तेरे जाने से तो कुछ बदला नहीं !!
रात भी आयी और चाँद भी था !!
मगर नींद नहीं !!
मै़ दि़या हू़ !!
मे़री दु़श्म़नी तो़ सि़र्फ अ़धेरे से़ है !!
ह़वा तो़ बेव़जह ही़ मे़रे खिलाफ़ है़ !!
ज़ब़ त़क रास्ते स़म़झ मे आते हैं !!
त़़ब त़क लौट़ने का़ वक़्त हो़ जाता़ है !!
य़ही जिंदगी है !!
मि़ट्टी है़ य़ह़ मि़ट्टी !!
मिट्टी को़ मि़ट्टी मे़ द़फनाते़ हुए़ !!
रोते हो़ क्यो़ !!
बी़च आ़समाँ में था़ बात़ करते़- करते ही !!
चांद इ़स त़रह बु़झा जै़से फूंक़ से दिया !!
देखो़ तुम इ़तनी ल़म्बी सांस म़त लिया़ क़रो !!
वो़ मोहब्बत भी़ तु़म्हारी थी़ नफरत भी़ तुम्हारी़ थी़ !!
हम़ अपनी़ वफ़ा का़ इंसाफ कि़ससे़ माँगते़ !!
वो़ शहर भी़ तुम्हारा़ था वो़ अदालत भी़ तुम्हारी़ थी !!