलीफ ये नही की किस्मत ने मुझे धोखा दिया !!
मेरा यकीन तुम पर था किस्मत पर नही !!
बेवफा लोग बढ़ रहे हैं धीरे धीरे !!
इक शहर अब इनका भी होना चाहिऐ !!
अगर यकीन नहीं आता तो आजमाएं !!
मुझे वह आईना है तो फिर आईना दिखाइए मुझे !!
हम भी खो जायेंगे अपनी दुनिया में इस कदर !!
कि वो ढूंढेगी बहाने मुझसे बात करने के !!
मेरा कत्ल करने की उसकी साजीश तो देखो !!
करीब से गुज़री तो चेहरे से पर्दा हटा लिया !!
मैं बुरा या मुझ में लाख बुराई है !!
चलो तुम अपनी एक अच्छाई तो गिनवा दो !!
कांटो से बच कर चलते रहे उम्र भर !!
जब चोट लगी तो एक फूल ने घायल कर दिया !!
प्यार क्या होता है यह मिलकर जाना है उनसे !!
इसमें दर्द भी होता है दूर रहकर जाना है उनसे !!
आज कल वो हमसे डिजिटल नफरत करते हैं !!
हमें ऑनलाइन देखते ही ऑफलाइन हो जाते हैं !!
दर्द अक्सर उन्हें ही मिलता है !!
जो रिश्ते दिल से निभाया करते हैं !!
जरा सी बात पर ना छोड़ किसी अपने का दामन !!
ज़िन्दगी बित जाती है अपनों को अपना बनाने में !!
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प्यार वो गुनाह है जो करते तो सभी है !!
मगर सजा सिर्फ वफ़ा करने वाले को मिलती है !!
पता तो मुझे भी था कि लोग बदल जाते हैं !!
पर मैने तुम्हे उन लोगों में गिना ही नही था !!
इतिहास गवाह है !!
खबर हो या कबर खोदते हमेशा अपने ही हैं !!
वो जा रहा है छोड़ कर !!
बताओ रास्ता दूँ या वास्ता दूँ !!
मैंने कुछ दिन खामोश रहे कर देखा !!
मेरा नाम तक भूल गए हैं मेरे साथ चलने बाले !!
तेरा और मेरा इतना ही किस्सा हैं !!
तू मेरे दर्द का एक अहम हिस्सा हैं !!
सुनो कोई टूट रहा है तुम्हे एहसास दिलाते दिलाते !!
सीख भी जाओ किसी की चाहत की कदर करना !!
कितनी अजीब है मेरे अन्दर की तन्हाई भी !!
हजारो अपने है मगर याद तुम ही आते हो !!
कभी-कभी हाथ छुड़ाने की ज़रूरत नहीं होती !!
कुछ लोग तो साथ रह कर भी बिछड़ जाते हैं !!
खुदकुशी की हिम्मत नही है मुझ में !!
बस दुआ है कोई हादसा हो जाए !!
दिल तोड़ के जाने मे जो मज़ा तुझे आता है !!
बस ये देखकर ही मेरा दिल भर आता है !!
खामोशियों की गूंज बड़ी गहरी होती है !!
पत्थर तो क्या दिल भी चीर देती है !!
सुनो तुम कर लो नजरंदाज अपने हिसाब से !!
हम तो मोहब्बत बेहिसाब ही करेंगे !!
सारे ज़माने में बट गया वक्त उनका !!
हमारे हिस्से में सिर्फ़ बहाने आए !!
मुस्कुरा कर दर्द को सहना क्या सीख लिया !!
सबने सोच लिया हमें तकलीफ ही नही होती !!
मुझे बहुत प्यारी है तुम्हारी दी हुई हर एक निशानी !!
चाहे वो दिल का दर्द हो या आँखों का पानी !!
जिंदगी में कोई अपना न मिला !!
एक जो था वो v धोखा दे गया !!
रहने की कुछ बेहतरीन जगहों में से !!
एक जगह अपनी औकात भी है !!
अब मत खोलना मेरी ज़िंदगी की पुरानी किताबों को !!
जो था वो मैं रहा नहीं, जो हूं वो किसी को पता नहीं !!
कसूर तो बहुत किए है जिंदगी में !!
पर सज़ा वहाँ मिली जहाँ बेकसूर थे !!
है कोई वकील इस जहान में !!
जो हारा हुआ इश्क जीता दे मुझको !!
