बहुते परेशान बानी तहार नोकरी से ऐ !!
ज़िनगी ठीक त ईहे होई कि तू हमारो हिसाब क द !!
हमके कब चाह रहे कि हमके !!
ऊ चाँद मिले य़ा असमान मिले !!
मे जिये से मन भर गैल बातबो !!
जियत बानि जिन्दा लाश बन के !!
हम तोहके अब केतना चाही जितना चाहिला !!
तोहरा के दर्द भी उतना ही होला !!
तू ता नजरिए से देलु हर जवाब गोरिया !!
तोसे पूछे कैसे मन के सवाल गोरिया !!
जे हमरा दिल के पिंजरा मे रहके भी !!
केहू आउर के संग उड़े क शउख रखे !!
जिनिगी अब पहाड़ जइसन लागे लगल !!
बा सुखला में बाढ़ जइसे लागे लगल बा !!
नजर चुरावे ल तु काहे भला केहू !!
अपने ही चीज़ चुरावे ला का !!
मौसम क मिसाल देही या तोहार !!
केहू पूछत बा कि बदले केकरा आवेला !!
तू रूठ जइबू त हम जीयब कईसे !!
फाटल करेजवा के सीयब कईसे !!
उजाला आपन याद क हमरे साथ रहे द !!
न जाने कवने गली में जिनगी क शाम हो जाइ!!
कइसे खतम कर सकीला उनका से आपन रिसता !!
जिनका बारे मे बस सोचते ही सारा दुनिया भूल जाइला हम !!
मुस्कुरा जे छुपा लेला आपन आंसू !!
अपने हालत से ऊ गैरन के भी रुला देला !!
हम तोहके अब केतना चाही !!
जितना चाहिला तोहरा के दर्द भी !!
उतना ही होला !!
दिल करेला अब मर जाइब केहू के !!
इंतेजार मे लागता हमरा जाए से !!
पहिले उठ गइल डोली हमार यार के !!
हम तोहके अब केतना चाही जितना चाहिला !!
तोहरा के दर्द भी उतना ही होला !!
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