नजर सदा हो उची !!
सिखाती है पतंग !!
धूम-धूम धक-धक धूम-धूम धक !!
उड़ायेंगे पतंग मिलकर हम सब !!
मीठी बोली मीठी जुबान !!
मकरसंक्रांति का है ये हीपैगाम !!
नीले-नीले आसमां में उड़ती रंग-बिरंगी पतंगे !!
जैसे नीले-नीले सागर में तैरती रंग-बिरंगी मछलियाँ !!
ऊंची पतंग और खुला आकाश !!
संक्रांति पर छाए हर्षोल्लास !!
पतंग भी तुम्हारी तरह निकली !!
जरा-सी हवा क्या लगी साली उड़ने लगी !!
तुम क्या जानो गम क्या होता है !!
तुने तो हमेशा भात से ही पतंग चिपकाया हैं !!
इश्क की पतंगे उडाना छोड़ दी !!
वरना हर हसीनाओं की छत पर हमारे ही धागे होते !!
मोहब्बत एक कटी पतंग है जनाब !!
गिरती वही है जिसकी छत बड़ी होती है !!
मस्त मनेगा संक्राति का त्यौहार !!
जब साथ होंगे मौहल्ले के यार !!
धूम-धूम धक-धक धूम-धूम धक !!
उड़ायेंगे पतंग मिलकर हम सब !!
मीठी बोली मीठी जुबान !!
मकरसंक्रांति का है ये हीपैगाम !!
तिलकुट की खुश्बू दही चिवड़ा की बहार !!
मुबारक हो आपको मकर संक्रांति का त्योहार !!
खिचड़ी का पर्व लाया मस्ती और उमंग !!
आकाश को पतंग से डालो रंग !!
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Makar Sankranti Shayari In Hindi
तुम क्या जानो गम क्या होता है !!
तुने तो हमेशा भात से ही पतंग चिपकाया हैं !!
सभी दोस्तों को मकर सक्रांति पर्व की शुभकामनाये !!
आपका दिन शुभ और मंगलमय हो ऐसी कमाना करता हूँ !!
नीली पीली रंग बिरंगी पतंग उड़ी आकाश में !!
सतरंगी नील गगन हुआ चेहेरे खिले प्रकाश में !!
सूर्य का त्योहार लाएगा आपके जीवन में !!
ज्ञान और खुशियों का भंडारमुबारक हो !!
आपको मकर संक्रांति का त्योहार !!
हर पतंग जानती है अंत में कचरे मे जाना है !!
लेकिन उसके पहले हमें आसमान छूकर दिखाना है !!
बस ज़िंदगी भी यही चाहती है !!
हर पतंग जानती है अंत में कचरे मे जाना है !!
लेकिन उसके पहले हमें आसमान छूकर दिखाना है !!
बस ज़िंदगी भी यही चाहती है !!
अपनी कमजोरियों का जिक्र !!
कभी भी न करना जमाने से !!
लोग कटी पतंगो को जमकर लूटा करती हैं !!
वेलेंटाइन पर प्रपोज किसे करना है !!
यह ढूँढने के लिए आता है ये त्यौहार !!
अर्थात मकरसंक्रांति !!
पुराना साल जाता है नया साल आता है !!
साथ आप संक्रांति की खुशिया लता है !!
भगवान आप को वो खुशिया दे जो आप का दिल चाहता है !!
दिल में है छायी मस्ती मन में भरी है उमंग !!
उड़ती हैं पतंगें रंग बिरंगी !!
आसमान में छाया मकर संक्रांति का रंग !!
मीठी बोली, मीठी जुबान !!
मकर संक्रांति पर यही है पैगाम !!
मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं !!
तन में मस्ती, मन में उमंग, देकर सबको अपनापन !!
गुड़ में जैसे मिठापन, होकर साथ हम उड़ाए पतंग !!
भर दे आकाश में अपने रंग !!
मीठी बोली, मीठी जुबान !!
मकर संक्रांति पर यही है पैगाम !!
मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं !!
गुड़ की मिठास, पतंगों की आस !!
संक्रांति में मनाओ जम कर उल्लास !!
हैप्पी मकर संक्रांति 2024
मुंगफली की खुश्बु और गुड़ की मिठास !!
दिलों में खुशी और अपनो का प्यार !!