कहाँ रखूं मैं शीशे सा दिल अपना !!
हर किसी के हाथ मैं पत्थर नज़र आता हैं !!
वो किसी और का होकर बोलते हैं !!
तुम्हारी जगह कोई नही ले सकता !!
दर्द का कहर बस इतना सा है !!
आँखें बोलने लगी और आवाज़ रूठ गयी !!
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हाथ क्या जुल्फ़ो मे भी !!
रंगो को समेट कर रखती थी वो !!
गिरगट से भी ज्यादा रंग बदलने वाली !!
मैं भी मुसाफिर हूँ !!
तेरी किश्ती का ए-जिन्दगी !!
तू जहाँ मुझसे कहेगी वही उतर जाऊंगा !!
टूटे हुए दिल भी धड़कतें हैं !!
उम्र भर चाहे किसी की याद में !!
चाहे किसी की फरियाद में !!
तू मुझे गुनहगार साबित !!
करने की ज़हमत ना उठा !!
बस ये बता क्या-क्या कुबूल करना है !!
मत पूछो कितनी मोहब्बत है मुझे उनसे !!
बारिश की बूँद भी अगर उन्हें छू ले !!
तो दिल में आग लग जाती है !!
हम भी फूलों की तरह कितने बेबस हैं !!
कभी किस्मत से टूट जाते हैं !!
कभी लोग तोड़ जाते हैं !!
हम यही सोच कर उसकी !!
हर बात को सच मानते रहे !!
की इतने खूबसूरत होंठ झूठ कैसे बोलेंगे !!
वो मुझसे बिछड़ कर अब तक नहीं रोया !!
कोई तो हमदर्द है उसका !!
जिसने मेरी याद तक ना आने दी !!
मैं चाहता हूं सुनना सुना दीजिए !!
अगर तुम्हें भी मोहब्बत है !!
मुझसे सनम कुछ इशारा ही करके दिखा दीजिए !!
जीत उसकी होती है जिसने जिंदगी में !!
हर हालत से लड़ना सीख लिया जीत उसकी होती है !!
जिसने ज़िन्दगी में खुश रहना सीख लिया !!
मै फिर याद आऊंगा !!
उस दिन जब तेरे ही बच्चे कहेंगे !!
मम्मी आपने कभी किसी से प्यार किया !!
बड़ी अजीब सी मोहब्बत थी तुम्हारी !!
पहले पागल किया फिर पागल कहा !!
फिर पागल समझ कर छोड़ दिया !!
कितने क्यूट होते है !!
न वो रिलेशनशिप जो रोज़ लड़ते भी है !!
और एक दूसरे के बिना रह भी नहीं सकते है !!
लुट लेते है अपने ही वरना !!
गैरों को कहां पता इस दील की !!
दीवार कहां से कमजोर है !!
सच और ईमानदारी के रास्ते पे !!
चलने का एक फ़ायदा ये भी है कि !!
इस रास्ते में कहीं भीड़ नहीं है !!
दिल तो करता हैं की रूठ जाऊँ !!
कभी बच्चों की तरह !!
फिर सोचता हूँ कि मनाएगा कौन !!
हम अब कैसे करें तेरे !!
प्यार को खुद के काबिल !!
जब हम आदतें बदलतें हैं !!
तब तुम अपनी शर्तें बदल देते हो !!
किस्मत की किताब तो !!
खूब लिखी थी मेरी रब ने !!
बस वही पन्ना गुम कर दिया !!
जिसमें मेरी जान तेरा जिक्र था !!
मेरे सारे कसूरों पर भारी !!
पड़ गया मेरा एक कसूर !!
मैं उसे पसंद करता हूँ !!
बस इसी बात का उसे गुरूर !!
जी लेंगे तेरे अहसासों में !!
कि मेरी जिन्दगी तुम हो !!
इंतजार मेरा मुकद्दर ही सही !!
मेरी आरज़ू तुम और सिर्फ तुम हो !!
मोहब्बत का नतीजा !!
दुनिया में हमने बुरा देखा !!
जिन्हे दावा था वफ़ा का !!
उन्हें भी हमने बेवफा देखा !!
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मैं जाता वहीं तक हूं जहां पर तुम हो !!
मैं देखता हूं वही तक हूं जहां पर तुम हो !!
वैसे तो हजारों लड़कियां हैं जमाने में !!
मैं पहुंचता वही हूं जहां पर तुम हो !!
तू नहीं तो तेरा दिया हुआ गम है !!
