Best Kumar Vishwas shayari in hindi
हमारे ज़ख़्म-ए-तमन्ना अब पुराने हो गए हैं !!
कि उस गली में गए अब ज़माने हो गए हैं !!
सोचता हूँ कि उस की याद आख़िर !!
अब किसे रात भर जगाती है !!
तुम बिना हथेली की हर लकीर प्यासी है !!
तीर पार कान्हा से दूर राधिका सी है !!
हमला है चार सू दर-ओ-दीवार-ए-शहर का !!
सब जंगलों को शहर के अंदर समेट लो !!
Kumar Vishwas shayari in hindi
हम ने क्यूँ ख़ुद पे ए’तिबार किया !!
सख़्त बे-ए’तिबार थे हम तो !!Kumar Vishwas shayari in hindi
हम को यारों ने याद भी न रखा !!
जौन’ यारों के यार थे हम तो !!
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हम को हरगिज़ नहीं ख़ुदा मंज़ूर !!
या’नी हम बे-तरह ख़ुदा के हैं !!
तेरे बेटों के संस्कृत के व्याकरण की क़सम !!
ख़ूबानी सेब जैसे मीठे आचरण की क़सम !!
तेरी क़ुरबानी में डूबी हुई सदियों की क़सम !!
तेरे पर्वत से उतरती हुई नदियों की क़सम !!
Kumar Vishwas shayari in hindi
सूफ़ियों ने तुझे पैग़ाम-ए-हक़ सुनाया था !!
शंकराचार्य ने मंदिर वहीं बनाया था !!
आ गिले शिकवे करें दोनों मिलके !!
आज दफ़न मेरे कश्मीर मेरी जान मेरे प्यारे चमन !!
तेरे गुलमर्ग पे सरताज ताज हार गया !!
तू वो जन्नत कि जहांगीर भी दिल हार गया !!
तुझसे मिलने जो गया वो तेरा होकर लौटा !!
काबुली वाला तेरी गलियों से होकर लौटा !!
तेरी झीलों की मोहब्बत में है पागल बादल !!
मां के माथे पे दमकते हुए पावन आंचल !!
तेरी सरगोशी पे कुर्बान मेरा पूरा वतन !!
मेरे कश्मीर मेरी जान मेरे प्यारे चमन !!
Kumar Vishwas shayari in hindi for status
ऋषि कश्यप की तपस्या ने तपाया है तुझे !!
ऋषि अगस्त्य ने हमभार बनाया है तुझे !!
कवि ललदत् ने राबिया ने भी गाया है !!
तुझे बाबा बर्फ़ानी ने दरबार बनाया है तुझे !!
वक़्त के क्रूर छल का भरोसा नहीं !!
आज जी लो कल का भरोसा नहीं दे रहे हैं !!
वो अगले जनम की ख़बर जिनको अगले ही पल का भरोसा नहीं !!
Kumar Vishwas shayari in hindi
इस अधूरी जवानी का क्या फ़ायदा !!
बिन कथानक कहानी का क्या फ़ायदा !!
जिसमें धुलकर नज़र भी न पावन बनी !!
आंख में ऐसे पानी का क्या फ़ायदा !!
मोहब्बत एक एहसासों की पावन सी कहानी है !!
कभी कबिरा दिवाना था कभी मीरा दिवानी है !!
यहां सब लोग कहते हैं मेरी आंखों में आंसू हैं !!
जो तू समझे तो मोती है जो ना समझे तो पानी है !!
पुकारे आंख में चढ़कर तो ख़ूं तो ख़ूं समझता है !!
अंधेरा किसको कहते हैं ये बस जुगनू समझता है !!
हमें को चांद तारों में भी तेरा रूप दिखता है !!
मोहब्बत को नुमाइश को अदाएं तू समझता है !!
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किसी के दिल की मायूसी जहां से होके गुज़री है !!
हमारी सारी चालाकी वहीं पर खोके गुज़री है !!
तुम्हारी और मेरी रात में बस फ़र्क़ इतना है !!
