Dabang love shayari
कांड करने की उम्र में करम !!
क्यों करे जब बेशरम हैं हम !!
तो शर्म क्यों करे !!
हमसे पंगा लेने पर कोई घर से नहीं !!
निकलता है क्योकि हमारा मुँह कम !!
हाथ ज्यादा चलता है !!
इश्क़ और मेरी बनती नहीं है शाहब !!
वो गुलामी चाहता है और मैं !!
बचपन से ही आज़ाद हु !!
इस दुनिया में लोग दिल !!
से नहीं ज़रूरत से याद !!
करते हैं डार्लिंग !!
उन लड़कियों में भी कुछ !!
अलग बात होती है !!
जो गाली देने में उस्ताद होती है !!
बदनाम तो होंगे ही मेरी जान !!
नाम जो अपनी मेहनत से बना !!
रहे हैं !!
बुरे वक़्त ने वो देना साथ !!
भूल जाता है किसी को दिल !!
से चाहो वो औकात भूल जाता है !!
बदनाम तो होना ही है दोस्त !!
छोटी सी उम्र में लोगो की !!
नींद उदा रखी है !!
हम जितनी सिद्दत से रिस्ता !!
निभाते हैं लोग उतनी ही !!
सिद्दत से औकाद दिखाते हैं !!
जिस दिन इक्का अपने किस्मत !!
में आएगा बादशाह घर से उठा !!
लिया जाएगा !!
जो कहता है बदल गया है !!
हाँ मैं भी कहता हु तू भी बदल !!
जा आखिर कब तक चूतिया रहेगा !!
हमारी सराफत ही आफत है !!
मेरी जान कमीना पन की तो !!
बात ही मत पूछो !!
हमारे बारे में इतनी सोचने और !!
समझने की कोशिश मत करो हम !!
हर बार न्या खेल खेला करते हैं !!
मिटाने वाले मिटा नहीं पाए !!
हमारी पहचान बनाने वाले बना !!
दी ऐसी पहचान !!
तुम क्या हमारी बराबरी कर पाओगे !!
हम बाप से जात हरकतों से औकात !!
नाम लेते हैं !!
इसे भी पढ़े:-