तुझे भूल जाए ऐसे नहीं हम हैं !!
लड़कियां तो बहुत हैं जमाने में !!
हर किसी को अपना कहें ऐसे नहीं हम हैं !!
बंद आंखों के सामने मैंने तुम्हें ही पाया !!
हर पल दिल में मैंने तुम्हें ही बसाया !!
मैं आपके बिना जियु तो जियु कैसे !!
क्या कोई जान के बिना जी पाया है !!
कुछ लोग अपनों को मुसीबत में !!
देखकर रास्ता बदल देते हैं !!
दुख तो तब होता है जब मदद !!
मांगने पर वास्ता बदल देते !!
अब बात उसी की करनी है !!
लेकिन उससे बात नहीं करनी !!
वह कितना भी कोशिश करें मिलने की !!
लेकिन उसे मुलाकात नहीं करनी है !!
मोहब्बत तो जरूरतों का नाम है कान्हा !!
दिल को तो लोग यूं ही बदनाम करते हैं !!
कौन करता है कदर यहां सच्ची मोहब्बत की !!
लोग तो यहां सिर्फ जिस्म का व्यापार करते हैं !!
हाथों में अपने दर्द लिए !!
गमों को पन्नों से बयां करता हूं !!
जी हां मैं वही शायर हूं जनाब !!
जो हर बेवफा की औकात लिखता हूं !!
अरे तुझे छोड़कर जाना है तो जा !!
चाहने वालों के लिए तो रास्ता बड़ा है !!
तुझे क्या लगता है तू ही है मेरे फिक्र करने के लिए !!
अरे अभी हमें चाहने के लिए जमाना पड़ा है !!
तू चाहे लाख कोशिश कर मुझे बुलाने की !!
मगर तू ऐसा हरगिज़ नहीं कर पाएगी !!
तू देखेगी जब भी अपना चेहरा आईने में !!
अपनी आंखों में तेरी मेरी इस सूरत नजर आएगी !!
जिंदगी एक चाहत का सिलसिला है !!
कोई मिल गया तो कोई बिछड़ गया !!
जिन्हें मांगा तो दुआओं में !!
वह किसी को बिना मांगे मिल गया !!
तुम खफा हो गए तो खुशी ना रहेगी !!
तुम्हारे बिना लबों पर मेरे हसी ना रहेगी !!
क्या बताएं क्या गुजरेगी मेरे दिल पर !!
जिंदा तो रहेंगे पर जिंदगी ना रहे !!
कांच का तोहफा ना देना कभी !!
रूठ कर लोग अक्सर तोड़ दिया करते हैं !!
जो बहुत अच्छे हो उनसे प्यार मत करना !!
अच्छे लोग ही दिल तोड़ दिया करते हैं !!
दिल लगाना छोड़ दिया हमने !!
आंसू बहाना छोड़ दिया हमने !!
बहुत चुके धोखे प्यार में !!
मुस्कुराना इसीलिए छोड़ दिया !!
जब हम छोटे थे तो सोने के लिए !!
रोने का नाटक करते थे !!
पर आज हम जब बड़े हो गए हैं !!
तो रोने के लिए सोने का नाटक करते हैं !!
सपनों की तरह आकर चली गई !!
अपनों को भुला कर चली गई !!
किस भूल की सजा दी उसने !!
पहले हंसाया फिर रुला कर चली गई !!
यह हो नहीं सकता कि मुझे आपकी याद ना !!
आए भूल के भी आपको भूलूं वह एहसास ना !!
आए आप भूले तो आप पर कोई आंच ना !!
आए हम भूले तो हमारे अगली सांस ना !!
रूठ गई है खुदा की खुदाई हमसे !!
कहीं मार ना डाले उनकी जुदाई हमें !!
प्यार मिलेगा इसी आस में जिए जा रहा हूं !!
उस बेवफा के नाम पर पिए जा रहा हूं !!
लोग अपना बना कर छोड़ देते हैं !!
रिश्ता गैरों से जोड़ देते हैं !!
हम तो एक फूल भी ना तोड़ सके !!
लोग तो दिल भी तोड़ देते हैं !!
मेरे प्यार में कमी कुछ भी ना थी !!
ना जाने क्यों तू बेगाना हो गया !!
तुझे लगता है कि बहुत खुश हूं मैं !!
मुझे हंसी तो जमाना हो गया !!
मेरी बर्बादी पर तू कोई मलाल ना करना !!