तुम्हारी सोके गुज़री है हमारी रोके गुज़री है !!
Kumar Vishwas shayari in hindi
मैं अपने गीत ग़ज़लों से उसे पैग़ाम करता हूं !!
उसी की दी हुई दौलत उसी के नाम करता हूं !!
हवा का काम है चलना दीये का काम है !!
जलना वो अपना काम करती है मैं अपना काम करती हूं !!
जो मैं या तुम समझ लें वो इशारा कर लिया !!
मैंने भरोसा बस तुम्हारा था तुम्हारा कर लिया !!
मैंने लहर है हौसला है रब है हिम्मत है दुआएं हैं !!
किनारा कर ने वालों से किनारा कर लिया मैंने !!
जवानी में कई ग़ज़लें अधूरी छूट जाती हैं !!
कई ख़्वाहिश तो दिल ही दिल में पूरी छूट जाती हैं !!
जुदाई में तो मैं उससे बराबर बात करता हूं !!
मुलाक़ातों में सब बातें अधूरी छूट जाती हैं !!
Kumar Vishwas shayari in hindi
वो जिसका तीरे छुपके से जिगर के पार होता है !!
वो कोई गैर क्या अपना ही रिश्तेदार होता है !!
किसी से अपने दिल की बात तू कहना ना भूले !!
से यहां खत भी जरा सी देर में अखबार होता है !!
कोई मंजिल नहीं जंचती, सफर अच्छा नहीं लगता !!
अगर घर लौट भी आऊ तो घर अच्छा नहीं लगता !!
करूं कुछ भी मैं अब दुनिया को सब अच्छा ही लगता है !!
मुझे कुछ भी तुम्हारे बिन मगर अच्छा नहीं लगता !!
हमने दुःख के महासिंधु से सुख का मोती बीना है !!
और उदासी के पंजों से हँसने का सुख छीना है !!
मान और सम्मान हमें ये याद दिलाते है !!
पल पल भीतर भीतर मरना है पर बाहर बाहर जीना है !!
Kumar Vishwas shayari in hindi
नज़र में शोखिया लब पर मुहब्बत का तराना है !!
मेरी उम्मीद की जद़ में अभी सारा जमाना है !!
कई जीते है दिल के देश पर मालूम है मुझकों !!
सिकन्दर हूं मुझे इक रोज खाली हाथ जाना है !!
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सदा तो धूप के हाथों में ही परचम नहीं होता !!
खुशी के घर में भी बोलों कभी क्या गम नहीं होता !!
फ़क़त इक आदमी के वास्तें जग छोड़ने वालो !!
फ़क़त उस आदमी से ये ज़माना कम नहीं होता !!
सब अपने दिल के राजा है सबकी कोई रानी है !!
भले प्रकाशित हो न हो पर सबकी कोई कहानी है !!
बहुत सरल है किसने कितना दर्द सह !!Kumar Vishwas shayari in hindi
जिसकी जितनी आँख हँसे है उतनी पीर पुराणी है !!
मै तेरा ख्वाब जी लून पर लाचारी है !!
मेरा गुरूर मेरी ख्वाहिसों पे भरी है !!
सुबह के सुर्ख उजालों से तेरी मांग से !!
मेरे सामने तो ये श्याह रात सारी है !!
Kumar Vishwas shayari in hindi caption
नज़र में शोखिया लब पर मुहब्बत का तराना है !!
मेरी उम्मीद की जद़ में अभी सारा जमाना है !!
कई जीते है दिल के देश पर मालूम है मुझकों !!
सिकन्दर हूं मुझे इक रोज खाली हाथ जाना है !!
मेरा अपना तजुर्बा है तुम्हे बतला रहा हूँ !!
मैं कोई लब छू गया था तब के अब तक गा रहा हु !!
मैं बिछुड़ के तुम से अब कैसे जिया जाए बिना तड़पे !!
जो में खुद हे नहीं समझा वही समझा रहा हु मैं !!
मिले हर जख्म को मुस्कान को सीना नहीं !!
