तिनका सा मैं और समुन्दर सा इश्क़ !!
डूबने का डर और डूबना ही इश्क़ !!
नशे की आदत तेरी आँखों ने लगायी है !!
वरना हम भी कभी होश में जिया करते थे !!
रूबरू होने का मौका तो नहीं मिलता है हर दिन !!
इसलिए शब्दों से अपने छू लेता हूँ मैं तुम्हे !!
खुदा करे वो मोहब्बत जो तेरे नाम से है !!
हजार साल गुजरने पे भी जवान ही रहे !!
तुम्हारी ज़ुल्फ़ों के साये में शाम कर लूंगा !!
सफर इस उम्र का पल में तमाम कर लूंगा !!
हमें सीने से लगाकर,हमारी सारी कसक दूर कर दो !!
हम सिर्फ तुम्हारे हो जाऐ,हमें इतना मजबूर कर दो !!
जरा छू लूं तुमको मुझको यकीन आ जाए !!
लोग कहते हैं कि मुझे साए से मोहब्बत है !!
दिल में हो आप तो कोई और खास कैसे होगा !!
यादों में आपके सिवा कोई पास कैसे होगा !!
ज़िन्दगी तुम मेरी बन जाओ रब से और क्या माँगू !!
जीने की वजह बन जाओ बस ये ही दुआ माँगू !!
नजाकत ले के आँखों में ,वो उनका देखना तौबा !!
या खुदा हम उन्हें देखें कि उनका देखना देखें !!
मेरी बाहों में बहकने की सज़ा भी सुन ले !!
अब बहुत देर से आजाद करूँगा तुझे !!
वो रब ही जाने क्यूं तुम हाथों पे मेहंदी लगाती हो !!
बड़ी ना-समझ हो.. फूलों पर पत्तों के रंग चढ़ाती हो !!
उलझा रही है मुझको ,यही कश्मकश आजकल !!
तू आ बसी है मुझमें ,या मैं तुझमें कहीं खो गया हूँ !!
चेहरा हसीन गुलाबों से मिलता जुलता है !!
नशा पीने से ज्यादा तुमको देखने से चढ़ता है !!
एक आरज़ू है अगर पूरी परवरदिगार करे !!
मैं देर से आऊं और वो मेरा इंतज़ार करे !!
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