अर्ज़ सिर्फ इतना है दोस्ती के बारे में !!
आदमी गलत समझा आदमी के बारे में !!
कभी फुर्सत मिले तो इतना जरुर बताना !!
वो कौन सी मोहब्बत थी जो हम तुम्हें दे ना सके !!
इसी बात से लगा लेना मेरा रुतबे का अंदाजा !!
वह मुझे सलाम करते हैं जहाँ तुम नजरे झुकाते हो !!
सीधा साधा रहता हूँ अब माहौल बदल दूंगा !!
जिस दिन जिद पे आया अपना रोल बदल दूंगा !!
सहारों की आदत नहीं है हमें !!
अकेले ही कई महफिलें जिन्दा है मुझमे !!
खुद से जीतने की जिद है खुद को हारूंगा !!
भीड़ नहीं हूं अंतिम हथौड़ा मै ही मरूंगा !!
सही वक्त पर करवाएंगे हदों का अहसास !!
कुछ लोग समंदर को तालाब समझ बैठे हैं !!
इतना ऐटिटूड मत दिखा सनम !!
तेरी जवानी से ज़ादा ,मेरा ऐटिटूड है गरम !!
हम दुश्मनों को भी बड़ी जानदार सजा देते हैं !!
आवाज़ नहीं उठाते बस नजरो से गिरा देते हैं !!
सही को सही और गलत को गलत कहता हूँ !!
इसीलिए शायद रिश्ते कम रखता हूँ !!
माचिस तो यूँ ही बदनाम है हुजुर !!
हमारे तेवर तो आज भी आग लगाते है !!
तू मेरी नक़ल तो कर लेगा !!
लेकिन बराबरी कैसे करेगा !!
तुमने पूछा था ना कैसा हूँ मैं !!
कभी भूल न पाओगे ऐसा हूं मैं !!
इतना भी कीमती ना बना अपने आपको !!
हम गरीब लोग हैं महँगी चीज़ छोड़ दिया करते हैं !!
लोग हमसे जलते है !!
क्योंकि हमारी ज़िन्दगी SMILE से चलती है !!
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