आया अमरता चाहते थे पर ज़हर पीना नहीं आया !!
तुम्हारी और मेरी दस्ता में फर्क इतना है !!
मुझे मरना नहीं आया तुम्हे जीना नहीं आया !!
Kumar Vishwas shayari in hindi
तुम्ही पे मरता है ये दिल अदावत क्यों नहीं करता !!
कई जन्मो से बंदी है बगावत क्यों नहीं करता !!
कभी तुमसे थी जो वो ही शिकायत हे !!
ज़माने से मेरी तारीफ़ करता है मोहब्बत क्यों नहीं करता !!
उन की ख़ैर-ओ-ख़बर नहीं मिलती !!
हम को ही ख़ास कर नहीं मिलती !!
शाएरी को नज़र नहीं मिलती !!
मुझको तू ही अगर नहीं मिलती !!
रूह में दिल में जिस्म में दुनिया ढूँढता हूँ !!
मगर नहीं मिलती लोग कहते हैं !!
रूह बिकती है मैं जिधर हूँ उधर नहीं मिलती !!
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दिल तो करता है ख़ैर करता है !!
आप का ज़िक्र ग़ैर करता है !!
क्यूँ न मैं दिल से दूँ दुआ उसको !!
जबकि वो मुझ से बैर करता है !!
आप तो हू-ब-हू वही हैं जो मेरे सपनों में सैर करता है !!
इश्क़ क्यूँ आप से ये दिल मेरा मुझ से पूछे बग़ैर करता है !!
एक ज़र्रा दुआएँ माँ की ले आसमानों की सैर करता है !!
Kumar Vishwas shayari in hindi
मैं उसका हूँ वो इस एहसास से इनकार करती है !!
भरी महफ़िल में भी रुसवा हर बार करती है !!
यकीं है सारी दुनिया को खफा है हमसे वो लेकिन !!
मुझे मालूम है फिर भी मुझी से प्यार करता है !!
तुम्हीं पे मरता है ये दिल अदावत क्यों नहीं करता !!
कई जन्मों से बंदी है बगावत क्यों नहीं करता !!
कभी तुमसे थी जो वो ही शिकायत है ज़माने से !!
मेरी तारीफ़ करता है मोहब्बत क्यों नहीं करता !!
ये वो ही इरादें हैं ये वो ही तबस्सुम है !!
हर एक मोहल्लत में बस दर्द का आलम है !!
इतनी उदास बातें इतना उदास लहजा लगता है !!
की तुम को भी हम सा ही कोई गम है !!
मोहब्बत एक अहसासों की पावन सी कहानी है !!
कभी कबीरा दीवाना था, कभी मीरा दीवानी है !!
यहाँ सब लोग कहते है, मेरी आँखों में पानी है !!
जो तुम समझो तो मोती है, जो ना समझो तो पानी है !!
Kumar Vishwas shayari in hindi for instagram
बदलने को तो इन आखोँ के मंज़र कम नहीं बदले !!
तुम्हारी याद के मौसम हमारे ग़म नहीं बदले !!
तुम अगले जन्म में हम से मिलोगी तब तो मानोगी !!
ज़माने और सदी की इस बदल में हम नहीं बदले !!
तुम अमर राग-माला बनो तो सही !!
एक पावन शिवाला बनो तो सही !!
लोग पढ़ लेंगे तुम से सबक प्यार का !!
प्रीत की पाठशाला बनो तो सही !!
उसी की तरहा मुझे सारा ज़माना चाहे !!
वो मेरा होने से ज्यादा मुझे पाना चाहे !!
मेरी पलकों से फिसल जाता है चेहरा !!
तेरा ये मुसाफिर तो कोई ठिकाना चाहे !!
Kumar Vishwas shayari in hindi
हमें मालूम है दो दिल जुदाई सह नहीं सकते !!
मगर रस्मे-वफ़ा ये है कि ये भी कह नहीं सकते !!
जरा कुछ देर तुम उन साहिलों कि चीख सुन !!
