दिल मे आरज़ू के दिये जलते रहेगे !!
आँखों से मोती निकलते रहेगे !!
तुम शमा बन कर दिल में रोशनी करो !!
हम मोम की तरह पिघलते रहेंगे !!
प्यार किया तुझको दिलोजान से !!
इस दिल में तुमको इस कदर बसा लिया !!
भुला ना पाया है ये दिल तुझको आज तक !!
लेकिन तुमने तो इसे दुख के आंसू रुला दिया !!
दर्द को दर्द अब होने लगा है !!
दर्द अपने गम पे खुद रोने लगा है !!
अब हमें दर्द से दर्द नही लगेगा !!
क्योंकि दर्द हमको छू कर खुद सोने लगा है !!
जान से ज्यादा प्यार उन्हें किया करते थे !!
याद उन्हें दिन रात किया करते थे !!
अब उन राहों से गुज़रा नहीं जाता !!
जहाँ बैठकर उनका इंतजार किया करते थे !!
मोहब्बत मुकद्दर है कोई ख़्वाब नही !!
ये वो अदा है जिसमें हर कोई कामयाब नही !!
जिन्हें मिलती मंज़िल उंगलियों पे वो खुश है !!
मगर जो पागल हुए उनका कोई हिसाब नही !!
दुख का समा मुझे घेर लेता है !!
जब तेरी याद में ये पल भर के लिए होता है !!
ना जाने कब वो दिन आएगा !!
जब हर पल इस ज़िन्दगी का तेरे साथ गुजर जाएगा !!
वो बात क्या करें जिसकी कोई खबर ना हो !!
वो दुआ क्या करें जिसका कोई असर ना हो !!
कैसे कह दे कि लग जाय हमारी उमर आपको !!
क्या पता अगले पल हमारी उमर ना हो !!
काश एक दिन ऐसा भी आए !!
वक़्त का पल पल थम जाए !!
सामने बस तुम ही रहो !!
और उमर गुज़र जाए !!
जख़्म इतना गहरा हैं इज़हार क्या करें !!
हम ख़ुद निशां बन गये ओरो का क्या करें !!
मर गए हम मगर खुली रही आँखे हमरी !!
क्योंकि हमारी आँखों को उनका इंतेज़ार हैं !!
बोझ हल्का करेंगे सीने का !!
किसी दिन खुद पे ही !!
“रो” के देखेंगे !!
सारा गुनाह इश्क का उस पे ही डाल दो !!
मुजरिम उसे बनाकर मुसीबत को टाल दो !!
ये चमन जहाँ खिला एक फूल मुस्कुराता !!
उसे तोड़कर रकीबों की तरफ उछाल दो !!
कभी ख़ुशी से ख़ुशी की तरफ नही देखा !!
तेरे जाने के बाद किसी और को नही देखा !!
तेरा इंतज़ार करना तो है लाज़िम !!
इसलिए कभी हमने घड़ी की तरफ नही देखा !!
किसी की चाहत पर हमे अब एतवार न रहा !!
अब किसी भी ख़ुशी का हमे एहसास न रहा !!
इन आँखों ने सपनो को टूटते देखा है !!
इसलिए अब जिंदगी में किसी का इंतज़ार न रहा !!
तू क्या जाने की क्या है तन्हाई !!
टूटे हर पत्ते से पूंछो की क्या है जुदाई !!
हमको तू कभी वे वेबफाई का इलज़ाम न देना !!
तू उस वक्त से पूछ की मुझे तेरी याद कब नही आई !!
कितनी दूर निकल आये हम इश्क निभाते निभाते !!
खुद को खो दिया हमने उनको पाते पाते !!
लोग कहते है दर्द बहुत है तेरी आँखों में !!
और हम दर्द छुपाते रहे मुस्कुराते मुस्कुराते !!
मैने लोगो के बारे में सोचना छोड़ दिया है !!
जब से इन तन्हाइयो से !!
मैंने रिश्ता जोड़ लिया है !!
