Latest 387+ Majburi Shayari In Hindi 2023 | मजबूरी शायरी हिंदी

Majburi Shayari In Hindi-  दोस्तों हर इंसान की जिंदगी में कभी न कभी कोई ऐसी भी मजबूरी आती है जिसे वह किसी को नही बता सकता ऐसे में कही लोग ऐसे होते है जो उस इंसान की मजबूरी का फायदा उठाते हैं और कही लोग ऐसे भी होते हैं जो उस इंसान की मदत भी करते हैं ।

दोस्तों कभी किसी इंसान की मजबूरी का फायदा नही उठाना चाहे । इस पोस्ट में हम आपके लिए बहुत सारी Majburi Shayari in Hindi आदि लेके आये हैं उम्मीद है आपको यह मज़बूरी शायरी पसंद आयेंगे पसंद आये तो शेयर जरुर करें अपने दोस्तों और सोशल मिडिया पर ।

जब मजबूरियाँ होती हैं साथ,
तो दिल का दर्द होता है बरसात।

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मजबूर हूँ मैं, दिल की गहराइयों में,
आपकी यादों का सिलसिला बसा है।

मजबूर हो जाता हूँ मैं, तेरी यादों में,
जब भी तू दूर चली जाती है दिल से।

मजबूरी में भी तुझसे प्यार करता हूँ,
दिल की बेबसी का आलम है ये इज़हार।

मजबूर होते हैं हम,तेरी दिल की धडकनों में,
तू जो हमारे साथ हो,तब तक हम खुशियों का सफर तय करते हैं।

मजबूरी के चलते,तुझसे दूर जाना पड़ा,
लेकिन दिल सबकुछ भूल नहीं पाया।

मजबूर हूँ मैं, तुझे खोने का डर है,
तेरी बिना जीना, यही है हमारी मजबूरी।

मजबूरी के नाम पर,तुझसे दूर जाने का फैसला किया,
पर दिल के दर्द का सच ये है, कुछ भी नहीं मिट प

मजबूर होना कोई गुनाह नहीं है,
तेरी यादों का दर्द भी तो खुद का दर्द है।

मजबूरी में जीना सीख लिया है मैंने,
तेरे बिना भी दिल को बेचैना नहीं किया।

मजबूर होकर भी तुझे प्यार करता हूँ,
क्योंकि तू ही है मेरी जिंदगी की बेहद महत्वपूर्ण मजबूरी।

Majburi Shayari In Hindi

मजबूरियों के बावजूद भी, तेरी यादें रहती हैं मेरे दिल में,
क्योंकि वो हमारे प्यार की तस्वीर हैं।

मजबूर हैं हम, तुझे पाने की तमन्ना में,
तेरे प्यार में खो जाने की इच्छा है हमें।

मजबूरियों का सामना करते हैं हम रोज़,
फिर भी तेरे प्यार के लिए हम तैयार हैं।

मजबूरी के चलते, हम तेरे बिना नहीं रह सकते,
पर तेरे बिना रहकर भी हम तुझसे प्यार करते हैं।

मजबूर हैं हम, तुझे खोने का खोफ है,
तू जो हमारी जिन्दगी की रौशनी है।

मजबूरी में भी तुझे चाहता हूँ,
तू हमारी जिन्दगी का हिस्सा है, यही मेरी मजबूरी है।

मजबूर होते हैं हम, तेरी यादों में खो जाते हैं,
तू जो हमारे दिल की धडकन है।

मजबूरियों के चलते, हम तेरे बिना नहीं रह सकते,
पर तुझे खोने का डर हमें आता है।

मजबूर होकर भी तुझे चाहता हूँ,
क्योंकि तू हमारे दिल की धडकन है।

मजबूर हूँ मैं, तेरे प्यार की मोहब्बत में,
तेरी यादों से है मेरी जिन्दगी की मोहब्बत की मजबूरी।