भर लो जो लहरों में तो डूबे हैं मगर संग बह नहीं सकते !!
कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है !!
मगर धरती की बैचेनी तो बस बादल समझता है !!
मैं तुमसे दूर कितना हु तू मुझसे दूर कितनी है !!
ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है !!
कोई पत्थर की मूरत है किसी पत्थर में मूरत है !!
लो हमने देख ली दुनिया जो इतनी खुबसूरत है !!
जमाना अपनी समझे पर मुझे अपनी खबर यह है !!
तुझे मेरी जरुरत है मुझे तेरी जरुरत है !!
वो जिसका तीर चुपके से जिगर के पार होता है !!
वो कोई गैर क्या अपना ही रिश्तेदार होता है !!
किसी से अपने दिल की बात तू कहना ना भूले !!
से यहाँ ख़त भी थोड़ी देर में अखबार होता है !!
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Kumar Vishwas shayari in hindi
भ्रमर कोई कुमुदनी पर मचल बैठा तो !!
हंगामा हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो !!
हंगामा अभी तक डूब कर सुनते थे सब किस्सा !!
मोहब्बत का मैं किस्से को हकीकत में बदल बैठा तो हंगामा !!
कोई मंज़िल नहीं जचती सफर अच्छा नहीं लगता !!
अगर घर लौट भी आऊं तो घर अच्छा नहीं लगता !!
करू कुछ भी में अब दुनिया को सब अच्छा ही लगता है !!
मुझे कुछ भी तुम्हारे बिन मगर अच्छा नहीं लगता !!
पनाहों में जो आया हो तो उस पर वार क्या करना !!
जो दिल हारा हुआ हो उस पे फिर अधिकार क्या करना !!
मुहब्बत का मजा तो डूबने की कशमकश में है !!
हो ग़र मालूम गहराई तो दरिया पार क्या करना !!
Kumar Vishwas shayari in hindi
जब सारे घर का समझाना हमको फनकारी लगता है !!
तब एक पगली लड़की के बिन जीना गद्दारी लगता है !!
और उस पगली लड़की के बिन मरना भी भारी लगता है !!
सदा तो धूप के हाथों में ही परचम नहीं होता !!
खुशी के घर में भी बोलों कभी क्या गम नहीं होता !!
फ़क़त इक आदमी के वास्तें जग छोड़ने वालो !!
फ़क़त उस आदमी से ये ज़माना कम नहीं होता !!
Kumar Vishwas shayari in hindi
ये दिल बर्बाद करके सो में क्यों आबाद रहते हो !!
कोई कल कह रहा था तुम अल्लाहाबाद रहते हो !!
ये कैसी शोहरतें मुझको अता कर दी मेरे मौला !!
मैं सभ कुछ भूल जाता हूँ मगर तुम याद रहते हो !!
दिलों से दिलों का सफर आसान नहीं होता !!
ठहरे हुए दरिया में तुफान नहीं होता !!
मोहब्बत तो रूह में समा जाती है !!
इसमें शब्दों का कोई काम नहीं होता !!
मैं कवि हूं प्रेम का बांट रहा हूं प्रेम !!
इससे बड़ा कोई काम नहीं होता !!
स्वंय से दूर हो तुम भी स्वंय से दूर है हम भी !!
बहुत मशहूर हो तुम भी बहुत मशहूर है हम भी !!
बड़े मगरूर हो तुम भी बड़े मगरूर है हम भी !!
अतः मजबूर हो तुम भी अतः मजबूर है हम भी !!
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Kumar Vishwas shayari in hindi
बदलने को तो इन आखोँ के मंज़र कम नहीं बदले !!
तुम्हारी याद के मौसम,हमारे ग़म नहीं बदले !!
तुम अगले जन्म में हम से मिलोगी,तब तो मानोगी !!
ज़माने और सदी की इस बदल में हम नहीं बदले !!
बात ऊँची थी मगर बात जरा कम आंकी !!
उसने जज्बात की औकात जरा कम आंकी !!
