Best Ajnabi shayari in hindi 2023|अजनबी लोग शायरी

अनजान प्यार शायरी

महफ़िलों में फिरता रहता हूँ अजनबी सा !!
तन्हाइयों में भी तन्हाईयाँ नसीब नहीं होती !!

बेनाम आरजू की वजह ना पूछिए !!
कोई अजनबी था रूह का दर्द बन गया !!

मैं तो खुद अपने लिए अजनबी हूँ तू बता
मुझ से जुदा हो कर तुझे कैसा लगा !!

हमसे मत पूछो जिंदगी के बारे मे !!
अजनबी क्या जाने अजनबी के बारे मे !!

अगर तुम अजनबी हो तो लगते क्यों नहीं
और अगर मेरे हो तो मिलते क्यों नहीं !!

न जाने इतनी मोहब्बत कहाँ से आ गयी उस अजनबी के लिए !!
की मेरा दिल भी उसकी खातिर अक्सर मुझसे रूठ जाया करता है !!

मंजिल का नाराज होना भी जायज था !!
हम भी तो अजनबी राहों से दिल लगा बैठे !!

दिल चाहता है कि फ़िर ,अजनबी बन कर देखें !!
तुम तमन्ना बन जाओ,हम उम्मीद बन कर देखें !!

वजह पुछने का तो मौका ही कहाँ मिला !!
वो लहजे बदलते गये और हम अजनबी बनते गये !!

सदियों बाद उस अजनबी से मुलाक़ात हुई !!
आँखों ही आँखों में चाहत की हर बात हुई !!

इस दुनिया मेँ अजनबी रहना ही ठीक है !!लोग !!
बहुत तकलीफ देते है अक्सर अपना बना कर !!

कल तक तो सिर्फ़ एक अजनबी थे तुम !!
आज दिल की हर एक धड़कन पर हुकूमत है तुम्हारी !!

अजनबी शहर में एक दोस्त मिला ,वक्त
नाम था पर जब भी मिला मजबूर मिला !!

चले आओ ‘अजनबी’ बनकर फिर से मिले !!
तुम मेरा नाम पूछो मैं तुम्हारा हाल पूछूं !!

इस अजनबी शहर में पत्थर कहां से आया है !!
लोगों की भीड़ में कोई अपना ज़रूर है !!

मंजिल का नाराज होना भी जायज था !!
हम भी तो अजनबी राहों से दिल लगा बैठे !!

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