Best Khamoshi shayari in Hindi 2023 |खामोशी शायरी

जज्बात कहते हैं खामोशी से बसर हो जाएँ !!
दर्द की ज़िद हैं कि दुनिया को खबर हो जाएँ !!

जब कोई बाहर से खामोश होता है !!
तो उसके अंदर बहुत ज्यादा शोर होता हैं !!

ख़ामोश शहर की चीखती रातें !!
सब चुप हैं पर कहने को है हजार बातें !!

मेरी जिंदगी में मेरे दोस्तों ने मुझको खूब हँसाया !!
घर की जरूरतों ने मेरे चेहरे पर सिर्फ खामोशी ही लाया !!

इंसान की अच्छाई पर सब खामोश रहते हैं !!
चर्चा अगर उसकी बुराई पर हो तो गूँगे भी बोल पड़ते हैं !!

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Khamoshi shayari in Hindi

जब ख़ामोश आखों से बात होती हैं !!
ऐसे ही मोहब्बत की शुरूआत होती हैं !!

जब इंसान अंदर से टूट जाता हैं !!
तो अक्सर बाहर से खामोश हो जाता हैं !!

दिल की धड़कने हमेशा कुछ-न-कुछ कहती हैं !!
कोई सुने या न सुने ये ख़ामोश नहीं रहती हैं !!

मेरी ख़ामोशी में सन्नाटा भी हैं और शोर भी हैं !!
तूने गौर से नहीं देखा !! इन आखों में कुछ और भी हैं !!

उसने कुछ कहा भी नहीं और मेरी बात हो गई !!
बड़ी अच्छी तरह से उसकी खामोशी से मुलाक़ात हो गई !!

मुझे अपने इश्क़ की वफ़ा पर बड़ा नाज था !!
जब वो बेवफा निकला मैं भी खामोश हो गया !!

बोलने से जब अपने रूठ जाए !!
तब खामोशी को अपनी ताकत बनाएं !!

लोग कहते है कि वो बड़ा सयाना है !!
उन्हें क्या पता खामोशी से उसका रिश्ता पुराना है !!

मैंने अपनी एक ऐसी दुनिया बसाई है !!
जिसमें एक तरफ खामोशी और दूसरी तरफ तन्हाई है !!

बातों को कोई न समझे !!
बेहतर है खामोश हो जाना !!

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Best Khamoshi shayari in Hindi

तेरी खामोशी अगर तेरी मजबूरी है !!
तो रहने दे इश्क कौन सा जरूरी है !!

उसने कुछ इस तरह से की बेवफाई !!
मेरे लबो को खामोशी ही रास आई !!

दर्द हद से ज्यादा हो तो आवाज छीन लेती है !!
ऐ दोस्त !! कोई खामोशी बेवजह नहीं होती है !!

जब खामोशी कमजोरी बन जाती है !!
तो खूबसूरत रिश्तों में दरारे आ जाती है !!

वक्त तुम्हारे ख़िलाफ़ हो तो खामोश हो जाना !!
कोई छीन नहीं सकता जो तेरे नसीब में है पाना !!

मेरी खामोशी थी जो सब कुछ सह गयी !!
उसकी यादे ही अब इस दिल में रह गयी !!

तड़प रहे है हम तुमसे एक अल्फाज के लिए !!
तोड़ दो खामोशी हमें जिन्दा रखने के लिए !!

कभी-कभी कुछ सवालों !!
का जवाब खामोशी होती है !!

खामोशी अच्छी है कई रिश्तो की !!
आबरू ढक लेती है !!

बता दो मेरे इश्क को मैं खामोश हूं !!
उसके लिए जमाने के लिए नहीं !!

खामोशी भी मजा देती है !!
जरा बेतहाशा मोहब्बत करके तो देखो !!

चेहरा पढ़ोगे तो जान जाओगे !!
मौन का क्या अर्थ है !!

चुप रहो यह अलग बात है कुछ दर्द ऐसे होते हैं !!
जिन्हें शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता !!

खामोशी से बसर हो जाएँ !!
दर्द की ज़िद हैं कि दुनिया को खबर हो जाएँ !!

जमाना पूछता है इतनी खामोश क्यों हो !!
मैं कहता हूं खामोशी के बहाने ही !!
उसकी पुरानी यादों से मिल लेता हूं !!

Best Khamoshi shayari

कुछ लोगों को अपनी बात बताने के !!
लिए बोलने की जरूरत नहीं होती !!
उनकी खामोशी ही काफी होती है !!

दस्तक और आवाज तो कानो के लिए है !!
जो रूह को सुनाई दे उसे ख़ामोशी कहते है !!

