काल अनेक महाकाल एक देव अनेक महादेव एक !!
शक्ति अनेक शिवशक्ति एक नेत्र अनेक त्रिनेत्र एक !!
मेरे जिस्म जान में भोलेनाथ नाम तुम्हारा हैं !!
आज अगर मैं खुश हु तो यह अहसास भी तुम्हारा हैं !!
कोई कहे शिव शंभु और शंकर कोई कहे कैलाशपति !!
कोई कहे भूतनाथ मैं तो कहु सबकी सुनो बाबा भोलेनाथ !!
मेरे महादेव मुझे मरने का कोई तरीका बता दे !!
नहीं तो मेरे दिल से उसकी एक एक याद मिटा दे !!
भोलेनाथ तेरी शरण में ही तो बसता हूँ !!
तुझे ही देखकर तो हसता हूँ !!
किसी से रखा नहीं अब मैंने वास्ता !!
शिव ही मेरी मंजिल,अब शिव ही मेरा रास्ता !!
जब फितरत में नशा महाकाल का हो तो !!
रुतबे में गुरूर तो होगा ही ना !!
शीशा कमजोर बहुत होता हैं !!
मगर सच दिखाने से घबराता नहीं हैं !!
कुछ यु उतर गए हो मेरी रग रग में तुम !!
की खुद से पहले अहसास तुम्हारा होता हैं !!
सिर्फ तुम्हारा साथ चाहिए !!
बाकि किसी की जरूरत नहीं मुझे हे महादेव !!
जब दिल को लगती हैं न !!
तभी दिल महादेव से लगता हैं !!
कुछ ज्यादा नहीं जानती तेरी भक्ति के बारे में !!
बस तेरे दर पर पहुंच कर मेरा सफर खत्म हो जाता हैं !!
काल का भी उस पर क्या आघात हैं !!
जिस बन्दे पर महाकाल का हाथ हैं !!
वक्त बुरा हैं भी गुजर जायेगा ये वक्त !!
पर साथ तेरा हैं ये विश्वास हैं मेरा !!
हम तकदीर पर नही !!
महादेव पर भरोसा करते हैं !!
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