मैंने तुम्हे बेइंतहा मोहब्बत और वक्त दिया !!
लेकिन तुमने मुझे दर्द और तन्हाई !!
के सिवा कुछ और नही दिया !!
तेरे इश्क की जुदाई में !!
हम इस कदर टूटने लगे है !!
जैसे पतझड़ में पेड़ो !!
से पत्ते गिरने लगे है !!
पिंजरे से आजाद क्या हुआ !!
उड़ना भूल गया मैं खुद को !!
बेहतर बनाने की तलाश में !!
अपनो को भूल गया मैं !!
इस इश्क में हम भी बदनाम हो गए !!
तुझे पाने की चाहत में !!
बेनाम हो गए !!
अपने जज्बातो की कदर कीजिए !!
जनाब सुना है लोग यहां !!
अल्फाजो से खेला करते है !!
मैं तो वो टूटता तारा था !!
जो खुद टूट कर भी तुम्हारे !!
हर ख्वाब को पूरा करना जानता था !!
ना जाने क्यो इन आंखों !!
में नमी सी महसूस होती है !!
तेरी मोहब्बत की यादो में !!
मेरे दिल की धड़कन तेज होती है !!
मेरे दर्द को भी वो मेरी !!
शायरी ही समझते रहे !!
मैं बयान करता गया और !!
वो वाह-वाह करते गए !!
मेरे खुदा सलामत रखना उनको !!
जो अभी तुम्हारे पास है क्योकि वो !!
शख्स हमारे लिए बहुत ही खास है !!
किस्मत जब खेल खेलती है !!
तो नई कहानी रची जाती है !!
वो ख्वाबो के सपनो की !!
दुनिया में बवंडर मचा जाती है !!
मैं हर किसी का दिल रखता हूं !!
पर लोग अक्सर भूल जाया करते है !!
की मैं भी तो एक दिल रखता हूं !!
लिख देते है दिल के जज्बात में को यूं ही !!
किताबो पर वरना कौन यकीन करता है !!
यहां किसी की बातो पर !!
लाजमी है मोहब्बत में बेकरारी !!
कमबख्त यह इश्क है ही !!
ऐसी बीमारी जिसे लग जाए !!
वह बन जाता है भिखारी !!
कभी किसी से मोहब्बत !!
बेइंतहा ना करना !!
हम बहुत तड़पे हैं !!
जनाब आप ना तड़पना !!
वह कर चुका था फैसला !!
मुझसे अलग होने का !!
मुझे उससे मिली !!
दर्दे-ऐ-जुदाई कबूल थी !!
हर आहट पर !!
ऐसा लगे कि वो आए !!
उनको दरवाजे पर ना !!
पाऊं तो दिल मेरा टूट जाए !!
लफ्ज़ मिलते नहीं जज्बात क्या !!
लिखूं खामोशियां समझते !!
नहीं अल्फाज क्या लिखूं !
तेरे इश्क को पाना मेरे !!
मुकद्दर में नही तेरी चाहत !!
शायद मेरी किस्मत में नही !!
दिल तो बेशक मैंने !!
तुम्हारे हवाले किया था पर !!
तुमने इसे तोड़कर हमें दर्द दे दिया !!
टूटने पर वही लोग मिलते है !!
जो खो गए हो वह लोग !!
नही मिलते जो बदल गए हो !!
बदलते मौसम की !!
बात ना करें मैने तो इंसानों !!
को रंग बदलते देखा है !!
जिसके साथ बैठकर खुलकर रो !!
लेती थी मै आज वही आंखों में !!
आंसू छोड़कर कही दूर चला गया है !!
जरुरत से ज्यादा वक़्त और इज़्ज़त !!
देने से लोग आपको गिरा हुआ !!
समझने लगते है !!
किसी ने पूछा इतना अच्छा कैसे लिख लेते हो !!
मैने कहा दिल तोड़ना पड़ता है !!
लफ़्ज़ो को जोड़ने से पहले !!
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