मुबारक हो आपको मकर संक्रांति का त्योंहार !!
Makar Sankranti Shayari
सुंदर कर्म, शुभ पर्व !!
हर पल सुख और हर दिन शान्ति !!
आप सब के लिए लाये मकर संक्रांति !!
सब फ्रेंड को मिले सन्मति, आज है मकर संक्राति !!
स्वीट फ्रेंड उग गया दिनकर, उड़ाए पतंग हम मिलकर !!
आकाश हो पतंग से आता, सुनाओ वो मेरा वो कटा !!
खुले आसमा में जमी से बात न करो !!
ज़ी लो ज़िंदगी ख़ुशी का आस न करो !!
हर त्यौहार में कम से कम हमे न भूलो करो !!
फ़ोन से न सही मैसेज से ही संक्राति विश किया करो !!
पल पल सुनहरे फूल खिले !!
कभी न हो काँटों से सामना !!
जिंदगी आपकी खुशियो से भरी रहे !!
यही है संक्रांति पर हमारी शुभकामना !!
मंदिर की घंटी संग पूजा की थाली !!
उत्तरायण में दिखी सूरज की लाली !!
जीवन में आए खुशियों की हरियाली !!
मुबारक हो आपको मकर संक्रांति !!
त्योहार में नहीं होता अपना-पराया !!
त्योहार है वही जिसे सबने मनाया !!
मिला कर गुड़ में तिल !!
मीठे लड्डू संग मिलने दो दिल !!
इस वर्ष की मकर संक्रांति !!
आपके लिए हो तिल-लड्डू जैसी मीठी !!
मिले कामयाबी पतंग जैसी ऊंची !!
इसी कामना के साथ हैप्पी मकर संक्रांति !!
नीले-नीले आसमां में उड़ती रंग-बिरंगी पतंगे !!
जैसे नीले-नीले सागर में तैरती रंग-बिरंगी मछलियाँ !!
मस्त मनेगा संक्राति का त्यौहार !!
जब साथ होंगे मौहल्ले के यार !!
गुड़ की मिठास, पतंगों की आस !!
संक्रांति में मनाओ जम कर उल्लास !!
हैप्पी मकर संक्रांति 2024
दिल में है छायी मस्ती मन में भरी है उमंग !!
उड़ती हैं पतंगें रंग बिरंगी !!
आसमान में छाया मकर संक्रांति का रंग !!
तन में मस्ती, मन में उमंग !!
चलो आकाश में डाले रंग !!
हो जाये सब संग संग,उडाए पतंग !!
हैप्पी मकर संक्रान्ति !!
तील हम है,और गुड़ हो आप !!
मिठाई हम है, और मिठास हो आप !!
इस साल के पहले त्योंहार से हो रही आज शुरुआत !!
आपको हमारी ओर से मकर संक्रांति की शुभकामनाएँ !!
इस वर्ष की मकर संक्रांति !!
आपके लिए हो तिल लड्डू जैसी मीठी !!
मिले कामयाबी पतंग जैसी उँची !!
इसी कामना वाली मकर संक्राति !!
यादें अक्सर होती है सताने के लिए !!
कोई रूठ जाता है फिर मान जाने के लिए !!
रिश्ते निभाना कोई मुश्किल तो नही !!
बस दिलो में प्यार चाहिए उसे निभाने के लिए !!
ठंड की इस सुबह पड़ेगा हमें नहाना !!
क्योंकि संक्रांति का पर्व कर देगा मौसम सुहाना !!
कहीं जगह-जगह पतंग है उड़ना !!
कहीं गुड़ कहीं तिल के लड्डू मिल कर है खाना !!
मकर संक्रांति शायरी हिंदी
पुराना साल जाता है नया साल आता है !!
साथ आप संक्रांति की खुशिया लता है !!
भगवान आप को वो खुशिया दे !!
जो आप का दिल चाहता है !!
आदमी का भी पतंग की तरह ही है साहब !!
कन्या अच्छी बंधी तो उची उड़ान !!
और गलत बंधी तो गोल गोल घुमता रहता है !!
Happy Makar Sankranti
चिंटू मन्नू जल्दी आ जाओ !!
तिल्ली के लड्डू गब-गब खा जाओ !!
लुटेंगे खूब पतंगे मांजा इस बार !!
आया है मकर संक्राति का त्यौहार !!