भूल जाना मेरा ख्याल ना करना !!
हम तेरी ही खुशी के लिए कफन ओढ़ देंगे !!
पर तुम मेरी लाश से कोई सवाल न करना !!
इश्क करना तो लगता है !!
जैसे मौत से भी बड़ी सजा है !!
क्या किसी से शिकवा करें !!
जब अपनी तकदीर ही बेवफा है !!
मुझको ऐसा दर्द मिला है जिसकी दवा नहीं !!
फिर भी खुश हूं मुझे उससे कोई गिला नहीं !!
और कितने आंसू बहाऊं अब उसके लिए !!
जिसको खुदा ने मेरे नसीब में लिखा ही नहीं !!
बैठे अश्कों की जुबान नहीं होती !!
लफ़्ज़ों में मोहब्बत प्यार नहीं होती !!
मिले जो प्यार तो कदर करना !!
किस्मत हर किसी पर मेहरबान नहीं होती !!
सारी-सारी रात ना सोए हम !!
रातों को उठ-उठ कर खुब रोते !!
हम एक बार मेरा कसूर बता दे !!
इतना प्यार करके भी क्यों ना तेरे हुए हम !!
आंसुओं को बहुत समझाया !!
तनहाई में आया करो !!
महफिल में हमारा मजाक ना उड़ाया करो !!
इस पर आंसू तड़प कर बोले !!
इतने लोगों में आपको तन्हा पाते हैं !!
इसलिए चले आते हैं !!
हमारे बिना अधूरे तुम रहोगे !!
कभी चाहा था किसी ने तुम यह खुद कहोगे !!
ना होगे हम तो यह आलम ना होगा !!
मिलेंगे बहुत से लेकिन कोई हम सा पागल ना होगा !!
किसी के दिल की मायूसी जहां से होकर गुजरी हैं !!
हमारी सारी चालाकी वहीं पर होकर गुजरी हैं !!
हमारी और तुम्हारी रात में बस एक फर्क इतना है !!
तुम्हारी सो के गुजरी है हमारी रो के गुजरी है !!
रोती हुई आंखों में इंतजार होता है !!
ना चाहते हुए भी प्यार होता है !!
क्यों देखते हैं हम वो सपने जिनके टूटने !!
पर भी उनके सच होने का इंतजार होता है !!
अपनों ने जहर का जाम दे दिया !!
गैरों ने बेवफा नाम दे दिया !!
जो कहते हैं हमें भूल जाना !!
उन्हीं ने भूलने का पैगाम दे दिया !!
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उनकी चाहत में दिल मजबूर हो गया !!
दर्द देना उनका दस्तूर हो गया !!
कसूर उनका नहीं मेरा था !!
मैंने चाहा हाय इतना कि !!
उनको अपने आप पर गुरुर हो गया !!
नफरतें लाख मिलीं पर मोहब्बत न मिली !!
ज़िन्दगी बीत गयी मगर राहत न मिली !!
तेरी महफ़िल में हर एक को हँसता देखा !!
एक मैं था जिसे हँसने की इजाज़त न मिली !!
मोहब्बत ऐसी थी कि उनको बता न सके !!
चोट दिल पे थी इसलिए दिखा न सके !!
हम चाहते तो नही थे उनसे दूर होना !!
मगर दूरी इतनी थी उसे हम मिटा न सके !!
उदास रहता है मोहल्ले में !!
बारिश का पानी आजकल !!
सुना है कागज़ की नाव !!
बनाने वाले बड़े हो गए है !!
खता मत गिन इश्क़ में !!
किसने क्या गुनाह किया !!
इश्क़ इक नशा था !!
तूने भी किया और मैंने भी किया !!
जुल्मो सितम सहते रहे !!
एक बेवफा की आस मे !!
डुबो दिया मुझे दरिया ने !!
दो घूट की प्यास मे !!
उसके इंतज़ार के मारे हैं हम !!
बस उसकी यादों के सहारे हैं हम !!
दुनिया जीत कर क्या करना है अब !!
जिसे दुनिया से जीता था !!
आज उसी से हारे हैं हम !!
कशिश तो बहुत है मेरे प्यार में !!
लेकिन कोई है पत्थर दिल जो पिघलता नहीं !!
अगर मिले खुदा तो मांग लूंगी उसको !!
पर सुना है खुदा मरने से पहले मिलता नहीं !!
सपना कभी साकार नहीं होता !!