मजबूर होने के बावजूद भी, हम तेरे लिए तरसते हैं,
क्योंकि तू हमारी दुआ है, हमारी मजबूरी है।

मजबूरी में भी तेरे बिना नहीं रह सकता,
पर तुझे पाने की ख्वाहिश हमारी मजबूरी है।

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Majburi Shayari

मजबूर होने के बावजूद भी, हम तेरी यादों में रहते हैं,
तेरी बिना दुनिया की हर खुशी से महरूम हैं हम।

मजबूर हूँ मैं, तुझसे मिलने की आस है,
तेरे बिना जीना मेरी मजबूरी है।

मजबूर होकर भी तेरे प्यार में खो जाता हूँ,
क्योंकि तू हमारी जिन्दगी की बेहद महत्वपूर्ण मजबूरी है।

मजबूर होने से हमने सीखा,
तेरे बिना जीना मुश्किल है, मगर जिन्दगी हमारी मजबूरी है।

मजबूरी का सामना करना हमें सिखा दिया,
तुझसे मिलने की आशा हमारी मजबूरी है।

मजबूर होकर भी तेरे प्यार में खो जाते हैं,
क्योंकि तू हमारी जिन्दगी की सबसे खास मजबूरी है।

मजबूर हूँ मैं, तेरे ख्यालों में खो जाता हूँ,
तेरे प्यार की आग में हम जल जाते हैं।

मजबूर होने के बावजूद भी, हम तेरी यादों में जीते हैं,
तेरे बिना हमारी जिन्दगी अधूरी है।

मजबूर हूँ मैं, तुझे चाहने का हक है मेरे पास,
तेरे बिना मेरी जिन्दगी सुनी हुई बिना आसमान है।

मजबूर होकर भी तेरे प्यार में खो जाता हूँ,
क्योंकि तू हमारी जिन्दगी की दुआ है, हमारी मजबूरी है।

मजबूर होने के बावजूद भी, हम तुझे खोने का डर है,
क्योंकि तू हमारी खुशियों की सबसे बड़ी मजबूरी है।

मजबूरी में भी तुझे चाहता हूँ,
तेरी यादों के साथ गुजारने की मेरी मजबूरी है।

मजबूर होते हैं हम, तेरी यादों में खो जाते हैं,
तेरे प्यार के बिना, हमारी जिन्दगी अधूरी है।

मजबूरी के बावजूद भी, हम तुझे चाहते हैं,
तेरे बिना जीना, हमारी बेहद बड़ी मजबूरी है।

मजबूर होने से हमने सीखा,
तेरी यादों में खोकर जीना, हमारी जिन्दगी की बड़ी मजबूरी है।

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मजबूरी शायरी हिंदी

मजबूर होकर भी तुझे चाहता हूँ,
क्योंकि तू हमारी जिन्दगी की सबसे बड़ी मजबूरी है।

मजबूर हूँ मैं, तेरे प्यार में खो जाता हूँ,
तेरी यादों का सहारा, मेरी जिन्दगी की सबसे बड़ी मजबूरी है।

मजबूर होने से हमने खुद को पहचाना,
तेरे प्यार में डूबकर जीना, हमारी मजबूरी है।

मजबूर हूँ मैं, तेरी बिना जीने का सोचा भी नहीं,
तेरी यादों के साथ ही मेरा सब कुछ है, यही हमारी मजबूरी है।

मजबूर होने से हमने जाना,
तेरे प्यार में बिना तुझे जीना हमारी मजबूरी है।

मजबूर होकर भी तुझे चाहता हूँ,
क्योंकि तू हमारे दिल की धडकन है, हमारी मजबूरी है।

मजबूर हूँ मैं, तुझे पाने की तमन्ना हमें रहती है,
तेरी यादों के साथ ही हम जिन्दगी बिताने की मजबूरी है।

मजबूर होने से हमने जान लिया,
तेरे प्यार में बिना तुझे जीना हमारी मजबूरी है।

मजबूर होकर भी तेरे प्यार में रंग लिया है दिल,
तेरी छांव में ही हमारी राहें मिलती हैं।