बंदे हैं हम देश के हम पर किसका ज़ोर !!
मकर संक्रान्ति में उड़े,पतंगे चारो और !!
लंच में खाएं फिरनी गोल,अपना मांझा खुद सूतने !!
आज हम चले छत की और,हैप्पी मकर सक्रांति !!
खुले आसमा में जमी से बात न करो !!
ज़ी लो ज़िंदगी ख़ुशी का आस न करो !!
हर त्यौहार में कम से कम हमे न भूलो करो !!
फ़ोन से न सही मैसेज से ही संक्राति विश किया करो !!
बाजरे की रोटी, निम्बू का आचार !!
सूरज की किरणें, चाँद की चांदनी !!
और अपनों का प्यार, हर जीवन हो खुशाल !!
मुबारक हो मकर संक्रान्ति का त्योहार !!
हो आपके जीवन में खुशियाली !!
कभी भी न रहे कोई दुख देने वाली पहेली !!
सदा खुश रहें आप और आपकी Family !!
Happy Makar Sankranti
खुले आसमान में जमी से बात न करो !!
ज़ी लो ज़िंदगी ख़ुशी का आस न करो !!
हर त्यौहार में कम से कम हमे न भूला करो !!
फ़ोन से न सही मैसेज से ही संक्राति विश किया करो !!
चिंटू मन्नू जल्दी आ जाओ !!
तिल्ली के लड्डू गब-गब खा जाओ !!
लुटेंगे खूब पतंगे मांजा इस बार !!
आया है मकर संक्राति का त्यौहार !!
बंदे हैं हम देश के हम पर किसका ज़ोर !!
मकर संक्रान्ति में उड़े पतंगे चारो और !!
लंच में खाएं फिरनी गोल,अपना मांझा खुद सूतने !!
आज हम चले छत की और,हैप्पी मकर सक्रांति !!
दिल में है छायी मस्ती मन में भरी है उमंग !!
उड़ती हैं पतंगें रंग बिरंगी !!
आसमान में छाया मकर संक्रांति का रंग !!
Happy Makar Sankranti
खुले आसमा में जमी से बात न करो !!
ज़ी लो ज़िंदगी ख़ुशी का आस न करो !!
हर त्यौहार में कम से कम हमे न भूलो करो !!
फ़ोन से न सही मैसेज से ही संक्राति विश किया करो !!
बाजरे की रोटी, निम्बू का आचार !!
सूरज की किरणें, चाँद की चांदनी !!
और अपनों का प्यार, हर जीवन हो खुशाल !!
मुबारक हो मकर संक्रान्ति का त्योहार !!
ठंड की इस सुबह पड़ेगा हमें नहाना !!
क्योंकि संक्रांति का पर्व कर देगा मौसम सुहाना !!
कहीं जगह-जगह पतंग है उड़ना !!
कहीं गुड़ कहीं तिल के लड्डू मिल कर है खाना !!
तन में मस्ती, मन में उमंग !!
चलो आकाश में डाले रंग !!
हो जाये सब संग संग,उडाए पतंग !!
हैप्पी मकर संक्रान्ति
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Makar sankranti wishes in hindi
सपनों को लेकर मन में !!
उड़ायेंगे पतंग आसमान में !!
ऐसी भरेगी उड़ान मेरी पतंग !!
जो भर देगी जीवन में खुशियों की तरंग !!
तिल हम हैं और गुड़ आप !!
मिठाई हम हैं और मिठास आप !!
साल के पहले त्यौहार से हो रही है आज शुरुआत !!
आपको हमारी तरफ से हैप्पी मकर संक्रांति !!
हो आपके जीवन में खुशियाली !!
कभी भी न रहे कोई दुख देने वाली पहेली !!
सदा खुश रहें आप और आपकी Family !!
Happy Makar Sankranti
खुले आसमान में जमी से बात न करो !!
ज़ी लो ज़िंदगी ख़ुशी का आस न करो !!
हर त्यौहार में कम से कम हमे न भूला करो !!
फ़ोन से न सही मैसेज से ही संक्राति विश किया करो !!
सूरज की राशि बदलेगी बहुतों की किस्मत बदलेगी !!
यह साल का पहला पर्व होगा !!
जो बस खुशियों से भरा होगा !!
हैप्पी संक्रांति !!
