तकलीफ़ मिट गई मगर एहसास रह गया !!
ख़ुश हूँ कि कुछ न कुछ तो मेरे पास रह गया !!
तुझे पाना ही मेरी मोहब्बत नहीं !!
तेरे एहसास भी मेरे जीने की वजह हैं !!
क़िफ़ायती दरो पर एहसास बिक रहे हैं !!
चलो थोड़े तुम खरीद लो,थोड़े हम खरीद ले !!
जागना भी कबूल है तेरी यादों में रात भर !!
तेरे एहसासों में जो सुकून है वो नींद में कहाँ !!
भरोसे के एहसास पर जिंदा रहती है मोहब्बत !!
सांसो से तो सिर्फ़ जिस्म चला करते हैं !!
किसी के पैगाम को ज़रा प्यार से पढ़ा कीजिये !!
किसी की चाहत का एहसास किया कीजिये !!
एहसास के दामन मे कभी आँसू गिरा के देखो !!
इश्क़ कितना सच्चा हे कभी आज़माँ कर देखो !!
मेरे सीने से लिपटे रहते हैं,तेरी यादें और एहसास तेरे !!
जैसे लिखावट कोई लिपटी हो,किताबी पन्नों से !!
ये मत पूछ एहसास की शिद्दत क्या थी !!
धूप ऐसी थी कि साये को भी जलते देखा हैं !!
दूर उन्हें जाना था ये एहसास तो था लेकिन !!
बिछड़ना इस कदर होगा ये एहसास ना था !!
एहसास हूँ एहसास से ही कर मुझे हासिल मेरे !!
महबूब ,छूकर मुझे देखोेगे तो कुछ भी ना मिलेगा !!
कोई लब्ज तो नही होते हैं पायल के मगर !!
जब छनकती है बेहिसाब प्यार बयां करती है !!
ये कैसी रोशनी है कि एहसास बुझ गया !!
हर आँख पूछती है कि मंज़र कहाँ गए !!
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