मजबूर हूँ मैं, पर तेरे बिना जीने की तो सोचा नहीं,
तेरे प्यार में ही मेरी मोहब्बत की आज़ादी है।

मजबूर होकर भी, हम तुझे अपनी जिन्दगी मानते हैं,
तेरे बिना हमारी दुनिया अधूरी है।

मजबूरी के चलते, हम तेरे बिना नहीं रह सकते,
तेरे प्यार में ही हमारी जिन्दगी की सबसे बड़ी चाहत है।

मजबूर होने से हमने सीखा,
तेरे बिना हमारी दुनिया सुनी हुई है, मगर तेरे प्यार के बिना हमारी जिन्दगी अधूरी है।

मजबूर होकर भी तुझे चाहता हूँ,
क्योंकि तू हमारे दिल की धडकन है, हमारी मजबूरी है।

मजबूर हूँ मैं, तेरे प्यार में खो जाता हूँ,
तेरी यादों में डूबकर जीना हमारी मजबूरी है।

मजबूरी के चलते, हम तेरे बिना नहीं रह सकते,
तेरे प्यार में ही हमारी खुशियाँ हैं।

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मजबूर होने से हमने खुद को पहचाना,
तेरे प्यार में ही हमारी आज़ादी है, हमारी मजबूरी है।

मजबूर होकर भी तुझे चाहता हूँ,
क्योंकि तू हमारे जीवन की रौशनी है, हमारी मजबूरी है।

मजबूर होने के बावजूद भी, हम तेरे दिल में बसे हैं,
तू हमारी ख्वाहिश, हमारी मजबूरी है।

मजबूर हूँ मैं, तेरे बिना दुनिया की सुनी हुई दुनिया में,
तेरे प्यार के बिना जीना, मेरी मजबूरी है।

मजबूर होकर भी तुझे चाहता हूँ,
क्योंकि तू हमारे सपनों की ख्वाहिश है,हमारी मजबूरी है।

मजबूर होने से हमने जाना,
तेरे प्यार के बिना जीना, हम

मजबूर होने के बावजूद भी,हम तेरे ख्यालों में खोते हैं,
तेरी बिना दुनिया की हर खुशी से अदूर हैं हम।

मजबूर हूँ मैं, तेरे प्यार की मोहब्बत में,
तेरी यादों के साथ ही हमारा सब कुछ है,यही हमारी मजबूरी है।

मजबूर होने से हमने सीखा,
तेरे बिना हमारी जिन्दगी अधूरी है,तुझे पाने की आशा हमारी मजबूरी है।

मजबूर होकर भी तुझे चाहता हूँ,
क्योंकि तू हमारे दिल की बात है,हमारी मजबूरी है।

मजबूर हूँ मैं,तेरे ख्यालों में खो जाता हूँ,
तेरे प्यार के बिना अधूरा है हमारा जीवन।

मजबूर होकर भी तेरे प्यार में खो जाता हूँ,
क्योंकि तू हमारी जिन्दगी की सबसे खास मजबूरी है।

मजबूर हूँ मैं,तुझे पाने की तमन्ना में,
तेरे प्यार में ही हमारी खुशियाँ हैं।

मजबूर होने के बावजूद भी,हम तेरे बिना नहीं रह सकते,
तेरे प्यार में ही हमारी जिन्दगी की सबसे बड़ी चाहत है।

मजबूर होते हैं हम,तेरी यादों में खो जाते हैं,
तेरे प्यार के बिना,हमारी जिन्दगी अधूरी है।

True Love Shayari 2 line | सच्ची मोहब्बत शायरी 2 लाइन

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मजबूर हूँ मैं,तुझे चाहने का हक है मेरे पास,
तेरी यादों के साथ ही हमारी जिन्दगी की सबसे बड़ी मजबूरी है।

मजबूर होने से हमने सीखा,
तेरे प्यार में ही हमारी आज़ादी है,हमारी मजबूरी है।

मजबूर नही करेंगे तुझे वादे निभानें के लिए !!
बस एक बार आ जा अपनी यादें वापस ले जाने के लिए !!

