Bahut dard shayari
साफ-साफ क्यों नहीं कह देते !!
कि मुझसे तंग आ गए हो !!
यूं Beezy होने के बहाने क्यों बना रहे हो !!
नहीं तुझसे कोई भी शिकायत अब !!
जा तू दूसरे को ही खुश रख !!
हम दुखी ही अच्छे हैं !!
मत पूछो दोस्तों ये इश्क़ कैसा होता है !!
जो रुलाता है ना !!
उसके ही गले लग के रोने को जी चाहता है !!
गुस्सा तो आएगा ही !!
जब तुम किसी का इंतजार करो !!
और उसे तुम्हारी पड़ी ही ना हो !!
मेरे हसने की वजह तो तुम ही थे !!
ये कहां पता था कि !!
रोने का कारण भी तुम ही बनोगे !!
वैसे तो आंसुओं का वजन नहीं होता !!
लेकिन जब निकल जाते हैं !!
तभी मन हल्का होता है !!
एक मेरे सिवा !!
सबके लिए वक्त निकाल लेते हो !!
बस मैं ही तुम्हें याद नहीं आती !!
जिंदगी में जिस से !!
खुशियों की उम्मीद थी !!
उसी ने गम दे दिया !!
पूछते है सब जब बेवफा था तो उसे दिल दिया ही क्यों !!
किस किस को बतलाये उस शख्स में बात ही कुछ ऐसी थी
दिल नहीं देते तो जान चली जाती !!
मज़बूरी में जब कोई जुदा होता है !! ज़रूरी नहीं कि वो !!
बेवफ़ा होता है !! देकर वो आपकी आँखों में आँसू !!
अकेले में वो आपसे ज्यादा रोता है !!
जो एक बेवफा से प्यार किया था !!
न जाने क्या है? उसकी उदास आंखों में !!
वो मुँह छुपा के भी जाये तो बेवफा न लगे !!
जो खोया उसका गम नहीं !!
लेकिन जो धोखा खाया !!
बस उसी का अफसोस है !!
कैसी मोहब्बत है तेरी !!
महफ़िल में मिले !!तो अंजान कह दिया !!
तन्हा जो मिले !!तो जान कह दिया !!
काश कैद कर ले वो पागल !!
मुझे अपनी डायरी में !!
जिसका नाम छिपा होता है !!
मेरी हर शायरी में !!
ये बेवफा वफा की कीमत क्या जाने !!
ये बेवफा गम-ए-मोहब्बत क्या जाने !!
जिन्हें मिलता है हर मोड पर नया हमसफर !!
वो भला प्यार की कीमत क्या जाने !!
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