वैसे दुश्मनी तो हम कुत्ते से भी नहीं करते है !!
पर बीच में आ जाये तो हम शेर को भी नहीं छोड़ते है !!
देखा तो वो शख्स भी मेरे दुश्मनो में था !!
नाम जिसका शामिल मेरी धड़कनों में था !!
तुम हिने चोट दी मरहम भी तुम बन गए !!
तुम्हारी दुश्मनी में मोहब्बत क्यों महकने लग जाए !!
दुश्मन को जलाना और दोस्त के लिए !!
जान की बाजी लगाना फितरत है हमारी !!
दुश्मन के सितम का खौफ नहीं हमको !!
हम तो दोस्तों के रूठ जाने से डरते हैं !!
उफ़ ये हसरते उफ़ ये हकीकतें !!
दोनों में दुश्मनी पुरानी लगती है !!
मुझे जितने निकले थे वो दुश्मन बनकर !!
दोस्ती कर लेते तो में खुद ही हार जाता !!
हम दुश्मन को भी बड़ी शानदार सजा देते हैं !!
हाथ नहीं उठाते बस नजरों से गिरा देते हैं !!
वो जो बन के दुश्मन हमे जीतने को निकले थे !!
कर लेते अगर मोहब्बत तो हम ख़ुद ही हार जाते.
दुश्मनों ने जो दुश्मनी की हैं !!
दोस्तों ने भी क्या कमी की हैं.
दुश्मनी लाख सही ख़तम न कीजिये रिश्ता !!
दिल मिलें या न मिलें हाथ मिलाते रहिये !!
कभी ख़ुद को मेरे प्यार में भुला कर देख !!
दुश्मनी अच्छी नहीं मुझे दोस्त बना करे देख !!
शख्सियत अच्छी होगी तभी दुश्मन बनेगे !!
वरना बुरे लोगो को देखता कौन हैं !!
आँखों से आँसुओं के दो कतरे क्या निकल पड़े !!
मेरे सारे दुश्मन एकदम खुशी से उछल पडे़ !!
जो दिल के हैं सच्चे उनका दुश्मन पूरा जमाना हैं !!
इस रंग बदलती दुनिया का यही सच्चा फ़साना हैं !!
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Dushmani shayari in Hindi
दोस्ती भी अब लोग अधूरा करते हैं !!
दुश्मनों की कमी अब तो दोस्त पूरा करते हैं !!
रफ़्तार ज़िन्दगी की कुछ यूँ बनाये रखिये !!
दुश्मनों से भी बात अदब से कीजिये !!
जो दिल के करीब थे वो जबसे दुश्मन हो गये !!
जमाने में हुए चर्चे हम मशहूर हो गये !!
Aankho की झील से दो आँशु क्या निकल पड़े !!
मेरे सारे Dushman ख़ुशी से उछल पड़े !!
Valentine तो बच्चै मनातै है !!
आपनी वाली तो सीधे करवाचौथ मनेयैगी !!
अभी साथ था अब खिलाफ है !!
Waqt का भी Aadmi जैसा हाल है !!
हमारा Style और Attitude ही कुछ अलग है !!
बराबरी करने जाओगे तो बिक जाओगे !!
Dushman बोला बड़ी महंगी पड़ेगी तुझे ये दुश्मनी !!
तो हमने भी बोला सस्ती तो हम Coffee भी नहीं पीते !!
हर किसी के हाथ में Bik जाने को हम तैयार नहीं !!
ये हमारा Dil है तेरे शहर का Akhbaar नहीं !!
एक नाम क्या लिखा तेरा साहिल की रेत पर !!
ता उम्र फिर हवा से मेरी दुश्मनी रही !!
मेरी दोस्ती का फायदा उठा लेना क्यूंकि !!
मेरी दुश्मनी का नुकसान सह नही पाओगे !!
मेरी खामोशी का फायदा उठा रहे हो !!
मेरी दुश्मनी का नुकसान तुम सह नही पाओगे !!
दुश्मनों को भी पसंद है मेरे लड़नें का तरीका !!
पता तो उन्हें भी है कि मैं दिलदार हूँ गद्दार नहीं !!
गली से कोई भी गुज़रे तो चौंक उठता हूं !!
नए मकान में खिड़की नहीं बनाऊंगा !!
मेरे दुश्मन कहकर चले गए कल आएगे !!
