Dabang hindi shayari
जो मजा मैसेज सिन करके !!
इग्नोर करने में है वो मजा !!
ब्लॉक करने में कहाँ !!
दिखावे की शरीफ बनने की आदत !!
नहीं है मुझमे लफ्ज कोई भी हो !!
खुले आम बोलता हु !!
मशहूर होने का सौक नहीं है मुझे !!
तुम मुझे सटोरी पर देखते हो इतना !!
ही काफी है !!
मोहब्बत करता हु गुलामी नहीं !!
पलकों पर बिठा सकता हु तो !!
नज़रो से गिरा भी सकता हु !!
तुम राब्ते की बात करते हो !!
हमारे यंहा दिल से उतरे लोग !!
मर जाते हैं !!
पहले थोड़ा था अब पूरा बना हु !!
हम लोगो को अच्छा करके !!
ही बुरा बना हु !!
वैसे तो मैं बहुत सरीफ हु !!
यंहा तो जलनेवालो ने बदनाम !!
कर रखा है !!
लड़कियों के चक्कर में मत परो !!
पैसे कमाओ लड़कियां तेरे !!
चक्कर में पड़ेगी !!
पैसा है तो प्यार है लड़कियों के !!
खुवाब में राजकुमार आते है !!
मजदूर नहीं !!
खुवाईश था तेरे साथ जीने की !!
बरना मोहब्बत तो किसी के साथ !!
भी हो सकता है !!
मैं अपने हाल में मस्त हु !!
ज़रूरत नहीं जाने वाले को !!
फिर से आने की !!
अकेले रहने से कभी नहीं डरना !!
क्योकि वाज़ हमेसा अकेले उड़ता !!
है और कबूतर झुण्ड में !!
जब फ़ायदा उठाने से थक जाओ !!
तो अपनी गिरी हुयी सोच भी !!
उठा लेना !!
हम बदमाश तो नहीं हैं डार्लिंग !!
लेकिन लोग को हमारे नाम !!
से फटती बहुत है !!
हमारे खिलाफ सिर्फ वही बात कर !!
सकता है खानदान जिनका नेक !!
न हो बाप जिनका एक न हो !!
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