मैंने दबी आवाज़ में पूछा? मुहब्बत करने लगी हो !!
नज़रें झुका कर वो बोली! बहुत !!
कोई पुछ रहा हैं मुझसे मेरी जिंदगी की कीमत !!
मुझे याद आ रहा है तेरा हल्के से मुस्कुराना !!
मैं दिया हूँ! मेरी दुश्मनी तो सिर्फ अँधेरे से हैं !!
हवा तो बेवजह ही मेरे खिलाफ हैं !!
बिगड़ैल हैं ये यादे !!
देर रात को टहलने निकलती हैं !!
उसने कागज की कई कश्तिया पानी उतारी और !!
ये कह के बहा दी कि समन्दर में मिलेंगे !!
कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती हैं !!
और कभी जिंदगी का एक पल नहीं गुजरता !!
रोई है किसी छत पे, अकेले ही में घुटकर !!
उतरी जो लबों पर तो वो नमकीन थी बारिश !!
दिल अगर हैं तो दर्द भी होंगा !!
इसका शायद कोई हल नहीं हैं !!
वो चीज़ जिसे दिल कहते हैं !!
हम भूल गए हैं रख के कहीं !!
हम तो समझे थे कि हम भूल गए हैं उनको !!
क्या हुआ आज ये किस बात पे रोना आया !!