कितने ही कल गुजर गए जाने वो कब आएगे !!
Dushmani shayari
आज वो दोस्त भी दुश्मनों में शामिल था !!
कल तक जो शख्स मेरी वजह से काबिल था !!
दोस्तों से दोस्ती कभी भूल कर भी तोड़ना नहीं !!
और जो दुश्मन हैं उन्हें कभी छोड़ना नहीं !!
जिसका नाम शामिल मेरी धड़कनों में था !!
जरूरत पड़ी तो वो शख्स मेरे दुश्मनों में था !!
चेहरे की झूठी मुस्कुराहटें सब कहती हैं !!
दुश्मनों की जिंदगी सिर्फ जलने में बीत जाती है !!
रहमत में अपनी छुपा लेना मेरे मौला !!
दुश्मनों को मुझ से बचा लेना मेरे मौला !!
कितने ही दुश्मन हमें आए थे गिराने !!
कुछ कर नहीं पाए गुजर गए कितने जमाने !!
दुश्मनी हो जाती है मुफ़्त में सैकड़ों से साहब !!
इंसान का सीधा होना भी एक गुनाह है !!
हमारे हालातों के जो अकसर मजे लेते हैं !!
अपने ही दुश्मन हैं यहाँ अपने ही धोखा देते हैं !!
में सिर्फ एक चीज ही देता हु !!
अपने दुश्मनो को फ्री में और वो हे टेंसन !!
कुचलने का मजा ही कुछ और होता हे !!
दुश्मन और सिगरेट को जलाने के बाद !!
दुश्मन हो गए जो दिल के करीब थे !!
वो ज़माने में हुए चर्चे और हम मशहूर हो गए !!
मुझे क्या डराएगा मौत का Manjar !!
हमने तो जन्म ही Katilon की बस्ती में लिया हैं !!
अगर आसमान वाले से आपके रिश्ते मजबूत है !!
तो जमीन वाले आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकते !!
मुझे क्या डराएगा मौत का Manjar !!
हमने तो जन्म ही Katilon की बस्ती में लिया हैं !!
अगर आसमान वाले से आपके रिश्ते मजबूत है !!
तो जमीन वाले आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकते !!
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Best Dushmani shayari in Hindi
शख्सियत दमदार हो तभी दुश्मन बनते है !!
वरना कमजोर को पूछता कौन है !!
ये कह कर मुझे मेरे दुश्मन हँसता छोड़ गए !!
तेरे दोस्त काफी हैं तुझे रुलाने के लिए !!
कुछ न करने से उलझन होती हे खुद को !!
और कुछ कर जाने से उलझन होती हे दुसरो को !!
दुश्मनों ने जो दुश्मनी की हैं !!
दोस्तों ने भी क्या कमी की हैं !!
दोस्ती जब किसी से की जाए !!
दुश्मनों की भी राय ली जाए !!
दुश्मनों से प्यार होता जाएगा !!
दोस्तों को आज़माते जाइए !!
उस के दुश्मन हैं बहुत आदमी अच्छा होगा !!
वो भी मेरी ही तरह शहर में तन्हा होगा !!
दुश्मनों के साथ मेरे दोस्त भी आज़ाद हैं !!
देखना है खींचता है मुझ पे पहला तीर कौन !!
दुश्मनों ने जो दुश्मनी की है !!
दोस्तों ने भी क्या कमी की है !!
दुश्मनों की जफ़ा का ख़ौफ़ नहीं !!
दोस्तों की वफ़ा से डरते हैं !!
मौत ही इंसान की दुश्मन नहीं !!
ज़िंदगी भी जान ले कर जाएगी !!
ख़ुदा के वास्ते मौक़ा न दे शिकायत का !!
कि दोस्ती की तरह दुश्मनी निभाया कर !!
अजब हरीफ़ था मेरे ही साथ डूब गया !!
मिरे सफ़ीने को ग़र्क़ाब देखने के लिए !!
मुख़ालिफ़त से मिरी शख़्सियत सँवरती है !!
मैं दुश्मनों का बड़ा एहतिराम करता हूँ !!
ऐ दोस्त तुझ को रहम न आए तो क्या करूँ !!
दुश्मन भी मेरे हाल पे अब आब-दीदा है !!