तन में मस्ती, मन में उमंग, देकर सबको अपनापन !!
गुड़ में जैसे मिठापन, होकर साथ हम उड़ाए पतंग !!
भर दे आकाश में अपने रंग !!
Happy Makar Sankranti
होठों पे मुस्कान औँर आपका साथ हो !!
हर त्योहार हमारे लिए फिर खास हो !!
उड़े पतंग हवा में और आप खिलखिलाती हो !!
ऐसी इस साल की हमारी मकर संक्रांति हो !!
गुड़ में तिल गए जैसे मिल !!
तन में मस्ती खिल गए दिल !!
चैन अमन और रहे शांति !!
हो मुबारक मकर संक्रांति !!
काट न सके कोई पतंग आपकी !!
टूटे न कभी डोर विश्वास की !!
छू लें आप जिंदगी की सारी कामयाबी !!
जैसे पतंग छूती है ऊंचाई आसमान की !!
उगता हुआ सूरज दुआ दे आपको !!
खिलता हुआ फूल खुशबू दे आपको !!
हम तो कुछ देने के काबिल नहीं हैं !!
देने वाला हजार खुशियां दे आपको !!
यादें अक्सर होती हैं सताने के लिए !!
कोई रूठ जाता है फिर मान जाने के लिए !!
रिश्ते निभाना कोई मुश्किल तो नहीं !!
बस दिलों में प्यार चाहिए उसे निभाने के लिए !!
पल पल सुनहरे फूल खिले !!
कभी ना हो कांटों से सामना !!
जिन्दगी आपकी खुशियों से भरी रहे !!
यही है संक्रांति पर हमारी शुभकामना !!
सपनों को लेकर मन में !!
उड़ायेंगे पतंग आसमान में !!
ऐसी भरेगी उड़ान मेरी पतंग !!
जो भर देगी जीवन में खुशियों की तरंग !!
तिल हम हैं और गुड़ आप !!
मिठाई हम हैं और मिठास आप !!
साल के पहले त्यौहार से हो रही है आज शुरुआत !!
आपको हमारी तरफ से हैप्पी मकर संक्रांति !!
हो आपके जीवन में खुशियाली !!
कभी भी न रहे कोई दुख देने वाली पहेली !!
सदा खुश रहें आप और आपकी Family !!
Happy Makar Sankranti
Makar sankranti ki hardik shubhkamnaye
मिठे मिठे गुड़ में मिल गया TiL !!
उड़ी पतंग और खिल गया DiL !!
चलो उड़ाये पतंग सबलोग Mil !!
Happy Makar Sankranti
खुले आसमान में जमी से बात न करो !!
ज़ी लो ज़िंदगी ख़ुशी का आस न करो !!
हर त्यौहार में कम से कम हमे न भूला करो !!
फ़ोन से न सही मैसेज से ही संक्राति विश किया करो !!
तन में मस्ती, मन में उमंग !!
चलो आकाश में डाले रंग !!
हो जाये सब संग संग उडाए पतंग !!
हैप्पी मकर संक्रान्ति
सपनों को लेकर मन में !!
उड़ायेंगे पतंग आसमान में !!
ऐसी भरेगी उड़ान मेरी पतंग !!
जो भर देगी जीवन में खुशियों की तरंग !!
मूंगफली दी खुशबू ते गुड दी मिठास !!
मक्की दी रोटी ते सरसों दा साग !!
दिल दी ख़ुशी ते अपनेय दा प्यार
मुबारक होवे तुहानू मकरसंक्रांति दा त्यौहार !!
बाजरे की रोटी, नींबू का अचार !!
सूरज की किरणें, चांद की चांदनी !!
और अपनों का प्यार, हर जीवन हो खुशहाल !!
मुबारक हो आपको मकर संक्रांति का त्योहार !!
सभी लोगों को मिले सन्मति !!
आज है मकर संक्रांति !!
मित्रों उठ गया है दिनकर !!
चलो उडाये पतंग मिलकर !!
दिल को धडकन से पहले दोस्तों को दोस्ती से पहले !!
प्यार को मोहब्बत से पहले ख़ुशी को गम से पहले !!
आपको कुछ दिन पहले !!
मकरसक्रांति की सुभकामना सबसे पहले !!
काट ना सके कभी कोई पतंग आपकी टूटे ना कभी डोर !!