ख़ामोशी की तह में छुपा लीजिए उलझने !!
क्योंकि शोर कभी मुश्किले आसान नहीं करता !!

खामोशीयाँ यूं ही बेवजह नहीं होतीं !!
कुछ दर्द भी आवाज़ छीन लिया करतें हैं !!

खामोशी बहुत अच्छी है !!
वह रिश्तो की आबरू ढक लेती है !!

जब इंसान अंदर से टूट जाता हैं !!
तो अक्सर बाहर से खामोश हो जाता हैं !!

मेरी खामोशी से किसी को कोई फर्क नही पड़ता !!
और शिकायत में दो लफ़्ज कह दूं तो वो चुभ जाते हैं !!

तू खुश है अपनी जिंदगी में !!
मैं खुश हूं अपनी खामोशी में !!

खामोशी से जब तुम भर जाओगे !!
थोड़ा चीख लेना वरना मर जाओगे !!

हम खामोशी से देते है खामोशी का जवाब !!
कौन कहता है अब हम बात नहीं करते !!

दिल की खामोशी पर मत जाओ !!
राख के नीचे आग दबी होती है !!

खामोश है ये जुबां सुनी सी है राते !!
न दिल का ठिकाना है न दिल का बसेरा !!

किताबों से ये हुनर सिखा है हमने !!
सब कुछ छिपाए रखो खुद में मगर ख़ामोशी से !!

दर्द को दूर ले जाता है !!
ख़ामोशी अनावश्यक नहीं है !!

बड़ी नखरेबाज है खामोसियाँ तेरी !!
पास बैठा हूँ पर वो टूटती ही नहीं !!

Khamoshi shayari

तेरी खामोशी अगर तेरी मजबूरी है !!
तो रहने दे इश्क कौन सा जरूरी है !!

वक्त तुम्हारे ख़िलाफ़ हो तो खामोश हो जाना !!
कोई छीन नहीं सकता जो तेरे नसीब में है पाना !!

बोलने से जब अपने रूठ जाए !!
तब खामोशी को अपनी ताकत बनाएं !!

जिन्हों ने सजाये यहा मेले सुख दुख संग संग !!
झेले वही चुनकर खामोशी यूँ चले जाये अकेले !!

प्यार कोई बोल नहीं प्यार आवाज नहीं !!
इक ख़ामोशी है सुनती है कहा करती है !!

जब कोई बाहर से खामोश होता है !!
तो उसके अंदर बहुत ज्यादा शोर होता हैं !!

ख़ामोशी में चाहे जितना बेगाना पन हो !!
लेकिन इक आहट जानी पहचानी होती है !!

वो अब हर एक बात का मतलब पूछता है मुझसे फ़राज़ !!
कभी जो मेरी ख़ामोशी की तफ्सील लिखा करता था !!

हमारी मोहब्बत जरूर अधूरी रह गयी होगी पिछले जन्म मे !!
वरना इस जन्म की तेरी ख़ामोशी मुझे इतना बेचैन न करती !!

जब वो खामोश होती है तब मुझे !!
दुनिया की सबसे महँगी चीज उनकी आवाज़ लगती है !!

इश्क़ के चर्चे भले ही सारी दुनिया में !!
होते होंगे पर दिल तो ख़ामोशी से ही टूटते हैं !!

खामोशी बयां कर देती है सब कुछ !!
जब दिल का रिश्ता जुड़ जाता है किसी से !!

तेरी ख़ामोशी अगर तेरी मज़बूरी है !!
तो रहने दे इश्क़ कौन सा जरुरी है !!

जज्बात कहते हैं खामोशी से बसर हो जाएँ !!
दर्द की ज़िद हैं कि दुनिया को खबर हो जाएँ !!

खामोशी शायरी

चुभता तो बहुत कुछ हैं मुझे भी तीर की तरह !!
लेकिन खामोश रहता हूँ तेरी तस्वीर की तरह !!

चलो अब जाने भी दो यार क्या करोगे दास्तान सुनकर !!
खामोशी तुम समझोगे नहीं और बयां हमसे होगा नहीं !!

इन ख़ामोश हवाओं में थोड़ी आहट तो हो !!
उस बिखरी रूह को हमसे थोड़ी चाहत तो हो !!

ख़ामोश शहर की चीखती रातें !!
सब चुप हैं पर कहने को है हजार बातें !!

मेरी खामोशी से किसी को कोई फर्क नही पड़ता !!
और शिकायत में दो लफ़्ज कह दूं तो वो चुभ जाते हैं !!

दोस्त की ख़ामोशी को मैं समझ नहीं पाया !!
चेहरे पर मुस्कान रखी और अकेले में आंसू बहाया !!