Dushmani shayari
जो दोस्त हैं वो माँगते हैं सुल्ह की दुआ !!
दुश्मन ये चाहते हैं कि आपस में जंग हो !!
तरतीब दे रहा था मैं फ़हरिस्त-ए-दुश्मनान !!
यारों ने इतनी बात पे ख़ंजर उठा लिया !!
ये फ़ित्ना आदमी की ख़ाना-वीरानी को क्या कम है !!
हुए तुम दोस्त जिस के दुश्मन उस का आसमाँ क्यूँ हो !!
बहारों की नज़र में फूल और काँटे बराबर हैं !!
मोहब्बत क्या करेंगे दोस्त दुश्मन देखने वाले !!
मेरे अंदाज से अक्शर मेरे दुश्मन जल जाते हे !!
क्योकि एक मुदत से मेने न दोस्ती बदली न मोहब्बत !!
खौफ नहीं हमको दुश्मन के सितम का !!
हम तो दुश्मन के रूठ जाने से डरते हे !!
दोस्ती का सिला रहने दिया दुश्मनी में भी !!
उसके सारे खत जलाये बस पता रहने दिया !!
फायदा उठा लेना मेरी दोस्ती का !!
क्योकि मेरी दुश्मनी का नुकशान सह नहीं पाओगे !!
थोड़ा सोच समझकर करना इंसान की परख !!
क्योकि आजकल दोस्त के रूप में दुश्मन छुपे बैठे हे !!
कहा मिलते हे इतनी आसानी से दुश्मन भी !!
बहोत सारे लोगो का भला करना पड़ता हे !!
दो कतरे क्या निकल पड़े आँखों से !!
आसुओ के मेरे सारे दुश्मन एक दम ख़ुशी से उछल पड़े !!
मै दुश्मनों से अगर जंग जीत भी जाऊं !!
तो उनकी औरतें कैदी नहीं बनाऊंगा !!
दुश्मनों ने जो दुश्मनी की है !!
दोस्तों ने भी क्या कमी की है !!
उसके दुश्मन है बहुत आदमी अच्छा होगा !!
वो मेरी ही तरह शहर में तन्हा होगा !!
ख़ाक मजा है जीने में !!
जब तक आग ना लगे दुश्मन के सीने में !!
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दुश्मनी शायरी हिंदी
चुभता तो बहुत कुछ मुझको भी हैं तीर की तरह !!
मगर खामोश रहता हूँ अपनी तकदीर की तरह !!
दुश्मनी जम के करो पर इतनी गुंजाईश रहे !!
कल जो हम दोस्त बन जाए तो शर्मिंदा न हो !!
उसका ये अंदाज़ भी दिल को भा गया हैं !!
कल तक जो दोस्त था आज दुश्मनी पर आ गया हैं !!
हम दुश्मन को भी बड़ी शानदार सजा देते हैं !!
हाथ नहीं उठाते बस नजरों से गिरा देते हैं !!
वो जो बन के दुश्मन हमे जीतने को निकले थे !!
कर लेते अगर मोहब्बत तो हम ख़ुद ही हार जाते !!
दुश्मनों ने जो दुश्मनी की हैं !!
दोस्तों ने भी क्या कमी की हैं !!
दुश्मनी लाख सही ख़तम न कीजिये रिश्ता !!
दिल मिलें या न मिलें हाथ मिलाते रहिये !!
कभी ख़ुद को मेरे प्यार में भुला कर देख !!
दुश्मनी अच्छी नहीं मुझे दोस्त बना करे देख !!
शख्सियत अच्छी होगी तभी दुश्मन बनेगे !!
वरना बुरे लोगो को देखता कौन हैं !!
मुझे एक दिक्कत का सामना क्या करना पड़ा !!
मेरे दुश्मनो के बीच ख़ुशी का माहौल बन गया !!
आँखों से आँसुओं के दो कतरे क्या निकल पड़े !!
मेरे सारे दुश्मन एकदम खुशी से उछल पडे़ !!
जो दिल के हैं सच्चे उनका दुश्मन पूरा जमाना हैं !!
इस रंग बदलती दुनिया का यही सच्चा फ़साना हैं !!
दोस्ती भी अब लोग अधूरा करते हैं !!
दुश्मनों की कमी अब तो दोस्त पूरा करते हैं !!
रफ़्तार ज़िन्दगी की कुछ यूँ बनाये रखिये !!