वो फरिश्ता कह कर मुझे जलील करता रहा !!
मै इंसान हूँ, मेरी जात जरा कम आंकी !!
बतायें क्या हमें किन-किन सहारों ने सताया है !!
नदी तो कुछ नहीं बोली, किनारों ने सताया है !!
सदा ही शूल मेरी राह से ख़ुद हट गए लेकिन !!
मुझे तो हर घडी हर पल बहारों ने सताया है !!
हमारे शेर सुन कर भी जो खामोश इतना है !!
खुदा जाने गुरूर-ए-हुस्न में मदहोश कितना है !!
किसी प्याले से पुछा है सुराही मैं सबब में का !!
जो खुद बेहोश हो वो क्या बताये के होश कितना है !!
उसी की तरहा मुझे सारा ज़माना चाहे !!
वो मेरा होने से ज्यादा मुझे पाना चाहे !!
मेरी पलकों से फिसल जाता है चेहरा तेरा !!
ये मुसाफिर तो कोई ठिकाना चाहे !!
Kumar Vishwas shayari in hindi for whatsapp
गम में हूँ य़ा हूँ शाद मुझे खुद पता नहीं !!
खुद को भी हूँ मैं याद मुझे खुद पता नहीं !!
मैं तुझको चाहता हूँ मगर माँगता नहीं !!
मौला मेरी मुराद मुझे खुद पता नहीं !!
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सदा तो धूप के हाथों में ही परचम नहीं होता !!
खुशी के घर में भी बोलों कभी क्या गम नहीं होता !!
फ़क़त इक आदमी के वास्तें जग छोड़ने वालो !!
फ़क़त उस आदमी से ये ज़माना कम नहीं होता !!
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स्वंय से दूर हो तुम भी स्वंय से दूर है हम भी !!
बहुत मशहूर हो तुम भी बहुत मशहूर है हम भी !!
बड़े मगरूर हो तुम भी बड़े मगरूर है हम भी !!
अतः मजबूर हो तुम भी अतः मजबूर है हम भी !!
रंग दुनिया ने दिखाया है निराला !!
देखूँ है अंधेरे में उजाला तो उजाला देखूँ !!
आईना रख दे मेरे सामने आखिर मैं भी !!
कैसा लगता हूँ तेरा चाहने वाला देखूँ !!
जिस्म का आखिरी मेहमान बना बैठा हूँ !!
एक उम्मीद का उन्वान बना बैठा हूँ !!
वो कहाँ है ये हवाओं को भी मालूम है मगर !!
एक बस में हूँ जो अनजान बना बैठा हूँ !!
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तुमने अपने होठों से जब छुई थीं ये पलकें !!
नींद के नसीबों में ख्वा़ब लौट आया था !!
रंग ढूँढने निकले लोग जब कबीले के !!
तितलियों ने मीलों तक रास्ता दिखाया था !!
कितनी दुनिया है मुझे ज़िन्दगी देने वाली !!
और एक ख्वाब है तेरा की जो मर जाता है !!
खुद को तरतीब से जोड़ूँ तो कहा से जोड़ूँ !!
मेरी मिट्टी में जो तू है की बिखर जाता है !!
एक दो दिन में वो इकरार कहा आएगा !!
हर सुबह एक ही अखबार कहा आएगा !!
आज बंधा है जो इन् बातों में तो बहाल जायेंगे !!
रोज इन बाहों का त्यौहार कहा आएगा !!
Kumar Vishwas shayari in hindi
नज़र में शोखिया लब पर मुहब्बत का तराना है !!
मेरी उम्मीद की जद़ में अभी सारा जमाना है !!
कई जीते है दिल के देश पर मालूम है मुझकों !!
सिकन्दर हूं मुझे इक रोज खाली हाथ जाना है !!
वो सब रंग बेरंग हैं जो ढूंढते व्यापार होली में !!
विजेता हैं जिन्हें स्वीकार हर हार होली में !!
मैं मंदिर से निकल आऊँ तुम मस्जिद से निकल आना !!