खामोशीयाँ यूं ही बेवजह नहीं होतीं !!
कुछ दर्द भी आवाज़ छीन लिया करतें हैं !!

मेरी जिंदगी में मेरे दोस्तों ने मुझको खूब हँसाया !!
घर की जरूरतों ने मेरे चेहरे पर सिर्फ खामोशी ही लाया !!

लोग तो सो लेते हैं जमाने कि चाहेल पहेल में !!
मुझे तो तेरी खामोशी सोने नहीं देती !!

इंसान की अच्छाई पर सब खामोश रहते हैं !!
चर्चा अगर उसकी बुराई पर हो तो गूँगे भी बोल पड़ते हैं !!

गिला शिकवा ही कर डालो के कुछ वक़्त कट जाए !!
लबो पे आपके यह खामोशी अच्छी नहीं लगती !!

साँसों को चलनी जिगर को पार करती है !!
ख़ामोशी भी बड़े सलीके से वार करती है !!

हक़ीकत में खामोशी कभी भी चुप नहीं रहती है !!
कभी तुम गौर से सुनना बहुत किस्से सुनाती है !!

मोहब्बत नहीं थी तो एक बार समझाया तो होता !!
नादान दिल तेरी खामोशी को इश्क समझ बैठा !!

जब इंसान अंदर से टूट जाता हैं !!
तो अक्सर बाहर से खामोश हो जाता हैं !!

khamoshi shayari

तेरी खामोशी जला देती है इस दिल की तमन्नाओ को !!
बाकी सारी बातें अच्छी हैं तेरी तश्वीर में !!

मेरी ख़ामोशी में सन्नाटा भी हैं और शोर भी हैं !!
तूने गौर से नहीं देखा इन आखों में कुछ और भी हैं !!

मुझे अपने इश्क़ की वफ़ा पर बड़ा नाज था !!
जब वो बेवफा निकला मैं भी खामोश हो गया !!

बोलने से जब अपने रूठ जाए !!
तब खामोशी को अपनी ताकत बनाएं !!

ये जो खामोश से जज्बात लिखे है ना !!
पढ़ना कभी ध्यान से ये चीखते कमाल है !!

मैंने अपनी एक ऐसी दुनिया बसाई है !!
जिसमें एक तरफ खामोशी और दूसरी तरफ तन्हाई है !!

क्या लिखूं दिल की हकीकत आरजू बेहोश है !!
खत पर है आंसू गिरे और कलम खामोश है !!

तेरी खामोशी अगर तेरी मजबूरी है !!
तो रहने दे इश्क कौन सा जरूरी है !!

माचिस के डिबिया जैसी है जिंदगी !!
और ये पल सारे तीलियों जैसे जला रहे है !!

उसने कुछ इस तरह से की बेवफाई !!
मेरे लबो को खामोशी ही रास आई !!

वक्त तुम्हारे ख़िलाफ़ हो तो खामोश हो जाना !!
कोई छीन नहीं सकता जो तेरे नसीब में है पाना !!

जब कोई बाहर से खामोश होता है !!
तो उसके अंदर बहुत ज्यादा शोर होता हैं !!

ख़ामोश शहर की चीखती रातें !!
सब चुप हैं पर !! कहने को है हजार बातें !!

जज्बात कहते हैं खामोशी से बसर हो जाएँ !!
दर्द की ज़िद हैं कि दुनिया को खबर हो जाएँ !!

चुभता तो बहुत कुछ हैं मुझे भी तीर की तरह !!
लेकिन खामोश रहता हूँ तेरी तस्वीर की तरह !!

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वक्त तुम्हारे ख़िलाफ़ हो तो खामोश हो जाना !!
कोई छीन नहीं सकता जो तेरे नसीब में है पाना !!

जब खामोशी कमजोरी बन जाती है !!
तो खूबसूरत रिश्तों में दरारे आ जाती है !!

दर्द हद से ज्यादा हो तो आवाज छीन लेती है !!
ऐ दोस्त !! कोई खामोशी बेवजह नहीं होती है !!

उसने कुछ इस तरह से की बेवफाई !!
मेरे लबो को खामोशी ही रास आई !!

दर्द हद से ज्यादा हो तो आवाज छीन लेती है !!
ऐ दोस्त !! कोई खामोशी बेवजह नहीं होती है !!

अब तो जिद हो चुकी है मेरी की !!
ख़ामोशी को हमेशा के लिए खामोश कर दूँ !!

जब खामोशी कमजोरी बन जाती है !!
तो खूबसूरत रिश्तों में दरारे आ जाती है !!

