अब तुम्हारी आदत सी हो गई है क्या करें !!
एकतरफा इश्क़ है झेलना ही पड़ेगा !!
इश्क़ एकतरफा हो तो !!
सामने वाले की यादें ही सब कुछ होती है !!
मुझे ये यकीं है तुम्हारी ये दुआ कभी कबूल ना होगी !!
की मुझे तुमसे कोई बेहतर मिल जाएगी !!
उम्मीद पर दुनिया टिकी है और मैं भी टिका हूँ !!
कहीं शायद मेरा एकतरफ़ा इश्क़ तुमसे दो तरफा हो जाए !!
इश्क़ भले ही एक तरफा था मेरा !!
मगर पहल तुम्हारी नजरों ने भी किया ही था !!
मैं नहीं जानता हूँ तुम्हारी रातें कैसे काट रही है !!
मेरा तो हर पल तेरी यादों में गुज़रता है !!
यकीं हुआ की दिल का साफ़ हूँ मैं !!
तभी तो शायद ठुकरा दिया तुमने मुझे !!
इश्क़ में तुमने मुझे समझना तो दूर !!
गलत समझने के लायक भी नहीं समझा !!
मुझे खोकर मालुम चलेगी कीमत मेरी !!
अभी तुम्हारे पास हूँ तो तुम्हें कोई एहसास नहीं !!
झूठ कहते है लोग दुआएं कबूल होती है !!
हमने तो हर दुआ में हमें ही माँगा था !!
एक बार खुलकर तुम इंकार भी कर जाते !!
एकतरफ़ा इश्क़ में “हमारे लिए ये भी बहुत होता !!
हमने हर दुआ में तेरी ही ख़ुशी मांगी !!
अब और भला कैसे तुमसे मुहब्बत करते !!
नाकामी मेरी थी इश्क़ में !!
तुझे अपने इश्क़ का एहसास ना दिला सका !!
जिनके एहसासों के सहारे हम जिए जा रहे है !!
कमाल है उन्हें इस बात का एहसास तक नहीं !!
दुआ में कमी रह गई या मेरे इश्क़ में शायद !!
तभी मेरी मोहब्बत का तुझे एहसास तक ना हुआ !!
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