उसने कागज की कई कश्तिया पानी उतारी और !!
ये कह के बहा दी कि समन्दर में मिलेंगे !!
कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती हैं !!
और कभी जिंदगी का एक पल नहीं गुजरता !!
रोई है किसी छत पे, अकेले ही में घुटकर !!
उतरी जो लबों पर तो वो नमकीन थी बारिश !!
दिल अगर हैं तो दर्द भी होंगा !!
इसका शायद कोई हल नहीं हैं !!
तेरे जाने से तो कुछ बदला नहीं !!
रात भी आयी और चाँद भी था मगर नींद नहीं !!
वो चीज़ जिसे दिल कहते हैं !!
हम भूल गए हैं रख के कहीं !!
कुछ बातें तब तक समझ में नहीं आती !!
जब तक ख़ुद पर ना गुजरे !!
हम तो समझे थे कि हम भूल गए हैं उनको !!
क्या हुआ आज ये किस बात पे रोना आया !!
किसी पर मर जाने से होती हैं मोहब्बत !!
इश्क जिंदा लोगों के बस का नहीं !!
कौन कहता हैं कि हम झूठ नहीं बोलते !!
एक बार खैरियत तो पूछ के देखियें !!