तेरी खामोशी अगर तेरी मजबूरी है !!
तो रहने दे इश्क कौन सा जरूरी है !!

बातों को कोई न समझे !!
बेहतर है खामोश हो जाना !!

मैंने अपनी एक ऐसी दुनिया बसाई है !!
जिसमें एक तरफ खामोशी और दूसरी तरफ तन्हाई है !!

लोग कहते है कि वो बड़ा सयाना है !!
उन्हें क्या पता खामोशी से उसका रिश्ता पुराना है !!

बोलने से जब अपने रूठ जाए !!
तब खामोशी को अपनी ताकत बनाएं !!

मुझे अपने इश्क़ की वफ़ा पर बड़ा नाज था !!
जब वो बेवफा निकला मैं भी खामोश हो गया !!

उसने कुछ कहा भी नहीं और मेरी बात हो गई !!
बड़ी अच्छी तरह से उसकी खामोशी से मुलाक़ात हो गई !!

मेरी ख़ामोशी में सन्नाटा भी हैं और शोर भी हैं !!
तूने गौर से नहीं देखा !! इन आखों में कुछ और भी हैं !!

khamoshi quotes in hindi

दिल की धड़कने हमेशा कुछ-न-कुछ कहती हैं !!
कोई सुने या न सुने ये ख़ामोश नहीं रहती हैं !!

जब इंसान अंदर से टूट जाता हैं !!
तो अक्सर बाहर से खामोश हो जाता हैं !!

जब ख़ामोश आखों से बात होती हैं !!
ऐसे ही मोहब्बत की शुरूआत होती हैं !!

इंसान की अच्छाई पर सब खामोश रहते हैं !!
चर्चा अगर उसकी बुराई पर हो तो गूँगे भी बोल पड़ते हैं !!

कभी ख़ामोश बैठोगे कभी कुछ गुनगुनाओगे !!
हम उतना याद आयेंगे जितना तुम मुझे भुलाओगे !!

मेरी जिंदगी में मेरे दोस्तों ने मुझको खूब हँसाया !!
घर की जरूरतों ने मेरे चेहरे पर सिर्फ खामोशी ही लाया !!

दोस्त की ख़ामोशी को मैं समझ नहीं पाया !!
चेहरे पर मुस्कान रखी और अकेले में आंसू बहाया !!

किताबों से ये हुनर सिखा है हमने !!
सब कुछ छिपाए रखो खुद में मगर ख़ामोशी से !!

भूल गए हैं लफ्ज़ मेरे लबों का पता जैसे !!
या फिर खामोशियों ने जहन में पहरा लगा रखा है !!

जब से उसकी सच्चाई हमारे पास आई !!
हमारे होठों को तब से खामोशी पसंद है !!

जब से ये अक्ल जवान हो गयी !!
तब से ख़ामोशी ही हमारी जुबान हो गयी !!

हम उनसे मुहब्बत नहीं बता पाए हल-ए-दिल कभी !!
और उसे समझ में नहीं आता कि यह चुप्पी क्या है !!

दुनिया के लोगों ने हमारे कारनामों का शोर मचाया है !!
जब भी हमने कुछ किया है !! मौन में किया है !!

कभी सावन के शोर ने मदहोश किया था !!
मौसम आज पतझड़ में हर दरख़्त खामोश खड़ा है !!

ख़ामोशी छुपाती है ऐब और हुनर दोनों !!
शख्सियत का अंदाज़ा गुफ्तगू से होता है !!

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rishte khamoshi shayari

एक उम्र ग़ुज़ारी हैं हमने तुम्हारी ख़ामोशी पढते हुए !!
एक उम्र गुज़ार देंगे तुम्हें महसूस करते हुए !!

तन्हाइयों से परहेज़ कुछ यूँ भी है !!
की ख़ामोशी में तेरी आवाज़ सुनाई देती है !!

मुझे खामोश देखकर तुम इतने हैरान क्यों हो !!
कुछ हुआ नहीं है !! सिर्फ भरोसा करके धोखा दिया है !!

हम लबों से कह न पाये उन से हाल ए दिल कभी !!
और वो समझे नहीं ये ख़ामोशी क्या चीज़ है !!

ख़ामोशी में चाहे जितना बेगाना पन हो !!
लेकिन इक आहट जानी पहचानी होती है !!

ख़ामोशी का राज़ खोलना भी सीखो !!
आँखों की ज़बाँ से बोलना भी सीखो !!

वो अब हर एक बात का मतलब पूछता है मुझसे फ़राज़ !!
कभी जो मेरी ख़ामोशी की तफ्सील लिखा करता था !!