कुछ अलग ही करना है तो वफ़ा करो वरना !!
मजबूरी का नाम लेकर बेवफ़ाई और तो सभी करते है !!

शाख़ से कांटे का गम उनको बहुत था लेकिन
फ़ूल मजबूर थे हँसते रहे गुलदानों में !!

कह तो सकता हूं मगर मजबूर नहीं कर सकता !!
इख्तियार अपनी जगह है बेबसी अपनी जगह !!

रिश्ते बधें हो अगर दिल की डोरी से !!
तो दुर नही होते किसी मजबुरी से !!

मुझे आगोश मैं ले कर मेरी सारी कसक दूर कर दो !!
मैं सिर्फ तुम्हारा हो जाऊ मुझे इतना मजबूर कर दो !!

अपनी बेवफाई को मजबूरी बता गई !!
आज फिर वो एक समझोता कर गई !!

हमें सीने से लगाकर हमारी सारी कसक दूर कर दो !!
हम सिर्फ तुम्हारे हो जाऐ हमें इतना मजबूर कर दो !!

मजबूर रहे हम दोनो अपने अपने दायरे मैं !!
वो मोहब्बत निभा ना सका मैं मोहब्बत भुला ना सका !!

हँसना कभी कभी मजबूरी बन ही जाता है !!
वो जिंदगी का उसूल है हँसो यारो !!

बाहों में नहीं है वो कोई बात नहीं साहब !!
अभी ये दूरियाँ तो मजबूरी हैं ज़िन्दगी के लिए !!

तक़दीर की बातें बहुत करता था वो !!
वक़्त आनें पर ख़ुद को मजबूर बता के चलता बना वो !!

वो इस क़दर हमसे दूर जानें को तैयार हो गया !!
जैसे कि हमनेँ उसे मजबूर किया था मोहब्ब्त के लिए !!

उसके इज़हार को मना करना मजबूरी थी मेरी !!
उससे इश्क़ करके छोड़ देना हमसे हो नहीं पाएगा !!

उसका घर तबाह किया गया सबके सामनें !!
लोगों ने बाद में कहा की मजबूरी थी चुप रहना !!

अब हम थोड़े पुरानें खयाल के हैं क्या करें !!
हमसे ये नए नए ट्रेंड नहीं होते ज़रा मजबूरी भी तो समझा कीजिए !!

Majboori shayari

सवाल समझ कर भी जो जबाब ना दे पा रहा हो !!
सोचो ज़रा कितना मजबूर होगा वो !!

किसी को बांध कर रखना फितरत नहीं मेरी !!
मैं प्रेम का धागा हूं मजबूरी की जंजीर नहीं !!

गर्दिश तो चाहती है तबाही मेरी मगर !!
मजबूर है किसी की दुआओं के सामने !!

जिंदगी कोई ऐसा तो बहाना दे !!
की मजबूत हो जाऊं जिंदगी जीने के लिए !!

मिलना हमारा दोनों का बहुत मुश्किल है !!
क्यूंकि तुम्हारे पैर में मेहंदी है और मेरे पैर में छाले !!

दूरी भी हो सकती है कल हम में !!
और तुम में उसकी कोई मजबूरी भी हो सकती हैं !!

मुलाकातें तो आज भी हो जाती है तुमसे !!
मेरे ख्याल किसी मजबूरी के मोहताज नहीं !!

तेरी ख़ामोशी अगर तेरी मजबूरी है !!
तो रहने दो इश्क़ भी कौन सा जरूरी है !!

अपना बनाकर फिर कुछ दिनों में बेगाना बना दिया !!
भर गया दिल हमसे और मजबूरी का बहाना बना दिया !!

