अनमोल सुविचार इन हिंदी
नियत साफ और मकसद !!
सही हो तो यकीनन !!
किसी न किसी रूप में ईश्वर !!
भी आपकी मदद करते हैं !!
मान और सम्मान की लड़ाई !!
में कभी अकेले रह जाओ तो रह लेना !!
पर किसी के सामने !!
खुद को टूटने न देना !!
खुद का सम्मान करोगे तभी !!
दूसरों से मान पाओगे !!
कोई भी रिश्ता अपनी मर्जी !!
से नही जुड़ता क्योंकि आपको !!
कब ,कहां,किससे मिलना है ये !!
सिर्फ़ ऊपरवाला तय करता है !!
नेत्र हमे केवल दृष्टि प्रदान !!
करते हैं परंतु हम कब !!
किसमे क्या देखते हैं ये !!
हमारी भावनाओं पर निर्भर !!
करता है !!
जीवन में आपको रोकने-टोकने वाला !!
कोई है तो उसका एहसान मानिए !!
क्योंकि जिन बागों में माली नही होते !!
वो बाग जल्दी ही उजड़ जाते हैं !!
लोगों की निंदा से परेशान !!
होकर ,अपना रास्ता ना बदलना !!
क्योंकि सफलता शर्म से नही !!
साहस से मिलती है !!
कर्म बहुत ध्यान से कीजिए !!
क्योंकि ना किसी की !!
दुआ खाली जाती है और !!
ना ही किसी की बद्दुआ !!
जिसकी फितरत हमेशा !!
बदलने की हो वह कभी किसी !!
का नही हो सकता ,चाहे वह !!
समय हो या इंसान !!
किसी भी व्यक्ति की सहनशीलता !!
एक खिचे हुए धागे की तरह होती है !!
एक सीमा से अधिक खिचे जाने !!
पर उसका टूटना तय है !!
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