दुश्मनों से भी बात अदब से कीजिये !!
जो दिल के करीब थे वो जबसे दुश्मन हो गये !!
जमाने में हुए चर्चे हम मशहूर हो गये !!
दुश्मनी शायरी
नाम इसलिए उँचा हैं हमारा !!
क्योंकि हम Badla लेने की नही !!
Badlaaw लाने की सोच रखते हैं !!
सुन पगली किलर लुक तो हम भी रखते है !!
BUT Beti Bachao Abhiyaan की वजह !!
से छुपा रखा है कही कोई मर ना जाए !!
Status चाहे तू लाख बदल दे !!
लेकिन तेरे Dil में मेरी जगा नहीं बदल सकती !!
Saza देनी हमे भी आती है !!
जीस्म पर खरोच दे दोगे तो चलेगा !!
मगर आत्मसम्मान पर खरोच और !!
दुश्मनी बिल्कुल भी बर्दाश्त नही करूंगा !!
हमसे न हो सकी इस जमाने से बंदगी !!
मुझमें न दुश्मनों सी मक्कारियां थीं !!
और न ही दोस्तों सी अदाकारियां थीं !!
निगाहों में ले कर घूमा हूं तो !!
सिर्फ तरक्की की चमक !!
दुश्मनों की निगाहों में अब वो खटकने लगी है !!
दोस्तों को दुश्मन बनाना भी तो जानते हैं वो !!
सामने नहीं आते हैं ऐसा गुनाह करके मेरे !!
क्योंकि मेरी ताकत को भी पहचानते हैं वो !!
हो यदि दुश्मन तो सामने से बार करता है !!
लेकिन अजनबी अपना बन कर !!
मीठा बोल कर कत्ल करता है !!
इतना याद रखना मेरे दोस्त !!
जब दुनिया दुश्मन बने तब !!
तेरा यार जिन्दा हे तो तेरा हथियार जिन्दा हे !!
खतरनाक होता हे !!
वो इंसान दुश्मन से भी !!
जो दोस्त बनकर धोखा दे !!
झूठ के फ़साने देखे सच के चहेरे में यहाँ !!
गौर से देखा जब दुश्मनो को !!
उनमे कई दोस्त पुराने निकले !!
दुश्मन लेते हे बदला मेरी जान !!
हम तो माफ़ करके सीधा !!
दिल से निकाल देते हे !!
महेंगी पड़ेंगी तुझे ये दुश्मनी !!
दुश्मन बोला मेने बोला सस्ती तो में !!
शराब भी नहीं पिता !!
ऐ Dil तू समझा कर बात को !!
Jisse तू खोना नही चाहता !!
वो Tera होना नही चाहता !!
दुश्मन भी मेरे मुरीद हैं शायद !!
वक्त बेवक्त मेरा नाम लिया करते है !!
मेरी गली से गुजरते हैं छुपा के खंजर
रू-ब-रू होने पर सलाम किया करते हैं !!
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Attitude dushmani shayari
दुश्मनों की महफ़िल में चल रही थी !!
मेरे कत्ल की तैयारी !!
मैं पहुंचा तो बोले यार
बहुत लम्बी उम्र है तुम्हारी !!
लोग कहते हैं कि इतनी दोस्ती मत करो !!
कि दोस्त दिल पर सवार हो जाए !!
मैं कहता हूँ दोस्ती इतनी करो !!
कि दुश्मन को भी तुम से प्यार हो जाए !!
आज फिर कोई गम में गुजरा होगा !!
जरूर फिर कोई हम से गुजरा होगा !!
दुश्मनों को देखकर लगता है ऐसा !!
आज फिर कोई जल-जलकर गुजरा होगा !!
पेश-ए-जमीं रहूं या पेश-ए-आसमां रहूं !!
रहता हूं अपने आप में मैं चाहे जहां रहूं !!
दोस्तों ने खबर लेना छोड़ दिया है अब !!
दुश्मनों को खबर है मेरी मैं जहां रहूं !!
हादसे तो हर शख्स के साथ होते हैं यहां !!
खिलौने बेबसी में फना होते हैं अब यहां !!
दुश्मनों ने छोड़ दिया है मुझसे दूर रहना अब !!
मुझे तोड़ने की तलाश में रहते हैं अब यहां !!
