ख्वाहिशों का मुहल्ला बड़ा था !!
हम जरूरतों की गली मुड़ गये !!
प्यार तो हमने उनकी सादगी से किया था !!
वर्ना हुस्न के गुलाम तो हम आज तक नही बने !!
ये मत समझ तेरे काबिल नहीं है !!
हम तड़प रहे हैं वो जिन्हे हासिल नहीं है हम !!
चेहरा एक दिन कुरूप हो ही जाता हैं !!
इसलिए उसे चुनों जिसका दिल खूबसूरत हो !!
फिक्र Me रहोगे तो खुद जलोगे !!
बेफिक्र रहोगे To Diniya जलेगी !!
अक्सर वही लोग उठाते हैं हम पर !!
उंगली जिनकी हमें छूने की औकात नहीं होती !!
मैं भी तलाश में हूँ किसी अपने की !!
कोई तुमसा हो लेकिन किसी और का न हो !!
रूठा हुआ है दोस्त पुराना और !!
मेरे फितरत में नही सिर झुकाना !!
लड़कियाँ खिलौना नहीं होती जनाब !!
पिता तो यूँ ही प्यार से गुड़िया कहते है !!
सुन पगले दिल जितना सीख ले !!
वर्ना जंग जितने मैं तो हम भी माहेर है !!