विश्वास की छू लो आप ज़िन्दगी की सारी कामयाबी !!
जैसे पतंग छूती है ऊँचाइयाँ आसमान की !!
मकर सक्रांति की हार्दिक शुभ कामनाये !!
तिल हम हैं और गुड़ हैं आप !!
मिठाई हम हैं और मिठास हैं आप साल के पहले !!
त्यौहार से हो रही है शुरूआत !!
आपको हमारी तरफ से ढेर सारी मुबारकबाद !!
पल पल सुनहरे फूल खिले !!
कभी ना हो कांटों का सामना !!
जिंदगी आपकी खुशियों से भरी रहे !!
संक्रांति पर हमारी यही शुभकामना !!
काट ना सके कभी कोई पतंग आपकी !!
टूटे ना कभी डोर विश्वास की !!
छू लो आप ज़िन्दगी की सारी कामयाबी !!
जैसे पतंग छूती है ऊंचाइयां आसमान की !!
मंदिर की घंटी, आरती की थाली !!
नदी के किनारे सुरज की लाली !!
जिंदगी में आये खुशियों की बहार !!
आपको मुबारक हो पतंगों का त्योंहार !!
बंदे हैं हम देश के हम पर किसका ज़ोर !!
मकर संक्रान्ति में उड़े, पतंगे चारो और !!
लंच में खाएं फिरनी गोल,अपना मांझा खुद सूतने !!
आज हम चले छत की और,हैप्पी मकर सक्रांति !!
सर्दी की इस सुबह पड़ेगा हमे नहाना !!
मकरसक्रांति का पर्व कर देगा मोसम सुहाना !!
दिन भर पतंग हमें है उड़ाना !!
कहीं गुड कही तिल के लड्डू मिल कर हमें है खाना !!
Sankranti status
खुले आसमान में जमी से बात न करो !!
ज़ी लो ज़िंदगी ख़ुशी का आस न करो !!
हर त्यौहार में कम से कम हमे न भूला करो !!
फ़ोन से न सही मैसेज से ही संक्राति विश किया करो !!
मंदिर की घंटी आरती की थाली !!
नदी के किनारे सूरज की लाली !!
ज़िन्दगी में आये खुशियों की बहार !!
मुबारक हो आपको मकरसंक्रांति का यह त्यौहार !!
सभी लोगों को मिले सन्मति !!
आज है मकर संक्रांति !!
मित्रों उठ गया है दिनकर !!
चलो उडाये पतंग मिलकर !!
काट ना सके कभी कोई पतंग आपकी !!
टूटे ना कभी डोर आपके विश्वास की !!
छु लो आप ज़िन्दगी की सारी कामयाबी !!
जैसे पतंग छूती है ऊंचाईया आसमान की !!
मूंगफली की खुशबू गुड़ की मिठास !!
दिलों में खुशी अपनों का प्यार !!
मुबारक हो आपको !!
मकर संक्रांति का त्योहार !!
मीठे गुड में मिल गये तिल !!
उडी पतंग और खिल गये दिल !!
हर दिन सुख और हर पल शांति !!
मुबारक हो आपको ये मकरसंक्रांति !!
उड़ी जो पतंग तो खिल गया दिल !!
गुड़ की मिठास में देखो मिल गया तिल !!
चलो आज उमंग-उल्लास में खो जाएं हम लोग !!
सजाएं थाली और लगाएं अपने भगवान को !!
काट ना सके कभी कोई पतंग आपकी !!
टूटे ना कभी डोर आपके विश्वास की !!
छू लों आप जिंदगी के सारे कामयाबी !!
जैसे पतंग छूती है ऊंचाइयां आसमान की !!
मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं !!
बिन सावन बरसात नहीं होती !!
सूरज डूबे बिना रात नहीं होती !!
अब ऐसी आदत हो गई है कि !!
आपको विश किए बिन किसी !!
त्योहार की शुरुआत नहीं होती !!
मकर संक्रांति की शुभकामनाएं !!
सपनों को लेकर मन में !!
उड़ाएंगे पतंग आसमान में !!
ऐसी भरेगी उड़ान मेरी पतंग !!
जो भर देगी जीवन में खुशियों की तरंग !!
हैप्पी मकर संक्रांति !!!
काट ना सके कभी कोई पतंग आपकी !!