हमारी मोहब्बत जरूर अधूरी रह गयी होगी !!
पिछले जन्म मे वरना इस जन्म की तेरी ख़ामोशी मुझे इतना बेचैन न करती !!

हजारों जवाब से अच्छी मेरी खामोशी !!
न जाने कितने सवालों की आबरू रख ली !!

हजारों जवाब से अच्छी मेरी खामोशी !!
न जाने कितने सवालों की आबरू रख ली !!

हजारों जवाब से अच्छी मेरी खामोशी !!
न जाने कितने सवालों की आबरू रख ली !!

इश्क़ के चर्चे भले ही सारी दुनिया में !!
होते होंगे पर दिल तो ख़ामोशी से ही टूटते हैं !!

खामोशी बयां कर देती है सब कुछ !!
जब दिल का रिश्ता जुड़ जाता है किसी से !!

तूफान से पहले की खामोशी की तरह !!
मिरी बस्ती में आज है ऐसा सन्नाटा !!

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हम एक लंबी चुप्पी से गुजरे हैं !!
किसी से कुछ कहने की कोशिश !!

चुप्पी के तहत भ्रम छुपाएं !!
क्योंकि शोर कभी भी मुश्किलों को कम नहीं करता !!

हम ख़ामोशी से देते हैं ख़ामोशी का जवाब !!
कौन कहता हैं अब हम बात नहीं करते !!

हकीकत में खामोशी कभी भी चुप नहीं रहती !!
कभी तुम ग़ौर से सुनना बहुत किस्से सुनाती है !!

सारी दुनिया के रूठ जाने से मुझे कोई फर्क नहीं !!
बस एक तेरा खामोश रहना मुझे तकलीफ देता है !!

दर्द हद से ज्यादा हो तो आवाज छीन लेती है !!
ऐ दोस्त कोई खामोशी बेवजह नहीं होती है !!

खामोशियां तेरी मुझसे बातें करती है !!
मेरा हर दर्द और हर आह समझती है !!

खामोश बैठे हैं तो लोग कहते हैं उदासी अच्छी नहीं !!
और ज़रा सा हंस लें तो लोग मुस्कुराने की वजह पूछ लेते हैं !!

मोहब्बतें मे नुमाइश की जरूरत नहीं होती !!
ये तो वो जज्बा है जिसमे खामोशी भी गुनगुनाती है !!

मेरे चुप रहने से नाराज ना हुआ करो !!
गहरा समंदर हमेशा खामोश होता है !!

जज्बात कहते हैं !! खामोशी से बसर हो जाएँ !!
दर्द की ज़िद हैं कि दुनिया को खबर हो जाएँ !!

खामोशियाँ वही रही ता-उम्र दरमियाँ !!
बस वक़्त के सितम और हसीन होते गए !!

लफ्ज़ो को तो दुनिया समझती है !!
काश कोई ख़ामोशी भी समझता !!

इन ख़ामोश हवाओं में थोड़ी आहट तो हो !!
उस बिखरी रूह को हमसे थोड़ी चाहत तो हो !!

जान ले लेगी अब ये ख़ामोशी !!
क्यूँ ना झगड़ा ही कर लिया जाये !!

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लफ़्ज़ों की कमी तो कभी भी नहीं थी जनाब !!
हमें तलाश उनकी है जो हमारी ख़ामोशी पढ़ लें !!

चुभता तो बहुत कुछ हैं मुझे भी तीर की तरह !!
लेकिन खामोश रहता हूँ तेरी तस्वीर की तरह !!

वक्त तुम्हारे ख़िलाफ़ हो तो खामोश हो जाना !!
कोई छीन नहीं सकता जो तेरे नसीब में है पाना !!

जब खामोशी कमजोरी बन जाती है !!
तो खूबसूरत रिश्तों में दरारे आ जाती है !!

दर्द हद से ज्यादा हो तो आवाज छीन लेती है !!
ऐ दोस्त !! कोई खामोशी बेवजह नहीं होती है.

उसने कुछ इस तरह से की बेवफाई !!
मेरे लबो को खामोशी ही रास आई !!

तेरी खामोशियों को पढ़कर खामोश हो जाता हूं !!
भला कर भी क्या सकता हूं गम-ए-आगोश हो जाता हूं !!

साँसों को छलनी !! जिगर को पार करती है !!
ख़मोशी भी !! बड़े सलीके से वार करती है !!

खामोशी की तह में छुपा लीजिये उलझनें !!
क्योंकि शोर कभी मुश्किलें आसान नहीं करती !!

जवाब पलट कर देने में क्या ज़ोर जनाब !!
असली ताकत तो खामोश रहने में लगती हैं !!