तो मिलकर हम लगाएंगे गुलाल-ए-प्यार होली में !!
Kumar Vishwas shayari in hindi
गिरेबान चेक करना क्या है सीना और मुश्किल है !!
हर एक पल मुस्कुराकर अश्क पीना और मुश्किल है !!
हमारी बदनसीबी ने हमें बस इतना सिखाया है !!
किसी के इश्क़ में मरने से जीना और मुश्किल है !!
वो पगली लड़की नौ दिन मेरे लिए भूखी रहती है !!
छुप-छुप सारे व्रत करती है पर मुझसे कभी ना कहती है !!
जो पगली लड़की कहती है मैं प्यार तुम्ही से करती हूँ !!
लेकिन मै हूँ मजबूर बहुत अम्मा -बाबा से डरती हूँ !!
Kumar Vishwas shayari in hindi
मेरा अपना तजुर्बा है तुम्हे बतला रहा हूँ मैं !!
कोई लब छू गया था तब के अब तक गा रहा हु मैं !!
बिछुड़ के तुम से अब कैसे जिया जाए बिना तड़पे !!
जो में खुद हे नहीं समझा वही समझा रहा हु मैं !!
वो जो खुद में से कम निकलतें हैं !!
उनके ज़हनों में बम निकलतें हैं !!
आप में कौन-कौन रहता है !!
हम में तो सिर्फ हम निकलते हैं !!
कोई पत्थर की मूरत है !!
किसी पत्थर में मूरत है !!
लो हमने देख ली दुनिया !!
जो इतनी खुबसूरत है !!
जमाना अपनी समझे पर !!
मुझे अपनी खबर यह है !!
तुझे मेरी जरुरत है !!
मुझे तेरी जरुरत है !!
घर से निकला हूँ तो निकला है घर भी साथ मेरे !!
देखना ये है कि मंज़िल पे कौन पहुँचेगा !!
मेरी कश्ती में भँवर बाँध के दुनिया ख़ुश है !!
दुनिया देखेगी कि साहिल पे कौन पहुँचेगा !!
Kumar Vishwas shayari in hindi
मोहब्बत एक अहसासों की पावन सी कहानी है !!
कभी कबिरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है !!
यहाँ सब लोग कहते हैं मेरी आंखों में आँसू हैं !!
जो तू समझे तो मोती है जो ना समझे तो पानी है !!
फ़लक पे भोर की दुल्हन यूँ सज के आई है !!
ये दिन उगा है या सूरज के घर सगाई है !!
अभी भी आते हैं आँसू मेरी कहानी में !!
कलम में शुक्र-ए- खुदा है कि रौशनाई है !!
हमारे शेर सुन कर भी जो खामोश इतना है !!
खुदा जाने गुरूर-ए-हुस्न में मदहोश कितना है !!
किसी प्याले से पुछा है सुराही मैं सबब में का !!
जो खुद बेहोश हो वो क्या बताये के होश कितना है !!
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एक दो दिन मे वो इकरार कहाँ आएगा !!
हर सुबह एक ही अखबार कहाँ आएगा !!
आज जो बांधा है इन में तो बहल जायेंगे !!
रोज इन बाहों का त्योहार कहाँ आएगा !!
उसी की तरहा मुझे सारा ज़माना चाहे !!
वो मेरा होने से ज्यादा मुझे पाना चाहे !!
मेरी पलकों से फिसल जाता है चेहरा तेरा !!
ये मुसाफिर तो कोई ठिकाना चाहे !!
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फ़लक पे भोर की दुल्हन यूँ सज के आई है !!
ये दिन उगा है या सूरज के घर सगाई है !!
अभी भी आते हैं आँसू मेरी कहानी में !!
कलम में शुक्र-ए-खुदा है कि रौशनाई है !!
हमारे शेर सुन कर भी जो खामोश इतना है !!
खुदा जाने गुरूर-ए-हुस्न में मदहोश कितना है !!
किसी प्याले से पुछा है सुराही मैं सबब में का !!