टूटे ना कभी डोर विश्वास की !!
छू लो आप ज़िन्दगी की सारी कामयाबी !!
जैसे पतंग छूती है ऊँचाइयाँ आसमान की !!
मकर सक्रांति की हार्दिक शुभ कामनायें !!
ख़ुशी का है यह मौसम !!
गुड और टिल का है यह मौसम !!
पतंग उड़ाने का है यह मौसम !!
शांति और समृद्धि का है यह मौसम !!
मकर संक्रांति की शुभकामनायें !!
मीठे गुड़ में मिल गए तिल !!
उड़ी पतंग और खिल गए दिल !!
हर पल सुख और हर दिन शांति !!
आप सबके लिए लाए मकर सक्रांति !!
Happy Makar Sankranti
तन में मस्ती, मन में उमंग !!
देकर सबको अपनापन !!
गुड़ में जैसे मिठापन !!
होकर साथ हम उड़ाये पतंग !!
भर दें आकाश में अपने रंग !!
पूर्णिमा का ‘चाँद, रंगों की ‘डोली !!
चाँद से उसकी चांदनी बोली !!
खुशियो से भरे आपकी ‘झोली !!
मुबारक हो आप को रंग बिरंगी !!
पतंग वाली ’ मकर संक्रांति !!
हैप्पी संक्रांति
Makar sankranti shayari
ऊँची पतंग से मेरी ऊँची उड़ान होंगी !!
इस जहाँ में मेरे लिए मंजिले तमाम होंगी !!
जब भी आसमान की और देखोगे तुम दोस्तों !!
तुम्हारे ही हाथों मेरी डोर के साथ जान होंगी !!
तिल्ली भी पीली और गुड़ में मिठास होंगी !!
मकर सक्रांति पर्व पर मेरी तरफ से बधाइयाँ बार बार होंगी !!
त्यौहार नहीं होता है अपना पराया !!
त्योहार वही जिसे सबने मनाया !!
तो मिला के गुढ़ में तिल !!
पतंगन संग उड़ जाने दो दिल !!
हैप्पी मकर संक्रांति !!
ठण्ड की एक सुबह पड़ेगा हमे नहाना !!
क्यों की संक्रांति का पर्व कर देगा मौसम सुहाना !!
कही पतंग कही दही चुरा कही खिचड़ी !!
सब कुछ का है मिल कर ख़ुशी मनना !!
हैप्पी सक्रांति
बिन बादल बरसात नहीं होती !!
सूरज के उगे बिना दिन की शुरुआत नहीं होती !!
हम जानते है हमारे बिना विश की आप की !!
कोई त्यौहार शुरुआत नहीं होती !!
आप सभी को मकर संक्रांति की हार्दिक !!
तिल हम है और गुड़ हो आप !!
मिठाई हम है और मिठास हो आप !!
इस साल के पहले त्योहार से हो रही अब शुरुआत !!
आपको और आपके परिवार को !!
हैप्पी मकर संक्रांति !!
काट ना सके कभी कोई पतंग आपकी !!
टूटे ना कभी डोर आपके विश्वास की !!
छू लों आप जिंदगी के सारे कामयाबी !!
जैसे पतंग छूती है ऊंचाइयां आसमान की !!
मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं !!
मीठे गुड़ में मिल गए तिल !!
उड़ी पतंग और खिल गए दिल !!
हर पल सुख और हर दिन शांति !!
आप सबके लिए लाए मकर सक्रांति !!
Happy Makar Sankranti
काट ना सके कभी कोई पतंग आपकी !!
टूटे ना कभी डोर आपके विश्वास की !!
छू लों आप जिंदगी के सारे कामयाबी !!
जैसे पतंग छूती है ऊंचाइयां आसमान की !!
मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं !!
बंदे हें हम गुजराती हम पर किसका ज़ोर !!
उतरायण में उड़े पतंग चारों ओंर !!
लंच में खायें ऊँधिया और जलेबी गोल-गोल !!
अपना मांजा खुद बनवाने !!
आज चले हम टेरेस की ओर !!
गुल को गुलशन मुबारक हो !!
चांद को चांदनी मुबारक हो !!
शायर का शायरी मुबारक हो !!
और हमारी तरफ से आपको !!
मकर संक्रांति मुबारक हो !!
मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं !!
सूरज की राशि बदलेगी !!
कुछ का नसीब बदलेगा !!
यह साल का पहला पर्व होगा !!
जब हम सब मिल कर खुशियाँ मनाएंगे !!
हैप्पी मकर संक्रांति 2024 !!
काट ना सके कभी कोई पतंग आपकी !!
टूटे ना कभी डोर विश्वास की !!
छू लो आप ज़िन्दगी की सारी कामयाबी !!
जैसे पतंग छूती है ऊँचाइयाँ आसमान की !!
मकर सक्रांति की हार्दिक शुभ कामनायें !!
मंदिर की घंटी, आरती की थाली !!
नदी के किनारे सूरज की लाली !!
ज़िन्दगी में आये खुशियों की बहार !!
आपको मुबारक हो संक्रांत का त्यौहार !!
हैप्पी मकर संक्रांति !!
बिन सावन बरसात नहीं होती !!
सूरज दुबे बिन रात नहीं होती !!
अब ऐसी आदत हो गई है की !!
आपको wish किये बिन किसी !!
त्योहार की शुरुवात नहीं होती !!
सूरज की राशि बदलेगी !!
कुछ का नसीब बदलेगा !!
यह साल का पहला पर्व होगा !!
जब हम सब मिल कर खुशियाँ मनाएंगे !!
हैप्पी मकर संक्रांति 2024
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Makar sankranti shayari in english
काट ना सके कभी कोई पतंग आपकी !!
टूटे ना कभी डोर विश्वास की !!
छू लो आप ज़िन्दगी की सारी कामयाबी !!
जैसे पतंग छूती है ऊँचाइयाँ आसमान की !!
मकर सक्रांति की हार्दिक शुभ कामनायें !!
मंदिर की घंटी, आरती की थाली !!
नदी के किनारे सूरज की लाली !!
ज़िन्दगी में आये खुशियों की बहार !!
आपको मुबारक हो संक्रांत का त्यौहार !!
हैप्पी मकर संक्रांति
तिल हम हैं और गुड़ आप !!
मिठाई हम हैं और मिठास आप !!
साल के पहले त्यौहार से हो रही है आज शुरुआत !!
आपको हमारी तरफ से !!
हैप्पी मकर संक्रांति
यादें अक्सर होती है सताने के लिए !!
कोई रूठ जाता है फिर मान जाने के लिए !!
रिश्ते निभाना कोई मुश्किल तो नही !!
बस दिलो में प्यार चाहिए उसे निभाने के लिए !!
आप को मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं !!
बिन सावन बरसात नहीं होती !!
सूरज दुबे बिन रात नहीं होती !!
अब ऐसी आदत हो गई है की !!
आपको wish किये बिन किसी !!
त्योहार की शुरुवात नहीं होती !!
ख़ुशी का है यह मौसम !!
गुड और टिल का है यह मौसम !!
पतंग उड़ाने का है यह मौसम !!
शांति और समृद्धि का है यह मौसम !!
2024 मकर संक्रांति की शुभकामनाये !!
सब फ्रेंड को मिले सन्मति !!
आज है मकर संक्राति !!
स्वीट फ्रेंड उग गया दिनकर !!
उड़ाए पतंग हम मिलकर !!
आकाश हो पतंग से आता !!
सुनाओ वो मेरा वो कटा !!
Happy Makar Sankranti Friends
पल पल सुनहरे फूल खिले !!
कभी ना हो कांटों का सामना !!
जिंदगी आपकी खुशियों से भरी रहे !!
संक्रांति पर हमारी यही शुभकामना !!
Happy Makar Sankranti
ऊँची पतंग से मेरी ऊँची उड़ान होंगी !!
इस जहाँ में मेरे लिए मंजिले तमाम होंगी !!
जब भी आसमान की और देखोगे तुम दोस्तों !!
तुम्हारे ही हाथों मेरी डोर के साथ जान होंगी !!
तिल्ली भी पीली और गुड़ में मिठास होंगी !!
मकर सक्रांति पर्व पर मेरी तरफ से बधाइयाँ बार बार होंगी !
बासमती के चावल,उड़द की दाल !!
घी की खुशबू, आम का अचार !!
दही बड़े की महक और अपनों का प्यार !!
मुबारक हो आपको खिचड़ी का त्योहार !!