मैं मजबूरियां ओढ़ कर निकलता हूँ घर से आज कल !!
वरना शौक तो आज भी है बारिशों में भीगने का !!

अगर तेरी मजबूरी है भूल जाने की !!
तो मेरी आदत है तुझे याद रखने की !!

जो लोग आपकी मजबूरी को समझते है !!
वही आपके मजबूरी का फायदा उठाते है !!

नफरतें बेचने वालों की भी मजबूरी है !!
माल तो चाहिए दुकान चलाने के लिए !!

जिन्दगी भी तवायफ की तरह होती है !!
कभी मजबूरी में नाचती है कभी मशहूरी में !!

Majboori shayari in hindi

तेरी ख़ामोशी अगर तेरी मज़बूरी हैं !!
तो रहने दे इश्क कौन सा जरुरी हैं !!

तुझसे दूर रहकर मोहब्बत बढ़ती जा रही है !!
केसे कहूँ ये दुरी तुझे और करीब ला रही है !!

किसी की मजबूरी कोई समझता नहीं !!
दिल टूटे तो दर्द होता है मगर कोई कहता नहीं !!

थके लोगों को मजबूरी में चलते देख लेता हूँ !!
मैं बस की खिड़कियों से ये तमाशे देख लेता हूँ !!

किसी की मजबूरी का मजाक ना बनाओ यारों !!
जिन्दगी कभी मौका देती है तो कभी धोखा भी देती है !!

मजबूरी बन जाती है मोहब्बत में और ये मजबूरी ही है !!
जनाब जो दो दिलों को और करीब ले आती है !!

दूर हो गए तुमसे ना चाहते हुए !!
बस मजबूरी ऐसी हुई की कभी दुबारा मिल ही नहीं सके !!

खामोशी आपकी अगर मजबूरी है !!
तो रहने दो फिर इस्क कोनसा जरूरी है !!

मोहब्बत के उसूलों को अगर तुम समजते !!
तो किसी की जान बनकर उसे तन्हा नहीं करते !!

आजाद कर मुझे अपनी कैद से !!
आज भी में आपकी पहली नजर में कैद हू !!

किसी को क्या बताये कि कितना मजबूर हूं !!
चाहा था सिर्फ एक तुमको और तुमसे ही दूर हूं !!

किसी की मजबूरी का मजाक ना बनाओ यारो !!
ज़िन्दगी कभी मौका देती है कभी धोखा भी देती है !!

ज़िन्दगी में बेशक हर मौके का फायदा उठाओ !!
मगर किसी के हालात और मजबूरी का नहीं !!

सोचते थे मिलेगा सुकून ऐ दिल उनसे मिलकर !!
पर दर्द और बढ़ जाता है उन्हें देखने के बाद !!

अक्सर चलते हुए देख लेता हूं !!
थके हुए लोगों को बस की !!
खिड़कियों से अक्षर हम ये देख लेते हैं !!

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मोहब्बत और बढ़ती जा रही है !!
तुझसे दूर रहकर क्या करू !!
जो दूरी बड़ रही गई उतनी ही करीब आ रही है !!

दम तोड़ जाती है हर शिकायत !!
लबों पे आकर जब मासूमियत से !!
वो कहती है मैंने क्या किया है !!

किसी की मजबूरी का मजाक ना !!
बनाओ यारों ,जिन्दगी कभी मौका !!
देती है तो कभी धोखा भी देती है !!

मैं मजबूरियां ओढ़ कर निकलता हूँ !!
घर से आज कल वरना !!
शौक तो आज भी है बारिशों में भीगने का !!

खामोशी समझदारी भी है !!
और मजबूरी भी कहीं नज़दीकियां बढ़ाती है !!
और कहीं दूरी भी !!

कुछ अलग ही करना है तो !!
वफ़ा करो वरना मजबूरी का नाम !!
लेकर वफाई तो सभी करते है !!

कितने मजबूर हैं हम !!
प्यार के हाथों ना तुझे पाने की औकात !!
ना तुझे खोने का हौसला !!