जाल बुनने लगे हैं दुश्मन आसमान में !!
दोस्त भी नहीं रहे अब इस जहां में !!
मैं भी तो ठहर कर देखूं जोर कितना है !!
सपने ऊंचे देखे हैं इस नन्ही सी जान ने !!
मैं दुश्मनी को अंजाम दूंगा !!
अपने दुश्मनों को ये पैगाम दूंगा !!
रोक सको तो लगा लो जो दम तुम में है !!
मैं खुद को एक नया मुकाम दूंगा !!
जो शब्द उसने कहा वही मैंने कहा !!
तो हमने क्या बुरा कर दिया !!
दुश्मनों से भरे जमाने ने हम पर !!
दुश्मनी का इलजाम लगा दिया !!
हसरतें कतरा-ए-कतरा ओस हुईं !!
तपिश भी जिंदगी में खामोश हुईं !!
दोस्तों से की थी साथ देने की गुजारिश !!
दुश्मनी के नशे में उनकी यारी मदहोश हुई !!
कतरा-कतरा बिखर रहा है कोई !!
मेरी तरक्की से जल रहा है कोई !!
हमने दुश्मनों को भी दी थी नसीहत !!
नसीहत को छोड़कर उधड़ रहा है कोई !!
दुश्मनी निभाने के लिए मिलना होगा !!
तुम्हें अपनी तकदीर को बदलना होगा !!
यूं दूर-दूर रहकर नहीं होता करार ये !!
मुझसे टकराने के लिए मुझसा बनना होगा !!
शिकवा है !! शिकायत है !!
ऐ दुश्मन तुमसे कई सवाल हैं !!
कहीं तू बेहतरीन है इतना !!
कहीं क्यों तेरा बुरा हाल है !!
जिंदगी यही सोचते-सोचते निकल जाएगी !!
आज मेरी बदलेगी तो कल तेरी बदल जाएगी !!
किससे दोस्ती करूं और किससे दुश्मनी !!
हम सब की शाम जिंदगी के साथ ढल जाएगी !!
दुश्मनी हमसे कब तक निभाओगे !!
एक दिन टूटकर बिखर जाओगे !!
देखो अभी भी वक्त है साथ दो मेरा !!
बरना सिर्फ तस्वीरों में नजर आओगे !!
दुश्मनी तो कर ली तूने !!
तू अब किस ओर जाएगा !!
छुप न पाएगीं तेरी करतूतें !!
हमारा जब दौर आएगा !!
Dushmani shayari in hindi
कद में जो बहुत छोटे हैं !!
वो दुश्मनी क्या निभाएंगे !!
औकात कर लो हमसे भिड़ने की !!
तब दुश्मनी हम भी निभाएंगे !!
दुश्मनों के दिलों में डर और !!
खुदा मेरे दिल में मौजूद रहता है !!
छूकर कहीं खाक मत हो जाना !!
क्योंकि लहू में मेरे बारूद रहता है !!
मेरे हार जाने का वो !!
न जाने कब से इंतजार कर रहे हैं !!
कम अकल हैं मेरे सारे दुश्मन !!
अपना समय बेकार कर रहे हैं !!
औकात नहीं है जिनकी खाक बराबर !!
वो हमें दुश्मनी का पैगाम दे रहे हैं !!
अपनी जुबां से मुझे रोज याद करते हैं !!
और उसे हौसले का नाम दे रहे हैं !!
जगह नहीं बची दिल में दोस्तों के लिए !!
गिना भी नहीं सकता इतने जख्म दिए !!
दोस्त थे कभी आज वो दुश्मन हो गए !!
दिल नहीं करता किसी से दोस्ती के लिए !!
हाथ मिला लिया उसने औरों के साथ मिलकर !!
हाे गया याराना अब बेगैरों के साथ मिलकर !!
दुश्मनों से मिलकर दुश्मनी कर ली हमसे !!
दोस्ती कर ली उसने गैरों के साथ मिलकर !!
कल तक था जो भी अपना !!
आज वो अफसाना बन गया !!
कदम क्या चूमे तरक्की ने मेरे !!
दुश्मन सारा जमाना बन गया !!
सुनकर यह कैसा फसाना हो गया !!
दुश्मन हमारा सारा जमाना हो गया !!
हम करते रहे भलाई यारों की और !!
दुश्मनों से ही उसका याराना हो गया !!
