199+ Best Rahat Indori Shayari For Whatsapp
फैसला जो कुछ भी हो !!
हमें मंजूर होना चाहिए !!
जंग हो या इश्क हो !!
भरपूर होना चाहिए !!
भूलना भी हैं !!
जरुरी याद रखने के लिए !!
पास रहना है !!
तो थोडा दूर होना चाहिए !!
चेहरों के लिए आईने कुर्बान किये हैं !!
इस शौक में अपने बड़े नुकसान किये हैं !!
महफ़िल में मुझे गालियाँ देकर है बहुत खुश !!
जिस शख्स पर मैंने बड़े एहसान किये है !!
जुबा तो खोल नज़र तो मिला जवाब तो दे !!
में कितनी बार लुटा हु मुझे हिसाब तो दे !!
तेरे बदन की लिखावट में हैं उतार चढाव !!
में तुझको कैसे पढूंगा मुझे किताब तो दे !!
लोग हर मोड़ पे रुक रुक के संभलते क्यों हैं !!
इतना डरते हैं तो फिर घर से निकलते क्यों हैं !!
मोड़ होता हैं जवानी का संभलने के लिए !!
और सब लोग यही आके फिसलते क्यों हैं !!
मुझसे पहले वो किसी और की थी !!
मगर कुछ शायराना चाहिये था !!
चलो माना ये छोटी बात है !!
पर तुम्हें सब कुछ बताना चाहिये था !!
यहां दरिया पे पाबंदी नहीं है !!
मगर पहरे लबों पे लग रहे हैं !!
सरहदों पर तनाव है क्या !!
जरा पता तो करो चुनाव हैं क्या !!
मेरी ख्वाहिश है कि आंगन में न दीवार उठे !!
मेरे भाई मेरे हिस्से की जमीं तू रख ले !!
कभी दिमाग कभी दिल कभी नजर में रहो !!
ये सब तुम्हारे घर हैं किसी भी घर में रहो !!
साँसों की सीडियों से उतर आई जिंदगी !!
बुझते हुए दिए की तरह जल रहे हैं हम !!
उम्रों की धुप जिस्म का दरिया सुखा गयी !!
हैं हम भी आफताब मगर ढल रहे हैं हम !!
सारी बस्ती क़दमों में है !!
ये भी इक फ़नकारी है !!
वरना बदन को छोड़ के !!
अपना जो कुछ है सरकारी है !!
अभी गनीमत है सब्र मेरा !!
अभी लबालब भरा नहीं हूं !!
वो मुझको मुर्दा समझ रहा है !!
उसे कहो मैं मरा नहीं हूं !!
वो कह रहा है कि कुछ दिनों में !!
मिटा के रख दूंगा नस्ल तेरी !!
है उसकी आदत डरा रहा है !!
है मेरी फितरत डरा नहीं हूं !!