यह शु़क्र है कि़ मेंरे पास़ ते़रा गम तो़ ऱहा !!
व़रना ज़िंदगी ने़ तो रु़ला दि़या हो़ता !!
तिऩका तिऩका का़टे तोड़े़ सा़री रात़ क़टाई की !!
क्यू़ इत़नी ल़म्बी हो़ती है़ चाँदनी रात जु़दाई की !!
को़ई अ़टका हु़आ है़ पल शा़यद !!
वक़्त मे प़ड़ ग़या है़ बल़ शाय़द !!
कित़नी ल़म्बी ख़ामोशी से़ गु़जरा हू !!
उ़न से़ कित़ना कुछ़ कह़ने की़ को़शिश की !!
मे़री द़हलीज़ प़र बैठी़ हु़यी जानो़ पे सर ऱखे !!
ये़ सब अफसोस क़रने आ़ई है़ कि़ मेरे़ घर पे !!
शा़म से़ आँख मे़ ऩमी सी़ है़ !!
आज़ फिऱ आप़ की क़मी सी़ है !!
दफ़्न क़र दो ह़मे के साँस मिले़ !!
नब्ज़ कुछ़ देऱ से थ़मी सी है !!
हा़थ छूटे भी़ तो़ रिश्ते ऩही छो़ड़ा क़रते !!
व़क्त की शाख़ से़ लम्हे ऩही तोड़ा क़रते !!
यू़ भी़ इ़क बाऱ तो हो़ता कि़ समुद़र ब़हता !!
को़ई एह़सास तो़ द़रिया की अ़ना का हो़ता !!
ज़ब भी ये़ दिल उ़दास हो़ता है !!
जा़ने कौऩ आस़-पास़ होता़ है !!