मेरे दुश्मनों की ठोकरों ने मुझे !!
सही रास्ता दिखाया है !!
दोस्तों से खाकर धोखा !!
अपनी मंजिल तक पहुंचाया है !!
आखिर पछता रहे हो न !!
तुम हमसे मुंह मोड़कर !!
बाल भी बांका नहीं कर सके !!
तुम हमसे दुश्मनी जोड़कर !!
जब जरूरत थी दोस्त की !!
तो कभी उसका जबाव न मिला !!
दुश्मनों में शामिल हो गया वो !!
अच्छा दिया उसने दोस्ती का सिला !!
हाथों में सिर्फ खंजर नहीं !!
उसकी आंखों में पानी भी होना चाहिए !!
दुश्मन मेरा जो भी बने खुदा !!
उसपर भी खुदा की महरबानी होनी चाहिए !!
कभी लगता है कि दुश्मन ही करीब हैं !!
जो हर दिन मेरा नाम ले लेते हैं !!
अपनों की ही क्या तारीफ करूं मैं !!
मुसीबत के समय भाग लेते हैं !!
मिलते-मिलते भी लोग मुकर जाते हैं !!
संग चलने वाले भी दुश्मन हो जाते हैं !!
दुनिया में किसे कहूं अब अपना !!
वक्त आने पर दोस्त भी छोड़कर चले जाते हैं !!
खामोश रहूं तो दुनिया बदनाम करती है !!
महफिल में रहूं तो बातें परेशान करती हैं !!
जो दोस्त थे आज वो दुश्मनों के संग हैं !!
अकेले में मुझे उसकी यादें हैरान करती हैं !!
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2 line shayari on dushmani
उसकी दुश्मनी का शोर !!
मुद्दतों से मेरे कानों में गूंजता रहा !!
और मैं पागलों के जैसे !!
उसकी दोस्ती को यादों में ढूंढता रहा !!
मजा तो दुश्मन से लड़ने में है !!
चुप रहकर सुकून में नहीं !!
जो समझते हैं कि डर जाऊंगा बातों से !!
तो सुन डरना तो अपने मैं खून से भी नहीं !!
जिंदगी में आए दुश्मन बड़े-बड़े !!
लेकिन हम कभी किसी से नहीं डरे !!
दुश्मनी करना है तो कद ऊंचा करो !!
क्योंकि हम चूहे नहीं मारते !!
दोस्ती का दुश्मनी से !!
कोई वास्ता नहीं होता !!
दुश्मन भी डरकर भागते हैं वहां !!
जहां कोई रास्ता नहीं होता !!
शराफत से बात करो तो !!
दुश्मन कमजोर समझ लेते हैं !!
दिखा देते हैं जब औकात अपनी !!
तब कोई और समझ लेते हैं !!
दुश्मनों की तरक्की से जल जाएं !!
उन लोगों में से हम नहीं हैं !!
जलाया है अपनी तरक्की से कितनों को !!
जमाने में ऐसे दुश्मन भी कम नहीं हैं !!
अभी वक्त है तुम्हारा तो !!
कानों में शोर तुम्हारा आएगा !!
दुश्मनी करके तब बचकर रहना !!
जब दौर हमारा आएगा !!
नादान समझने वाले !!
दुश्मन भी इस नादानी में है !!
हम भी देखते रहते हैं !!
कौन कितने पानी में है !!
दुश्मनों ने सोचा कि नहीं आऊंगा मैं !!
क्योंकि बहुत गहरी चोट खाया हूं !!
नजरें उठाकर सलाम करो मुझे !!
क्योंकि मैं वापस लौट आया हूं !!
डरता नहीं दुश्मनों से !!
बस एक खुदा से डरता हूं !!
दुश्मनों के इलाके से !!
मैं सर उठा के गुजरता हूं !!
आज कामयाबी कदम चूमती है !!
और हम जीते हैं बड़ी शान से !!
तभी तो जलते रहते हैं दुश्मन !!
मेरी तरक्की और मेरे नाम से !!
जान देता हूं दोस्तों पर अपने !!
दोस्तों के लिए मैं ताकत हूं !!
बन गए हैं जो दुश्मन मेरे !!
मैं उनके लिए बड़ी आफत हूं !!
दुश्मनी से तेरी वाकिफ हूं !!
