Ajnabi shayari
चेहरे “अजनबी” हो भी जाएं तो कोई बात नहीं !!
लेकिन रवैया अजनबी हो जाए तो बड़ी “तकलीफ” देते है !!
तेरा नाम था आज किसी अजनबी की जुबान पे !!
बात तो जरा सी थी पर दिल ने बुरा मान लिया !!
कुछ बोलता नहीं फिर भी सवाल करता है !!
उसके गाल का तिल बवाल लगता है !!
तू एक ऐसी लत है मेरी जो खुद छूटना !!
चाहती है ,पर मैं नहीं छोड़ना चाहता !!
तुम्ही आकर थाम लो मुझे सब ने !!
छोड़ दिया है तुम्हारा समझ कर !!
काश ,तेरे इश्क में ,नीलाम हो जाऊ !!
आखरी बोली तुम लगाओ ,तेरे नाम हो जाऊ !!
हमे तो राह तकने से मतलब है !!
मसला तुम्हारा है ,की तुम किस गली से आओगे !!
पता नही कुछ भी पर खबर सारी है !!
तेरे ख्यालों में खो जाने की यह पुरानी बीमारी है !!
इस कदर पास हो मेरे दिल के !!
मुझे दूरियां का एहसास नही होता !!
गलत होगा ये कहना की सिर्फ औरत ही मोहब्बत करती है !!
मैने देखा है शमशान वासी शिव को वैराग्य त्यागते हुए !!
मसला यह नहीं कि प्यार है !!
मसला तो यह है की आज भी तुझसे है !!
दिखा नहीं सकता उसके ख्यालों से बाहर निकलने का रास्ता !!
कहने को google पूरी दुनिया दिखा सकता है मुझे !!
तुम्हे एक बार फिर से देखना चाहता हु !!
इससे पहले की शहर में lockdown लग जाए !!
अक्सर पूछते है लोग अलग होने की वजह !!
मै अपनी कमी बताकर तेरी इज्जत बचा लेती हु !!
वो अपनी सहेली से कुछ इस कदर तो कहती होगी !!
मुझसे जो लड़का मोहब्बत करता है वो शायर है !!
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