Dabang shayari new
मैं इश्क़ के चक्कर में नहीं पड़ता !!
ये तू नहीं सारा ज़माना जनता है !!
तुम सांप बनके देखो नागिन डांस !!
करवाने की जिम्मेबारी हमारी है !!
सब्र रख ये जो तमाशा देख रहे हैं !!
उनका भी तमाशा होगा !!
जाने वालो को रास्ता दिया करो !!
वास्ता दोगे तो सर पर चढ़ जायेंगे !!
किस्मत ने साथ दिया तो नजारा !!
देखने लायक होगा !!
फिर उभरेंगे आफताब बनके हमारे !!
दुश्मनो से कहना दम है तो रोक ले !!
लोग खेल खेलते हैं मैं खेल !!
बदलता हु !!
बेटा हम मुकाबला भी करेंगे !!
तुम बराबरी तो करो !!
गलत इंसान हु मैं अच्छे लोग !!
के बिच में फस गया था !!
नमक स्वाद अनुसार और अकड़ !!
औकाद अनुसार ही अच्छा लगता है !!
आप लाखो की बात करते हैं !!
मेरी जान हम करोड़ो में एक हैं !!
जिनके किरदार खुद मोहताज़ है !!
वो निकले हैं मेरे सख्सियत बिगड़ने !!
अब फिर से आतंक मचेगा हम आ !!
गए फिर मैदान में !!
तू मुझे आगे निकल सकता है मगर !!
तू मेरे बराबर नहीं हो सकता !!
जब तक तुम मेरे बारे में सोचोगे !!
तब तक में मैं तुम्हारी नस्ले मिटा सकता हु !!
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