Bjp status shayari
जब से झूठे नेता आ गए हैं प्रभाव में !!
जनता परेशान है सुविधा के अभाव में !!
सियासत के जो बन बैठे हैं सरोकार !!
उन्हें मज़ा चखाना इस बार चुनाव में !!
राजनीति का लक्ष्य सिर्फ पैसा कमाना रह गया !!
झूठ को सच सच को झूठ दिखाना रह गया !!
समाज सेवा के लिए सियासत में आना !!
आकर नेता भरता ख़ुद का ही ख़ज़ाना रह गया !!
इन नेताओं से कह दो !!
अगर सियासत करनी है !!
तो इमानदारी से करो !!
जनता ने जो जिम्मेवारी सौंपी है !!
उस तुम जिम्मेवारी से करो !!
जनता ने माया को देखा !!
फिर माया का हाथी देखा !!
दोनों की एक ही भाग्य रेखा !!
बस में दोनों के कुछ नहीं !!
बस करते रहो देखी देखा !!
सुना दीदी का है दिल दीवाना !!
बोले बंगाल है उसको दीवाना !!
काम है उसका सबको रुलाना !!
अतः राजनीती का काम दीदी दीदी !!
गुनगुनाते जाना गुनगुनाते जाना !!
हर कोई यहाँ किसी न किसी !!
पार्टी के विचारो का गुलाम हैं !!
इसलिए भारत का ये हाल हैं !!
किसान बेहाल हैं !!
नेता माला-माल हैं !!
याद है इक जुमले पर जब क़ुर्बान गई है !!
ये जनता रूठी तो फर्जी़ ऑंसू पर मान गई है !!
ये जनता ललित से नीरव मोदी तक !!
पर ख़ामोशी ही ख़ामोशी किसके अच्छे !!
दिन आये अब जान गई है ये जनता !!
तेरे हर झूठे वादे पर मक्कारी पर लानत है !!
देश मे फैली नफ़रत वाली बीमारी पर लानत है !!
देश लूटकर रोज़ लुटेरे नाक के नीचे भाग रहे !!
चौकीदार तेरी ऐसी चौकीदारी पर लानत है !!
याद है इक जुमले पर जब क़ुर्बान गई है !!
ये जनता रूठी तो फर्जी़ !!
राजा बोला रात है !!
राणी बोली रात है !!
मंत्री बोला रात है !!
संत्री बोला रात है !!
यह सुबह सुबह की बात है !!
मूल जानना बड़ा कठिन हैं !!
नदियों का वीरो का !!
धनुष छोड़कर और गोत्र क्या होता हैं !!
रणधीरो का पाते हैं !!
सम्मान तपोबल से भूतल पर शूर !!
जाति जाति का शोर मचाते केवल कायर क्रूर !!
मुझको तमीज की सीख देने वाले !!
मैंने तेरे मुँह में कई जुबान देखा है !!
और तू इतना दिखावा भी ना कर !!
अपनी झूठी ईमानदारी का !!
मैंने कुछ कहने से पहले !!
अपने गिरेबां में देखा है !!
पनाहों में जो आया हो !!
तो उस पे वार क्या करना !!
जो दिल हारा हुआ हो !!
उस पे फिर अधिकार क्या करना !!
मोहब्बत का मज़ा डूबने की कश्मकश में हैं !!
हो गर मालूम गहराई तो दरिया पार क्या करना !!
राजनीति का रंग भी बड़ा अजीब होता है !!
वही दुश्मन बनता है जो सबसे करीब होता है !!
सरहदों पर बहुत तनाव है क्या !!
कुछ पता तो करो चुनाव है क्या !!
और खौफ बिखरा है दोनों समतो में !!
तीसरी समत का दबाव है क्या !!