दबंग शायरी
सस्ते चीज़ और घटिया लोग !!
शुरू में ही अच्छे लगते हैं !!
पैसा डिटोल की तरह होता है दोस्त !!
99 % प्रॉब्लम का solution !!
मैं भी वक़्त जैसा हु कदर नहीं !!
करने वालो को दुबारा नहीं मिलता !!
हद पार भी हो हद में भी हो !!
मतलब जवानी हो मुक़दमे न हो !!
तकलीफ कितनी भी हो सीने तान !!
कर चलना शेरो की आदत है !!
मैं सिख चूका हु की मुझे इस !!
सर जमीं पे किसी पे भरोषा नहीं करना !!
हमे खुद भी नहीं पता की !!
हम कब क्या करेंगे !!
शरीफ लोगो से दो कदम दूर रहो !!
और शातिर लोगो से दो कदम आगे !!
सब बिकते हैं एक दिन सब !!
को खरीदेंगे !!
हम बुरे ही अच्छे हैं अगर अच्छे !!
तुम्हारे जैसे होते !!
मेरे तो जिम में भी लड़कियां एलाउट !!
नहीं है दिल तो दूर की बात है !!
अब ये ज़रूरी तो नहीं जो !!
मिले उसे छोड़ दिया जाय !!
मैं रुक क्या गया थोड़ी देर !!
कुत्ते कहने लगे खुद को शेर !!
तुम्हारी दोगली यारी से मैं !!
अकेला ही खुश हु !!
तुम चुपचाप रहना आग तो !!
हम साड़ी जगह लगा देंगे !!
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