मजबूरी में किसी का तन बिकता है !!
किसी का धन भिकता है !!
अक्सर दुकानों पर शरफत का चलन बिकता है !!

मिलना एक इत्तेफ़ाक है !!
और बिछड़ना मजबूरी है !!
चार दिन की इस जिन्दगी में !!
सबका साथ होना जरूरी है.

आप दिल से यूँ पुकारा ना करो !!
हमको यूँ प्यार से इशारा ना करो !!
हम दूर हैं आपसे ये मजबूरी है हमारी !!
आप तन्हाइयों मे यूँ रुलाया ना करो !!

मजबूरी में जब जुदा होता है !!
ज़रूरी नहीं के वो बेवफा होता है !!
दे कर वो आपकी आँखों में आँसू !!
अकेले में आपसे भी ज्यादा रोता है !!

ये न समझ के मैं भूल गया हूँ तुझे !!
तेरी खुशबू मेरी सांसो में आज भी है !!
मजबूरी ने निभाने न दी मोहब्बत !!
सच्चाई तो मेरी वफ़ा में आज भी है !!

उन्हें चाहना हमारी कमजोरी है !!
उनसे नहीं कहे पाना हमारी मजबूरी है !!
ओ क्यों नही समझते हमारी ख़ामोशी को !!
क्या प्यार का इजहार करना जरूरी है !!

वह मान न सके गुजारिश हमारी !!
मजबूरी हमारी वह जान न सके !!
कहते हे याद रखेंगे मरते दम तक !!
जीते जी पहचान न सके !!

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वो छोड़ के गए हमें !!
न जाने उनकी क्या मजबूरी थी !!
खुदा ने कहा इसमें उनका कोई कसूर नहीं !!
ये कहानी तो मैंने लिखी ही अधूरी थी !!

हर प्यार में एक एहसास होता है !!
हर काम का एक अंदाज होता है !!
जब तक ना लगे बेवफाई की ठोकर !!
हर किसी को अपनी पसंद पे नाज़ होता है !!

देखा है हमने भी आज़मा कर !!
दे जाते है धोखा लोग करीब आकर !!
कहती है दुनिया मगर दिल नही !!
मानता !! क्या आप भी भुल जाओगे !!
हमें अपना बना कर !!

कभी गम तो कभी ख़ुशी देखी !!
हमने अक्सर मजबूरी और बेकसी देखी !!
उनकी नाराज़गी को हम क्या समझें !!
हमने तो खुद अपनी तकदीर की बेबसी देखी !!

मिलना एक इत्तेफ़ाक है !!
और बिछड़ना मजबूरी है !!
चार दिन की इस जिन्दगी में !!
सबका साथ होना जरूरी है !!

हमने खुदा से बोला वो छोड़ के चली गई !!
न जाने उसकी क्या मजबूरी थी !!
खुदा ने कहा इसमें उसका कोई कसूर नहीं !!
ये कहानी तो मैंने लिखी ही अधूरी थी !!

आप दिल से यूँ पुकारा ना करो !!
हमको यूँ प्यार से इशारा ना करो !!
हम दूर हैं आपसे ये मजबूरी है हमारी !!
आप तन्हाइयों मे यूँ रुलाया ना करो !!

चाँद की चांदनी आँखों में उतर आयी !!
कुछ ख्वाब थे और कुछ मेरी तन्हाई !!
ये जो पलकों से बह रहे हैं हल्के हल्के !!
कुछ तो मजबूरी थी कुछ तेरी बेवफाई !!

मजबूरी में जब जुदा होता है !!
ज़रूरी नहीं के वो बेवफा होता है !!
दे कर वो आपकी आँखों में आँसू !!
अकेले में आपसे भी ज्यादा रोता है !!

ये न समझ के मैं भूल गया हूँ तुझे !!
तेरी खुशबू मेरी सांसो में आज भी है !!
मजबूरी ने निभाने न दी मोहब्बत !!
सच्चाई तो मेरी वफ़ा में आज भी है !!

