दबंग शायरी इन हिंदी
इस दुनिया का सच यही है यंहा !!
साला कोई किसी का नहीं है !!
मिलकर सबसे रहो लेकिन दबकर !!
किसी से नहीं !!
बेटा मैंने हमेशा खेल खुद के दम !!
पर खेले हैं तुम्हारे जैसे मेरे चेले हैं !!
नफरत करते हो तो करते रहो !!
मुझे कोन सा चुनाब लड़ना हैं !!
सफाई क्यों दे हम बुरे हैं बस !!
बात ख़तम !!
थोड़ा सा टाइम लगेगा डार्लिंग !!
नजारा तगड़ा ही दिखाएंगे !!
मुझे पसंद है शांत रहना इसे मेरी !!
कमजोरी मत समझना !!
आज वो भी मेरा स्टोरी लगा रहा है !!
जो पीठ पीछे बुराई पेलते थे !!
मशवरे देना बंद करदे आप !!
मेरा वक़्त ख़राब है दिमाग नहीं !!
शरीफ तो उसकी मोहब्बत ने बनाया !!
था यकीं मानो इस कलयुग का रावण था मैं !!
पहचान बताना मेरी आदत नहीं !!
लोग सकल देख के पहचान जाते हैं !!
मैं खामोश जरूर हु लेकिन तेरा !!
शहर हिलाने की ताक़त रखता हु !!
सबके दिलो में वस्ते हो अरे !!
सनम तुम कितने सस्ते हो !!
एक बात बोल रखि दिल को !!
घर से उठा लेंगे मंजिल को !!
तितलियों के पीछे गुमने वालो !!
को क्या पता वाज़ कहाँ रहते हैं !!
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