Ajnabi shayari in hindi
जाते हुए उसने देखा मुझे चाहत भरी निगाहों से !!
मेरी भी आँखों से आंसुओं की बरसात हुई !!
कभी अनजान राहों पर भी मेरा नाम लिखते थे !!
वो मेरे शहर में बसते हैं अब अजनबी बन कर !!
अजनबी कोई समझ लेता है,कोई अन्जान समझ लेता है !!
दिल है दीवाना !! हर तबस्सुम को जान पहचान समझ लेता है !!
लोग इन्तजार करते रह गये कि हमें टूटा हुआ देखें !!
और हम थे कि सहते सहते पत्थर के हो गये !!
एक तेरे फर्क ना पड़ने से !!
बहुत फर्क पड़ता है मुझे !!
हर रोज तेरी यादों के सफर में नींद ऐसे खो जाती है !!
हम सोते नहीं पर रात थक के सो जाती है !!
हमने सोचा हम आपकी जिंदगी का एक हिस्सा है !!
पर आपने तो हमे किस्सा समझ कर भुला भी दिया !!
हम तुम्हे खोना नहीं चाहते इसलिए अपनी चाहत !!
जता रहे है !!हमें मतलबी ना समझो हम पल पल !!
तुम्हारी याद में मरे जा रहे हैं !!
खुश नहीं है हम फिर भी खुश रहने की कोशिश करते है !!
हम गरीब है पर तुझे पाने की महंगी ख्वाहिश रखते है !!
मेरे लिए तुम किस क़दर अहमियत रखते हो कभी !!
खुद से पूछ लेना इस बार दिमाग नहीं दिल जवाब देगा !!
वह वाकिफ मेरे हाल से कि मैं बेचैन इस रात से !!
वह शातिर अपने अंदाज से मैं अनजान उसकी चाल से !!
कई अजनबी तेरी राह में मेरे पास से यूँ गुज़र गए !!
जिन्हे देख कर ये तड़प हुई तेरा नाम लेके पुकार लूँ !!
अनजान ही अच्छे होते है साहब !!
जानने वाले दिल बहुत दुखाते है !!
उसकी हर एक शिकायत देती है मुहब्बत की गवाही !!
अजनबी से वर्ना कौन हर बात पर तकरार करता है !!
अजनबी तो हम जमाने के लिए हैं,आपसे !!
तो हम शायरियों में मुलाकात कर लेते हैं !!
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