मत समझो नादान मुझे !!
सारे राज जानता हूं तेरे !!
आंख खोल पहचान मुझे !!
जाने क्या तू औकात मेरी !!
मैं दुश्मनों का नवाब हूं !!
सच्चों के लिए अच्छा हूं !!
झूठों के लिए खराब हूं !!
दुश्मनों की रूह कांप जाती है !!
दोस्तों की जान कहलाते हैं !!
रिश्ता चाहे कैसा भी हो हमसे !!
हम बड़ी शिद्दत से निभाते हैं !!
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Dushmani attitude shayari
दोस्त ने दोस्ती छोड़कर दुश्मनी कर ली !!
दोस्ती को भुलाकर नफरत दिल में भर ली !!
नशा उतरेगा एक दिन झूठे अभिमान का !!
तूने दोस्त को छोड़कर दुश्मनी की शरण ली !!
मुझे नीचा दिखाने वाले मेरी ऊंचाई देख सकें !!
दोस्ती छोड़ने वाले मेरी दुश्मनी देख सकें !!
ऊपर वाला दुश्मनों को लम्बी उम्र दे !!
ताकी वो सभी मेरी तरक्की देख सकें !!
बहुत खूब किया मेरे दुश्मनों ने !!
अनजान बन के चतुराई शुरू कर दी !!
कोशिश की पर मुझ सा न बन सके !!
फिर पीठ पीछे मेरी बुराई शुरू कर दी !!
खूब मेहनत की और आगे बढ़ गया !!
लेकिन अपनी नजरें कहीं नहीं झुकाई !!
मेरे दुश्मन खुद जले और खूब जलते रहे !!
मैंने किसी के जीवन में आग नहीं लगवाई !!
हम अपना इंतज़ार संभाल लेंगे !!
तुम आ जाओ तो सही !!
हम ज़माने से दुश्मनी भी निभा लेंगे !!
तुम खुद को मेरा बताओ तो सही !!
दुश्मन भी दुआ देते है !!
मेरी फ़ितरत ऐसी है !!
और मेरे अपने दगा देते है !!
मेरी किश्मत ऐसी है !!
तुम निभाते रहो दुश्मनी हमसे !!
हम मोहब्बत की बात करेंगे !!
पढ़े लिखे लोग है जनाब !!
कई रास्ते आते है हमे बरबाद करने के !!
इतना बता देना दोस्त !!
मेरा दुश्मन कही मिल जाये तो !!
मेरी तलवार को कंधो पे सर !!
अच्छा नहीं लगता !!
चल रही थी मेरे क़त्ल की तैयारी !!
दुश्मनो की महेफिल में !!
में पहुँचा तो बोले यार बहुत लम्बी !!
उम्र हे तुम्हारी !!
छोटी उम्र हे तो क्या हुआ !!
जीवन का हर एक मंजर देखा हे !!
दुश्मनी मुस्कुराहटो के संग !!
बगल में छुपा खंजर देखा हे !!
दोस्ती का दुश्मन नहीं कोई !!
गलतफेमि से बढ़कर !!
परिंदो को उड़ाने का हे तो !!
बस शाखे हिला दीजिये !!
दुश्मन भी मेरे मुरीद हैं शायद !!
वक्त बेवक्त मेरा नाम लिया करते है !!
मेरी गली से गुजरते हैं छुपा के खंजर !!
रू-ब-रू होने पर सलाम किया करते हैं !!
Tujhe भाव दीया क्योकी !!
तुजसे Mohobbat की थी !!
वरना तेरी Okaat मेरे साये के !!
साथ चलने की भी नही थी !!
ओ बेखबर पर तू Taqleef से गुज़रे !!
ये हमे मंजूर नहीं ज्यादा Smart बनने की !!
कोशिश मत कर पगले !!
क्योंकि मेरे बाल भी तेरे Okaatत से लंबे है !!
रिश्ते में प्यार की ताक़त कुछ !!
वक़्त बीत जाने के बाद पता चलती हे !!
वरना पहली मुलाकात में तो !!
दुश्मन भी प्यार से बाते करता हे !!
हिफाज़त गेरो से तो कर लेते !!
लेकिन कोई अपना ही दुश्मनी पर उतर गया था !!
जिसको हमसफ़र चुना था हमने !!
वो अपने वादों से मुकर गया !!