तड़प रहे है हम तुमसे एक अल्फाज के लिए !!
तोड़ दो खामोशी हमें जिन्दा रखने के लिए !!

सुना है तुम ले लेते हो हर बात का बदला !!
आजमाएंगे कभी तुम्हारे लबो को चूम कर !!

खामोशी की भी अपनी एक अलग ही अहमियत होती है !!
तितलियाँ अपनी खूबसूरती का बखान नहीं किया करतीं !!

जो सुनता हूँ सुनता हूँ मैं अपनी ख़मोशी से !!
जो कहती है कहती है मुझ से मेरी ख़ामोशी !!

juba pe dard bhari dastan chali aayi

तेरी खामोशी अगर तेरी मजबूरी है !!
तो रहने दे इश्क कौन सा जरूरी है !!

बातों को कोई न समझे !!
बेहतर है खामोश हो जाना !!

मैंने अपनी एक ऐसी दुनिया बसाई है !!
जिसमें एक तरफ खामोशी और दूसरी तरफ तन्हाई है !!

लोग कहते है कि वो बड़ा सयाना है !!
उन्हें क्या पता खामोशी से उसका रिश्ता पुराना है !!

बोलने से जब अपने रूठ जाए !!
तब खामोशी को अपनी ताकत बनाएं !!

चुभता तो बहुत कुछ हैं !!
मुझे भी तीर की तरह !!
लेकिन खामोश रहता हूँ !!
तेरी तस्वीर की तरह !!

कभी ख़ामोश बैठोगे !!
कभी कुछ गुनगुनाओगे !!
हम उतना याद आयेंगे !!
जितना तुम मुझे भुलाओगे !!

ख़ामोश फ़िजा थी कोई साया न था !!
इस शहर में मुझसा कोई आया न था !!
किसी जुल्म ने छीन ली हमसे हमारी मोहब्बत !!
हमने तो किसी का दिल दुखाया न था !!

जब कोई ख्याल दिल से टकराता हैं !!
दिल ना चाह कर भी !! ख़ामोश रह जाता हैं !!
कोई सब कुछ कहकर प्यार जताता हैं !!
कोई कुछ ना कहकर भी सब बोल जाता हैं !!

ख़ामोशी को इख़्तियार कर लेना !!
अपने दिल को थोड़ा बेकरार कर लेना !!
जिन्दगी का असली दर्द लेना हो तो !!
बस किसी से बेपनाह प्यार कर लेना !!

हर ख़ामोशी का मतलब इन्कार नही होता !!
हर नाकामी का मतलब हार नही होता !!
तो क्या हुआ अगर हम तुम्हें पा न सके !!
सिर्फ पाने का मतलब प्यार नहीं होता !!

चलो अब जाने भी दो !!
क्या करोगे दास्ताँ सुनकर !!
ख़ामोशी तुम समझोगे नहीं !!
और बयाँ हम से होगा नहीं !!

राज खोल देते हैं !!
नाजुक से इशारे अक्सर !!
कितनी ख़ामोश !!
मोहब्बत की जुबान होती हैं !!

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रात गम सुम है मगर खामोश नहीं !!
कैसे कह दूँ आज फिर होश नहीं !!
ऐसे डूबा हूँ तेरी आँखों की गहराई में !!
हाथ में जाम है मगर पीने का होश नहीं !!

खामोसियाँ तेरी मुझसे बाते करती है !!
मेरी हर आह हर दर्द समझती है !!
पता है मजबूर है तू भी और मै भी !!
फिर भी आँखे तेरे दीदार को तरसती है !!

उसने आँसू बहा के !!
अपने सारे दर्द बयां कर दिए !!
हमने खामोश रहकर सारे दर्द छुपा लिए !!

किसी की खामोशी को उसकी !!
कमजोरी मत समझ लेना !!
क्योंकि एक चिंगारी ही काफी होती है !!
सारे शहर को आग लगाने को !!

अजीब है मेरा अकेलापन !!
ना खुश हूँ ना उदास हूँ !!
बस अकेला हूँ और खामोश हूँ !!

शिकायते तो बहुत है उनसे मेरी !!
पर क्या करूं ये जो खामोशी है !!
मुझे कुछ कहने ही नहीं देती !!

चुभता तो बहुत कुछ हैं !!
मुझे भी तीर की तरह !!
लेकिन खामोश रहता हूँ !!
तेरी तस्वीर की तरह !!

रुतबा तो खामोशीयों का होता है !!
अल्फाज का क्या !!
वो तो बदल जाते है अक्सर !!
हालात देखकर !!

