अजनबी दोस्त शायरी
इस दुनिया मेँ अजनबी रहना ही ठीक है !!
लोग बहुत तकलीफ देते है अक्सर अपना बना कर !!
हमसे मत पूछो यारो उनके बारे मे !!
अजनबी क्या जाने अजनबी के बारे मे !!
हमसफ़र की तरह वो चला था मगर !!
रास्ते भर रहा अजनबी अजनबी !!
हमसे मत पूछिए जिंदगी के बारे में !!
अजनबी क्या जाने अजनबी के बारे में !!
हमसे मत पूछिए जिंदगी के बारे में !!
अजनबी क्या जाने अजनबी के बारे में !!
मंजिल का नाराज होना भी जायज था !!
हम भी तो अजनबी राहों से दिल लगा बैठे !!
इस दुनिया मेँ अजनबी रहना ही ठीक है !!
लोग बहुत तकलीफ देते है अक्सर अपना बना कर !!
हमसे मत पूछो यारो उनके बारे मे !!
अजनबी क्या जाने अजनबी के बारे मे !!
हमसफ़र की तरह वो चला था मगर !!
रास्ते भर रहा अजनबी अजनबी !!
हमसे मत पूछिए जिंदगी के बारे में !!
अजनबी क्या जाने अजनबी के बारे में !!
हमसे मत पूछो जिंदगी के बारे मे !!
अजनबी क्या जाने अजनबी के बारे मे !!
मंजिल का नाराज होना भी जायज था !!
हम भी तो अजनबी राहों से दिल लगा बैठे थे !!
खुशी देने वाले अपने तो होते ही है !!
पर गम देने वाले भी अजनबी नही होते !!
उस अजनबी से हाथ मिलाने के वास्ते !!
महफ़िल में सब से हाथ मिलाना पड़ा मुझे !!
अजीब हाल में पहुंच गई है जिंदगी !!
अब ना कोई अजनबी रहा ना कोई अपना !!
इसे भी पढ़े :-