क्या थी मजबूरी तेरी !!
जो रस्ते बदल लिए तूने !!
हर राज कह देने वाले !!
क्यों इतनी सी बात छुपा ली तूने !!

राज की गहराई आँखों में उतर आई !!
कुछ ख्वाब थे और कुछ मेरी तन्हाई !!
ये जो पलकों से बह रहे है हल्के हल्के !!
कुछ तो मजबूरी थी कुछ तेरी बेवफ़ाई !!

वो मजबूरियों से घिरा है !!
वो मजबूर बहुत है !!
वो डरता नहीं मोहब्बत से !!
इसलिए मशहूर बहुत है !!

मेरी मोहबत है वो कोई मजबूरी नहीं !!
वो मुझे चाहे या मिल जाये जरूरी तो नहीं !!
ये कुछ कम है कि बसा है मेरी साँसों में वो !!
सामने हो मेरी आँखों के जरूरी तो नहीं !!

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वो करीब तो बहुत है !!
मगर कुछ दूरी के साथ !!
हम दोनों जी तो रहे है !!
मगर मजबूरी के साथ !!

एक ही समझती है मजबूरी हमारी !!
वो है तुम्हारी भाभी !!
हम दोनों की किश्मत की उनके !!
हाथ में है चाभी !!

उन्हें चाहना हमारी कमजोरी है !!
उनसे नहीं कहे पाना हमारी मजबूरी है !!
ओ क्यों नही समझते हमारी ख़ामोशी को !!
क्या प्यार का इजहार करना जरूरी है !!

हर कोई किसी की मजबूरी नहीं समझता !!
दिल से दिल की दूरी नहीं समझता !!
कोई तो किसी के बिना मर-मर के जीता है !!
और कोई किसी को याद करना भी जरूरी नहीं समझता !!

हमारी शरारत से कही रूठ न जाना !!
हमारी मजबूरी से कही टूट न जाना !!
तुम्हारी मोहब्बत ही हमारी जिन्दगी है !!
इस प्यारे से रिश्ते को भूल न जाना !!

एक अधूरी ख्वाईश मेरी पूरी हो जाये !!
मुझे याद करना उनकी मजबूरी हो जाये !!
ऐ खुदा कुछ ऐसी मजबूरी बना दे !!
कि उनकी हर ख्वाइश हमारे बिना अधूरी हो जाये !!

मजबूरी के साथ कभी मुझे प्यार मत करना !!
एहसान करके मुझे कभी खुशिया दान मत करना !!
दिल करे तो सच्चा प्यार करना !!
वरना झूठी अफवाहों से मुझे बदनाम ना करना !!

कभी भी किसी की मजबूरियों पर मत हँसना !!
कोई मजबूरियों को खरीद कर नहीं लाता !!
डर रखिये वक्त की मार से !!
बुरा वक्त किसी को बता कर नहीं आता !!

गुजारिश हमारी वह मान न सके !!
मजबूरी हमारी वह जान न सके !!
कहते थे मरने के बाद भी याद रखेंगे !!
जीते जी जो हमें पहचान न सके !!

उनके बिना खुशियाँ भी हमें !!
अधूरी सी लगती है !!
लोग जिसे जीना कहते है !!
ऐसी जिन्दगी हमें मजबूरी सी लगती है !!

रिश्तों को निभाने की मजबूरी पुरानी है !!
जिंदगी तो जैसे समझौतों की कहानी है !!
दुनिया के अंदर तो धोखे का समन्दर है !!
यहाँ करते है वफ़ा मिलती बदनामी है !!

मेरे दिल की मजबूरी को कोई इल्जाम न दे !!
मुझे याद रख बेशक मेरा नाम न ले !!
तेरा वहम है कि मैंने भुला दिया तुझे !!
मेरी एक साँस ऐसी नहीं जो तेरा नाम न ले !!

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