मोहब्बत का कोई आकार नहीं होता !!
सब कुछ हो जाता है दुनिया में !!
मगर दुबारा किसी से सच्चा प्यार नहीं होता !!
काश वो समझते इस दिल की तड़प को !!
तो हमें यूँ रुसवा ना किया जाता !!
बेरुखी भी उनकी मंज़ूर थी हमें !!
एक बार बस हमें समझ लिया होता !!
कुछ कदम हम चले !!
कुछ कदम तुम चले !!
फर्क सिर्फ इतना रहा !!
हम चले तो फाँसलेकाम होते गए !!
और तुम चले तो फाँसले बढ़ते गए !!
हमारे लिए उनके दिल में चाहत ना थी !!
किसी ख़ुशी में कोई दावत ना थी !!
हमने दिल उनके कदमों में रख दिया !!
पर उन्हें ज़मीन देखने की आदत ना थी !!
सिलसिले की उम्मीद थी उनसे !!
वही फाँसले बढ़ाते गए !!
हम तो पास आने की कोशिश में थे !!
ना जाने क्यों वह हमसे दूरियाँ बढ़ाते गए !!
हक़ीक़त जान लो जुदा होने से पहले !!
मेरी सुन लो अपनी सुनाने से पहले !!
ये सोच लेना भुलाने से पहले !!
बहुत रोयी हैं ये आँखें मुस्कुराने से पहले !!
कही मिले तो उसे यह कहना !!
गए दिनों को भुला रहा हूँ !!
वह अपने वादे से फिर गया है !!
मैं अपने वादे निभा रहा हूँ !!
रहकर तुझसे दूर कुछ यूँ !!
वक़्त गुज़ारा मैंने ना होंठ हिले !!
ना आवाज़ आई फिर भी !!
हर वक़्त तुझको पुकारा मैंने !!
सामने मंजिल तो रास्ते ना मोड़ना !!
जो मन मे हो वो ख़्वाब ना तोड़ना !!
हर कदम पर मिलेगी सफ़लता !!
बस आसमान छूने के लिए जमीन ना छोड़ना !!
दिल मे आरज़ू के दिये जलते रहेगे !!
आँखों से मोती निकलते रहेगे !!
तुम शमा बन कर दिल में रोशनी करो !!
हम मोम की तरह पिघलते रहेंगे !!
दर्द को दर्द अब होने लगा है !!
दर्द अपने गम पे खुद रोने लगा है !!
अब हमें दर्द से दर्द नही लगेगा !!
क्योंकि दर्द हमको छू कर खुद सोने लगा है !!
जख़्म इतना गहरा हैं इज़हार क्या करें !!
हम ख़ुद निशां बन गये ओरो का क्या करें !!
मर गए हम मगर खुली रही आँखे हमरी !!
क्योंकि हमारी आँखों को उनका इंतेज़ार हैं !!
क्यूँ वो रूठे इस कदर कि मनाया ना गया !!
दूर इतने हो गए कि पास बुलाया ना गया !!
दिल तो दिल था कोई समंदर का साहिल नहीं !!
लिख दिया जो नाम वो फिर मिटाया ना गया !!
जब्त से काम लिया दिल ने तो क्या फक्र करूँ !!
इसमें क्या इश्क की इज्ज़त थी कि रुसवा न हुआ !!
वक्त फिर ऐसा भी आया कि उससे मिलते हुए !!
कोई आँसू भी ना गिरा कोई तमाशा भी ना हुआ !!
पतझड़ भी हिस्सा है ज़िन्दगी के मौसम का !!
फर्क सिर्फ इतना है कुदरत में पत्ते सूखते हैं !!
और हक़ीक़त में रिश्ते !!
अभी ज़रा वक़्त है !!
उसको मुझे आज़माने दो !!
वो रो रोकर पुकारेगी मुझे !!
बस मेरा वक़्त तो आने दो !!
नाराज होने के लिए भी !!
कोई रिश्ता होना चाहिये !!
नाराजगी बड़ी किमती होती है !!
हर किसी पर नहीं लुटाई जा सकती !!
इरादा कत्ल का था तो !!
मेरा सर कलम कर देते !!
क्यू इश्क मे डाल कर तुने !!
हर साँस पर मौत लिख दी !!
तैरना तो आता था हमे !!
मोहब्बत के समंदर मे लेकिन !!
जब उसने हाथ ही नही पकड़ा !!
तो डूब जाना अच्छा लगा !!