खामोशी को चुना है !!
अब बाकी के सफर के लिए !!
अब अल्फाजो को जाया करना !!
हमे अच्छा नहीं लगता !!

खामोश बैठे है तो लोग कहते है !!
उदासी अच्छी नहीं !!
और जरा मुस्करा लेते है !!
तो मुस्कराने की वजह पुछ लेते है !!

तेरी रूह में खामोशी है !!
और मेरी आवाज में तन्हाई !!
तू अपने अंदाज में खामोश है !!
मैं अपने अंदाज में तन्हा !!

ख़ामोश फ़िजा थी कोई साया न था !!
इस शहर में मुझसा कोई आया न था !!
किसी जुल्म ने छीन ली हमसे हमारी मोहब्बत !!
हमने तो किसी का दिल दुखाया न था !!

अंधेरे में भी सितारे उग आते !!
रात चाँदनी रहती है !!
कहीं जलन है दिल में मेरे !!
ये खामोशी कुछ तो कहती है !!

सूरज घाटियों से बाहर आ गया है !!
फूलों में एक नए रंग की छटा है !!
तुम चुप क्यों हो अब मुस्कुराओ !!
तेरी मुस्कान देखने के लिए एक नया सवेरा आया है !!

खामोशियां तेरी मुझसे बातें करती है !!
मेरा हर दर्द और हर आह समाजति है !!
पता है मजबूर है तू और में भी !!
फ़िर भी आंखें तेरे दीदार को तरस्ती है !!

shayari on khamoshi

मुझे खामोश राहों में तेरा साथ चाहिए !!
तन्हा है मेरा हाथ तेरा हाथ चाहिए !!
जूनून ए इश्क को तेरी ही सौगात चाहिए !!
मुझे जीने के लिए तेरा ही प्यार चाहिए !!

जब खामोश आँखो से बात होती है !!
ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है !!
तुम्हारे ही ख़यालो में खोए रहते हैं !!
पता नही कब दिन और कब रात होती है !!

मेरी खामोशियों में भी फसाना ढूंढ लेती है !!
बड़ी शातिर है ये दुनिया बहाना ढूंढ लेती है !!
हकीकत जिद किये बैठी है चकनाचूर करने को !!
मगर हर आंख फिर सपना सुहाना ढूंढ लेती है !!

ये तुफान यूँ ही नहीं आया है !!
इससे पहले इसकी दस्तक भी आई थी !!
ये मंजर जो दिख रहा है तेज आंधियों का !!
इससे पहले यहाँ एक ख़ामोशी भी छाई थी !!

कभी ख़ामोश बैठोगे !!
कभी कुछ गुनगुनाओगे !!
हम उतना याद आयेंगे !!
जितना तुम मुझे भुलाओगे !!

उसके बिना अब चुपचुप रहना अच्छा लगता है !!
ख़ामोशी से दर्द को सहना अच्छा लगता है !!
जिस हस्ती की याद में दिन भर आंसू बहते हैं !!
सामने उस के कुछ न कहना अच्छा लगता है !!
मिल कर उस से बिछड़ न जाऊं डरती रहती हूँ !!
इसलिए बस दूर ही रहना अच्छा लगता है !!

ख़ामोश फ़िजा थी कोई साया न था !!
इस शहर में मुझसा कोई आया न था !!
किसी जुल्म ने छीन ली हमसे हमारी मोहब्बत !!
हमने तो किसी का दिल दुखाया न था !!

भीगी आँखों से मुस्कुराने का मजा और है !!
हँसते हँसते पलके भिगोने का मजा और है !!
बात कह के तो कोई भी समझ लेता है !!
खामोशी को कोई समझे तो मजा और है !!

जब खामोश आँखो से बात होती है !!
ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है !!
तुम्हारे ही ख़यालो में खोए रहते हैं !!
पता नही कब दिन और कब रात होती है !!

ख़ामोशी को इख़्तियार कर लेना !!
अपने दिल को थोड़ा बेकरार कर लेना !!
जिन्दगी का असली दर्द लेना हो तो !!
बस किसी से बेपनाह प्यार कर लेना !!

अंधेरे में भी सितारे उग आते !!
रात चाँदनी रहती है !!
कहीं जलन है दिल में मेरे !!
ये खामोशी कुछ तो कहती है !!

खामोशियाँ अक्सर कलम से बया नहीं होती !!
अँधेरा दिल में हो तो रौशनी से आशना नहीं होती !!
लाख जिरह कर लो अल्फाज़ो में खुद को ढूंढ़ने की !!
जले हुए रिश्तो से मगर रोशन शमा नहीं होती !!