जो खुद बेहोश हो वो क्या बताये के होश कितना है !!
घर से निकला हूँ तो निकला है घर भी साथ मेरे !!
देखना ये है कि मंज़िल पे कौन पहुँचेगा !!
मेरी कश्ती में भँवर बाँध के दुनिया ख़ुश है !!
दुनिया देखेगी कि साहिल पे कौन पहुँचेगा !!
Kumar Vishwas shayari in hindi
सदा तो धूप के हाथों में ही परचम नहीं होता !!
खुशी के घर में भी बोलों कभी क्या गम नहीं होता !!
फ़क़त इक आदमी के वास्तें जग छोड़ने वालो !!
फ़क़त उस आदमी से ये ज़माना कम नहीं होता !!
नज़र में शोखिया लब पर मुहब्बत का तराना है !!
मेरी उम्मीद की जद़ में अभी सारा जमाना है !!
कई जीते है दिल के देश पर मालूम है !!
मैं तो सिकन्दर हूँ मुझे इक रोज खाली हाथ जाना है !!
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बात ऊँची थी मगर बात जरा कम आंकी !!
उसने जज्बात की औकात जरा कम आंकी !!
वो फरिश्ता कह कर मुझे जलील करता रहा !!
मै इंसान हूँ, मेरी जात जरा कम आंकी !!
पनाहों में जो आया हो, तो उस पर वार क्या करना !!
जो दिल हारा हुआ हो उस पे फिर अधिकार क्या करना !!
मुहब्बत का मजा तो डूबने की कशमकश में है !!
हो ग़र मालूम गहराई तो दरिया पार क्या करना !!
Kumar Vishwas shayari in hindi
मेहफिल-महफ़िल मुस्काना तो पड़ता है !!
खुद ही खुद को समझाना तो पड़ता है !!
उनकी आँखों से होकर दिल जाना !!
रस्ते में ये मैखाना तो पड़ता है !!
हर एक नदिया के होंठों पे समंदर का तराना है !!
यहाँ फरहाद के आगे सदा कोई बहाना है !!
वही बातें पुरानी थीं, वही किस्सा पुराना है !!
तुम्हारे और मेरे बिच में फिर से जमाना है !!
आँखें की छत पे टहलते रहे काले साये !!
कोई पहले में उजाले भरने नहीं आया !!
कितनी दिवाली गयी, कितने दशहरे बीते !!
इन मुंडेरों पर कोई दीप न धरने आया !!
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कितनी दुनिया है मुझे ज़िन्दगी देने वाली !!
और एक ख्वाब है तेरा की जो मर जाता है !!
खुद को तरतीब से जोड़ूँ तो कहा से जोड़ूँ !!
मेरी मिट्टी में जो तू है की बिखर जाता है !!
कलम को खून में खुद के डुबोता हूँ तो हंगामा !!
गिरेबां अपना आंसू में भिगोता हूँ तो हंगामा !!
नही मुझ पर भी जो खुद की खबर वो है जमाने पर !!
मैं हंसता हूँ तो हंगामा मैं रोता हूँ तो हंगामा !!
उम्मीदों का फटा पैरहन !!
रोज़-रोज़ सिलना पड़ता है !!
तुम से मिलने की कोशिश में !!
किस-किस से मिलना पड़ता है !!
Kumar Vishwas shayari in hindi
चंद चेहरे लगेंगे अपने से !!
खुद को पर बेक़रार मत करना !!
आख़िरश दिल्लगी लगी दिल पर !!
हम न कहते थे प्यार मत करना !!
वो जो खुद में से कम निकलतें हैं !!
उनके ज़हनों में बम निकलतें हैं !!
आप में कौन-कौन रहता है !!
हम में तो सिर्फ हम निकलते हैं !!
स्वंय से दूर हो तुम भी स्वंय से दूर है हम भी !!
बहुत मशहूर हो तुम भी बहुत मशहूर है हम भी !!
बड़े मगरूर हो तुम भी बड़े मगरूर है हम भी !!