हैप्पी मकर संक्रांति
त्यौहार नहीं होता अपना पराया !!
त्यौहार है वही जिसे सबने मनाया !!
तो मिला गुड में तिल !!
पतंग संग उड़ जाने दो दिल !!
Happy Makar Sankranti 2024
सूरज की राशि बदलेगी !!
कुछ का नसीब बदलेगा !!
यह साल का पहला पर्व होगा !!
जब हम सब मिल कर खुशियाँ मनाएंगे !!
हैप्पी मकर संक्रांति 2024
काट ना सके कभी कोई पतंग आपकी !!
टूटे ना कभी डोर विश्वास की !!
छू लो आप ज़िन्दगी की सारी कामयाबी !!
जैसे पतंग छूती है ऊँचाइयाँ आसमान की !!
मकर सक्रांति की हार्दिक शुभ कामनायें !!
मंदिर की घंटी, आरती की थाली !!
नदी के किनारे सूरज की लाली !!
ज़िन्दगी में आये खुशियों की बहार !!
आपको मुबारक हो संक्रांत का त्यौहार !!
हैप्पी मकर संक्रांति
यादें अक्सर होती है सताने के लिए !!
कोई रूठ जाता है फिर मान जाने के लिए !!
रिश्ते निभाना कोई मुश्किल तो नही !!
बस दिलो में प्यार चाहिए उसे निभाने के लिए !!
आप को मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं !!
Makar sankranti ke status
बिन सावन बरसात नहीं होती !!
सूरज दुबे बिन रात नहीं होती !!
अब ऐसी आदत हो गई है की !!
आपको wish किये बिन किसी !!
त्योहार की शुरुवात नहीं होती !!
ख़ुशी का है यह मौसम !!
गुड और टिल का है यह मौसम !!
पतंग उड़ाने का है यह मौसम !!
शांति और समृद्धि का है यह मौसम !!
2024 मकर संक्रांति की शुभकामनाये !!
पल पल सुनहरे फूल खिले !!
कभी ना हो कांटों का सामना !!
जिंदगी आपकी खुशियों से भरी रहे !!
संक्रांति पर हमारी यही शुभकामना !!
Happy Makar Sankranti
ऊँची पतंग से मेरी ऊँची उड़ान होंगी !!
इस जहाँ में मेरे लिए मंजिले तमाम होंगी !!
जब भी आसमान की और देखोगे तुम दोस्तों !!
तुम्हारे ही हाथों मेरी डोर के साथ जान होंगी !!
तिल्ली भी पीली और गुड़ में मिठास होंगी !!
मकर सक्रांति पर्व पर मेरी तरफ से बधाइयाँ बार बार होंगी !!
त्यौहार नहीं होता अपना पराया !!
त्यौहार है वही जिसे सबने मनाया !!
तो मिला गुड में तिल !!
पतंग संग उड़ जाने दो दिल !!
Happy Makar Sankranti 2024
दोस्तों को दोस्ती से पहले !!
प्यार को मोहब्बत से पहले !!
ख़ुशी को गम से पहले !!
आपको कुछ दिन पहले !!
मकरसक्रांति की सुभकामना सबसे पहले !!
पूर्णिमा का ‘चाँद, रंगों की ‘डोली !!
चाँद से उसकी चांदनी बोली !!
खुशियो से भरे आपकी ‘झोली !!
मुबारक हो आप को रंग बिरंगी !!
‘पतंग वाली ’ मकर संक्रांति हैप्पी संक्रांति !!
ठण्ड की एक सुबह पड़ेगा हमे नहाना !!
क्यों की संक्रांति का पर्व कर देगा मौसम सुहाना !!
कही पतंग कही दही चुरा कही खिचड़ी !!
सब कुछ का है मिल कर ख़ुशी मनना !!
हैप्पी सक्रांति
ख़ुशी का है यह मौसम !!
गुड और तिल का है यह मौसम !!
पतंग उड़ाने का है यह मौसम !!
शांति और समृद्धि का है यह मौसम !!
2024 मकर संक्रांति की शुभकामनायें !!
गुल को गुलशन मुबारक हो !!
चाँद को चांदनी मुबारक हो !!
शायर को शायरी मुबारक हो !!
और हमारी तरफ से आप को !!
मकर संक्रांति का पर्व मुबारक !!