हर ख़ामोशी का मतलब इन्कार नही होता !!
हर नाकामी का मतलब हार नही होता !!
तो क्या हुआ अगर हम तुम्हें पा न सके !!
सिर्फ पाने का मतलब प्यार नहीं होता !!

चलो अब जाने भी दो !!
क्या करोगे दास्ताँ सुनकर !!
ख़ामोशी तुम समझोगे नहीं !!
और बयाँ हम से होगा नहीं !!

khamoshi par shayari

अजीब है मेरा अकेलापन !!
ना खुश हूँ !! ना उदास हूँ !!
बस अकेला हूँ और खामोश हूँ !!

राज खोल देते हैं !!
नाजुक से इशारे अक्सर !!
कितनी ख़ामोश मोहब्बत की जुबान होती हैं !!

जब कोई ख्याल दिल से टकराता है !!
दिल न चाह कर भी खामोश रह जाता है !!
कोई सब कुछ कह कर प्यार जताता है !!
कोई कुछ न कहकर भी सब बोल जाता है !!

रात गम सुम है मगर खामोश नहीं !!
कैसे कह दूँ आज फिर होश नहीं !!
ऐसे डूबा हूँ तेरी आँखों की गहराई में !!
हाथ में जाम है मगर पीने का होश नहीं !!

खामोश कोहरे से भरा झील था !!
मेरे साथ अक्सर बातें करता था !!
एक ख़ामोशी के साथ वो देखता था !!
और कोहरे में अक्सर को जाता था !!

कौन कहता है खामोशिया खामोश होती है !!
खामोशिया को खामोश से सुनो !!
कभी कभी ख़ामोशी वो कह देती है !!
जिनकी आपको लफ्जो में तलाश होती है !!

सूरज !! चाँद और रौशनी इनमें ही बयां कर देती है !!
खामोशियाँ पर अधूरी सी रह जाती है !!
ये गजले मेरी क्यो है ये बेरुखी सी दुनिया !!

मुस्कुराने से किसी का किसी से प्यार नहीं होता !!
आश लगाने का मतलब सिर्फ इंतजार नहीं होता !!
माना खामोश था मै उस वक़्त !!
पर मेरी ख़ामोशी का मतलब इंकार नहीं होता !!

जाने क्या ख़ता हुई हमसे !!
उनकी याद भी हमसे जलती है !!
अब आँसू भी आग उगलते हैं !!
ये खामोशी कुछ तो कहती है !!

राज खोल देते हैं !!
नाजुक से इशारे अक्सर !!
कितनी ख़ामोश !!
मोहब्बत की जुबान होती हैं !!

चलो अब जाने भी दो !!
क्या करोगे दास्ताँ सुनकर !!
ख़ामोशी तुम समझोगे नहीं !!
और बयाँ हम से होगा नहीं !!

हर ख़ामोशी का मतलब इन्कार नही होता !!
हर नाकामी का मतलब हार नही होता !!
तो क्या हुआ अगर हम तुम्हें पा न सके !!
सिर्फ पाने का मतलब प्यार नहीं होता !!

ख़ामोशी को इख़्तियार कर लेना !!
अपने दिल को थोड़ा बेकरार कर लेना !!
जिन्दगी का असली दर्द लेना हो तो !!
बस किसी से बेपनाह प्यार कर लेना !!

जब कोई ख्याल दिल से टकराता हैं !!
दिल ना चाह कर भी ख़ामोश रह जाता हैं !!
कोई सब कुछ कहकर प्यार जताता हैं !!
कोई कुछ ना कहकर भी सब बोल जाता हैं !!

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ख़ामोश फ़िजा थी कोई साया न था !!
इस शहर में मुझसा कोई आया न था !!
किसी जुल्म ने छीन ली हमसे हमारी मोहब्बत !!
हमने तो किसी का दिल दुखाया न था !!

खामोशियां तेरी मुझसे बातें करती है !!
मेरा हर दर्द और हर आह समाजति है !!
पता है मजबूर है तू और में भी !!
फ़िर भी आंखें तेरे दीदार को तरस्ती है !!

हर इल्जाम का हकदार वो हमे बना जाते है !!
हर खता कि सजा वो हमे सुना जाते है !!
हम हर बार खामोश रह जाते है !!
क्योकि वो अपना होने का हक जता जाते है !!

बड़ी ख़ामोशी से गुज़र जाते हैं !!
हम एक दूसरे के करीब से !!
फिर भी दिलों का शोर सुनाई दे ही जाता है !!

जब से ग़मों ने मेरी जिंदगी में !!
अपनी दुनिया बसाई है !!
दो ही साथी बचे हैं अपने !!
एक ख़ामोशी और दूसरी तन्हाई है !!

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