अतः मजबूर हो तुम भी अतः मजबूर है हम भी !!
ये दिल बर्बाद करके सो में क्यों आबाद रहते हो !!
कोई कल कह रहा था तुम अल्लाहाबाद रहते हो !!
ये कैसी शोहरतें मुझको अता कर दी मेरे मौला !!
मैं सभ कुछ भूल जाता हूँ मगर तुम याद रहते हो !!
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सदा तो धूप के हाथों में ही परचम नहीं होता !!
खुशी के घर में भी बोलों कभी क्या गम नहीं होता !!
फ़क़त इक आदमी के वास्तें जग छोड़ने वालो !!
फ़क़त उस आदमी से ये ज़माना कम नहीं होता !!
सब अपने दिल के राजा है सबकी कोई रानी है !!
भले प्रकाशित हो न हो पर सबकी कोई कहानी है !!
बहुत सरल है किसने कितना दर्द सहा !!
जिसकी जितनी आँख हँसे है उतनी पीर पुराणी है !!
मै तेरा ख्वाब जी लून पर लाचारी है !!
मेरा गुरूर मेरी ख्वाहिसों पे भरी है !!
सुबह के सुर्ख उजालों से तेरी मांग से !!
मेरे सामने तो ये श्याह रात सारी है !!
हिम्मत ऐ दुआ बढ़ जाती है !!
हम चिरागों की इन हवाओ से !!
कोई तो जाके बता दे उसको !!
दर्द बढ़ता है अब दुआओं से !!
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नज़र में शोखिया लब पर मुहब्बत का तराना है !!
मेरी उम्मीद की जद़ में अभी सारा जमाना है !!
कई जीते है दिल के देश पर मालूम है मुझकों !!
सिकन्दर हूं मुझे इक रोज खाली हाथ जाना है !!
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तूफ़ानी लहरें हों !!
अम्बर के पहरे हों !!
पुरवा के दामन पर दाग़ बहुत गहरे हों !!
सागर के माँझी मत मन को तू हारना !!
जीवन के क्रम में जो खोया है, पाना है !!
पतझर का मतलब है फिर बसंत आना है !!
मेरा अपना तजुर्बा है तुम्हे बतला रहा हूँ मैं !!
कोई लब छू गया था तब के अब तक गा रहा हु मैं !!
बिछुड़ के तुम से अब कैसे जिया जाए बिना तड़पे !!
जो में खुद हे नहीं समझा वही समझा रहा हु मैं !!
जो किए ही नहीं कभी मैंने !!
वो भी वादे निभा रहा हूँ मैं !!
मुझसे फिर बात कर रही है वो !!
फिर से बातों मे आ रहा हूँ मैं !!
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एक दो दिन मे वो इकरार कहाँ आएगा !!
हर सुबह एक ही अखबार कहाँ आएगा !!
आज जो बांधा है इन में तो बहल जायेंगे !!
रोज इन बाहों का त्योहार कहाँ आएगा !!
हर ओर शिवम-सत्यम-सुन्दर !!
हर दिशा-दिशा मे हर हर है !!
जड़-चेतन मे अभिव्यक्त सतत !!
कंकर-कंकर मे शंकर है !!
गिरेबान चेक करना क्या है सीना और मुश्किल है !!
हर एक पल मुस्कुराकर अश्क पीना और मुश्किल है !!
हमारी बदनसीबी ने हमें बस इतना सिखाया है !!
किसी के इश्क़ में मरने से जीना और मुश्किल है !!
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वो सब रंग बेरंग हैं जो ढूंढते व्यापार होली में !!
विजेता हैं जिन्हें स्वीकार हर हार होली में !!
मैं मंदिर से निकल आऊँ तुम मस्जिद से निकल आना !!
तो मिलकर हम लगाएंगे गुलाल-ए-प्यार होली में !!
इन उम्र से लम्बी सड़को को !!
मंज़िल पे पहुंचते देखा नहीं !!
बस दोड़ती फिरती रहती हैं !!
हम ने तो ठहरते देखा नहीं !!
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